टोंक. शहर में मंगलवार शाम को गश्त के दौरान एक अवैध बजरी से भरे ट्रैक्टर को पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो ट्रैक्टर चालक ने पुलिस वाहन को टक्कर मार दी. इसके बाद ट्रैक्टर चालक मौके से फरार हो गया. इस हादसे में हेड कांस्टेबल खुशीराम गंभीर घायल हो गया, जिसे जयपुर भर्ती कराया गया, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. अब सवाल उठता है कि क्या आमलोगों को कानून का पाठ पढ़ाने वाला पुलिस महकमा अपने ही हेड कांस्टेबल की मौत के बाद कोई ठोस कदम उठाएगा या फिर अतीत के मामलों की तरह इस मामले में भी लीपापोती में जुट जाएगा. मृतक के शव को पुलिस लाइन लाया गया है, जहां श्रध्दाजंलि के बाद मृतक के घर ले जाया जाएगा.
टोंक डीएसपी राजेश विद्यार्थी ने कहा कि मंगलवार की शाम टोंक थाना कोतवाली क्षेत्र में देवली रोड स्थित सिंधी श्मशान क्षेत्र में कोतवाली थाना पुलिस की 112 नंबर की गश्ती जीप शहर के डिपो रोड पर गश्त कर रही थी. इस दौरान वहां से गुजर रहे बजरी से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली को गश्ती दल ने रोकने का प्रयास किया. ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक ने रुकने की जगह पहले वाहन को टक्कर मार दी, उसके बाद उसने हेड कांस्टेबल खुशीराम बैरवा को भी कुचल दिया. इस हादसे में हेड कांस्टेबल गंभीर रुप से घायल हो गया था जिसे सआदत अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद जयपुर रेफर किया गया, लेकिन अत्यधिक रक्त बहने से जयपुर में हेड कांस्टेबल की मौत हो गई.
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टोंक जिले में बजरी और पत्थर माफियाओं का खौफ : टोंक जिले में बजरी माफिया हो या फिर पत्थर माफिया जिला मुख्यालय से लेकर पूरे जिले में इनका खौफ है. तेज रफ्तार दौड़ते ट्रैक्टर और डंपर अब तक न जाने कितनों को काल का ग्रास बना चुके हैं, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती. यही कारण है कि घटनाएं और हमले बढ़ रहे हैं. कुछ दिन पूर्व बजरी से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने एक मोपेड सवार महिला को टक्कर मार दी थी. बनास नदी क्षेत्र के आस-पास व हाइवे के आस-पास के गांवों में तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से हादसे होते रहे हैं.