कुल्लू: बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष गोविंद सिंह ठाकुर ने निजी अस्पतालों में सुक्खू सरकार द्वारा हिमकेयर कार्ड की सुविधा बंद करने पर हमला बोला है. उन्होंने कहा प्रदेश में ऐसी सरकार आई है जो जनता की सुविधाओं को बढ़ाने की बजाय उनसे छीनने का काम कर रही है.
गोविंद ठाकुर ने यह बात मनाली के पतलीकूहल में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में जनता के हित में फैसले लेने के बजाय केवल अपने राजनीतिक लाभ को प्राथमिकता दी है.
पूर्व मंत्री ने कहा "कांग्रेस सरकार के इस फैसले से प्रदेशभर के 31 लाख हिम केयर कार्ड धारक प्रभावित होंगे. प्रदेश में 292 अस्पताल इस योजना के तहत मरीजों को सेवाएं दे रहे हैं. प्रदेश में 7,64,707 मरीजों का मुफ्त इलाज इस कार्ड के तहत हो चुका है, जिस पर 988 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इसके अलावा 370 करोड़ रुपये का भुगतान अभी भी सरकार द्वारा किया जाना बाकी है."
गोविंद ठाकुर ने इस निर्णय को जनविरोधी करार दिया और कहा "इससे प्रदेश के गरीब और जरूरतमंद लोगों को भारी नुकसान होगा. सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए ताकि हिमकेयर कार्ड धारकों को मिलने वाली सुविधाओं को बनाए रखा जा सके."
पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टेट) और डीएलएड की फीस में की गई बढ़ोतरी पर भी कड़ी निंदा की है. उन्होंने इसे शिक्षा के क्षेत्र में आर्थिक बोझ बढ़ाने वाला कदम बताया है.
गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा "अनारक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए टेट की फीस पहले 800 रुपये थी, जिसे अब 1600 रुपये कर दिया गया है. ओबीसी, एससी, और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए यह फीस पहले 500 रुपये थी, जो अब 1000 रुपये हो गई है. इसी तरह, डीएलएड के कॉमन एंट्रेंस टेस्ट की फीस भी बढ़ाई गई है. पहले यह फीस 600 रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 1200 रुपये कर दिया गया है.
ओबीसी, एससी, और एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए पहले यह फीस 400 रुपये थी, जो अब 800 रुपये हो गई है." इस फैसले को पूर्व मंत्री ने गरीब और पिछड़े वर्गों के खिलाफ बताते हुए कहा कि यह निर्णय छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.