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खनिजों के खनन पर उपकर वसूलने का रास्ता साफ, विधेयक को मिली राज्यपाल की मंजूरी - Jharkhand Mineral Bill

Jharkhand Mineral Bearing Land Cess Bill 2024. झारखंड के खनिज से प्रदेश सरकार को राजस्व वसूलने का रास्ता साफ हो गया है. खनन पर उपकर वसूलने वाले इस विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिल गयी है. झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक-2024 को इसी वर्ष मानसून सत्र में पारित किया गया था.

Governor Santosh Kumar Gangwar gave approval to Jharkhand Mineral Bearing Land Cess Bill 2024
कोयला और आयरन ओर की तस्वीर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 26, 2024, 10:49 PM IST

रांचीः राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक-2024 पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. अब राज्य सरकार को राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी. यह विधेयक इसी साल मानसून सत्र के दौरान ध्वनिमत से पारित हुआ था. इसको 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में लाया गया था. जिसमें कहा गया था कि खनिज अधिकारों पर कर लगाने की विधायी शक्ति राज्य सरकारों को है.

राजभवन से स्वीकृति के बाद राज्य सरकार प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से अलग-अलग खनिजों पर उपकर वसूलेगी. झारखंड में अब कोयला और लौह अयस्क पर 100 रु प्रति मीट्रिक टन, बॉक्साइट पर 70 रुपए, मैंगनीज पर 50 रु, चूना पत्थर पर 50 रु मिलेंगे. एक अनुमान के मुताबिक इस उपकर वसूली से राज्य सरकार के खजाने में 2000 करोड़ रुपए आएंगे. इससे राज्य के विकास में गति मिलेगी. अब झारखंड से कोयला खरीदने वालों को सेस मद (Cess item) में कोयला कंपनियों को प्रति मीट्रिक टन 100 रु अतिरिक्त देने होंगे. साल 2023-24 में 156 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लिहाज से करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व मिलेगा.

आपको बता दें कि मानसून सत्र के दौरान सदन में पेश झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक-2024 पर संशोधन प्रस्ताव आए थे. आजसू विधायक लंबोदर महतो ने सुझाव दिया था कि वसूली गई राशि का इस्तेमाल विस्थापितों के कल्याण और मुआवजे पर खर्च किया जाना चाहिए. वहीं भाकपा माले विधायक विनोद सिंह का सुझाव था कि खनिजों के वजन के बजाय बाजार मूल्य पर टैक्स वसूला जाना चाहिए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि राज्य सरकार को यह अधिकार होना चाहिए कि वह अधिसूचना के माध्यम से कीमतों में संशोधन कर सके. इस चर्चा के बाद प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भरोसा दिलाया था कि संबंधित विभागों के स्तर पर समीक्षा के बाद ही विधेयक को तैयार किया गया है.

रांचीः राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक-2024 पर अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. अब राज्य सरकार को राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी. यह विधेयक इसी साल मानसून सत्र के दौरान ध्वनिमत से पारित हुआ था. इसको 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में लाया गया था. जिसमें कहा गया था कि खनिज अधिकारों पर कर लगाने की विधायी शक्ति राज्य सरकारों को है.

राजभवन से स्वीकृति के बाद राज्य सरकार प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से अलग-अलग खनिजों पर उपकर वसूलेगी. झारखंड में अब कोयला और लौह अयस्क पर 100 रु प्रति मीट्रिक टन, बॉक्साइट पर 70 रुपए, मैंगनीज पर 50 रु, चूना पत्थर पर 50 रु मिलेंगे. एक अनुमान के मुताबिक इस उपकर वसूली से राज्य सरकार के खजाने में 2000 करोड़ रुपए आएंगे. इससे राज्य के विकास में गति मिलेगी. अब झारखंड से कोयला खरीदने वालों को सेस मद (Cess item) में कोयला कंपनियों को प्रति मीट्रिक टन 100 रु अतिरिक्त देने होंगे. साल 2023-24 में 156 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लिहाज से करीब डेढ़ हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व मिलेगा.

आपको बता दें कि मानसून सत्र के दौरान सदन में पेश झारखंड खनिज धारित भूमि उपकर विधेयक-2024 पर संशोधन प्रस्ताव आए थे. आजसू विधायक लंबोदर महतो ने सुझाव दिया था कि वसूली गई राशि का इस्तेमाल विस्थापितों के कल्याण और मुआवजे पर खर्च किया जाना चाहिए. वहीं भाकपा माले विधायक विनोद सिंह का सुझाव था कि खनिजों के वजन के बजाय बाजार मूल्य पर टैक्स वसूला जाना चाहिए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि राज्य सरकार को यह अधिकार होना चाहिए कि वह अधिसूचना के माध्यम से कीमतों में संशोधन कर सके. इस चर्चा के बाद प्रभारी मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भरोसा दिलाया था कि संबंधित विभागों के स्तर पर समीक्षा के बाद ही विधेयक को तैयार किया गया है.

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