शिमला: हिमाचल में फेस्टिव सीजन में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को दिवाली पर धन लक्ष्मी की कृपा होने वाली है. ये इसलिए की सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दशहरे से एक दिन पहले 11 अक्टूबर को सचिवालय में पत्रकार वार्ता में कर्मचारियों और पेंशनर्स को 4 फीसदी डीए के साथ पेंडिंग मेडिकल बिलों के भुगतान का ऐलान किया था. वहीं, कर्मचारियों और पेंशनर्स को सैलरी और पेंशन भी एडवांस में दिवाली से पहले 28 अक्टूबर को देने की घोषणा की थी.
ऐसे में त्योहारी सीजन में कई सौगातें एक साथ मिलने पर लाखों कर्मचारी और पेंशनर्स खुश हैं. इसी बीच कल यानी 15 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी परिसंघ का जरनल हाउस होने जा रहा है.
इस जरनल हाउस में कर्मचारियों की मांगों को लेकर क्या कुछ रहने वाला है, इस बारे में परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने ईटीवी भारत से बात की. इस दौरान उन्होंने बेबाकी से अपनी राय रखी.
सीएम के थैंक्स के साथ रखी जाएंगी ये मांगें
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कर्मचारियों और पेंशनर्स को 4 फीसदी डीए सहित मेडिकल बिलों के भुगतान और अगले महीने की सैलरी और पेंशन एडवांस में 28 अक्टूबर को डाले जाने के ऐलान को लेकर मुख्यमंत्री का आभार जताया. उन्होंने कहा "जहां तक कल के जरनल हाउस की बात है तो ये पहले से ही प्रस्तावित है. हमने कहा था कि 15 अक्टूबर को जरनल हाउस करेंगे. इस बीच सरकार कुछ देती है तो हम धन्यवाद करेंगे अन्यथा आगे की रणनीति तैयार की जाएगी"
संजीव शर्मा ने कहा "जरनल हाउस में अतिरिक्त कर्मचारियों को 2016 से 2022 के बीच का एरियर, साल में अनुबंध कर्मचारियों को दो बार नियमित करना और आउटसोर्स के लिए नीति बनाने की मांग रखी जाएगी."
प्रिविलेज मोशन वापस ले सरकार
संजीव शर्मा ने कहा "जहां तक कर्मचारियों को नोटिस जारी होने की बात है तो इसका सरकार को जवाब दिया जा चुका है. प्रिविलेज मोशन को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रेसवार्ता के दौरान स्पीकर और संबंधित मंत्री से बात करने का भरोसा दिया था. आज तक इतिहास में कभी भी कर्मचारियों के खिलाफ प्रिविलेज मोशन नहीं लाया गया था."
पहले गालियों से शुरू होते थे कर्मचारी नेताओं के भाषण
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा "पुराने कर्मचारी नेता बताते हैं कि उनके समय में एक बार सांसद ने कर्मचारियों के खिलाफ बयान जारी किया था जिस पर अगले ही दिन कर्मचारी नेता सांसद को लोअर बाजार से अपने साथ सब्जी मंडी के ग्राउंड तक ले गए थे जहां पर सांसद को कर्मचारियों के खिलाफ दिए गए बयान को वापस लेना पड़ा था. पहले कर्मचारी नेताओं के भाषण ही गालियों के साथ शुरू होते थे, लेकिन उस समय कभी भी कर्मचारियों के खिलाफ प्रिविलेज मोशन नहीं लाया गया."
ये भी पढ़ें: दिवाली से पहले कैसे हुआ वेतन-पेंशन और डीए का जुगाड़, खजाने में कैसे जुड़े 2500 करोड़, यहां जानिए गणित
ये भी पढ़ें: दिवाली से पहले मिलेगी सैलरी और पेंशन, 28 अक्टूबर को डबल खुशखबरी, 4% DA भी मिलेगा