गया: अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल बोधगया में भगवान बुद्ध की 2568वीं जयंती मनाई जा रही है. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर शामिल हुए. महाबोधि मंदिर के प्रांगण में स्थित पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे राज्यपाल ने मोमबत्ती जलाकर बुद्ध जयंती कार्यक्रम का शुभारंभ किया. साथ ही उनके द्वारा प्रज्ञा नाम की पुस्तक का विमोचन भी किया गया. इस मौके पर विश्व के कई देशों के धर्मगुरु, भिक्षु व श्रद्धालु शामिल हुए.
भगवान बुद्ध के विचारों को प्रचारित करने की जरूरत: हजारों की संख्या में शामिल बौद्ध धर्मावलंबियों द्वारा बोधगया में भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि वर्तमान समय में भगवान बुद्ध के विचारों को प्रचारित करने की जरूरत है. आज दुनिया के कई देशों में युद्ध हो रहा है. ऐसे में बुद्ध के विचारों को आत्मसात करके ही शांति लाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि चाहे हिंदू, मुस्लिम, इसाई हो या सिक्ख, हमलोग सभी एक ही धर्म, एक ही संस्कृति के प्रवाहक है.
ये जगह है बेहद खास: आगे उन्होंने कहा हम लोगों को एक साथ रहने की जरूरत है. आज के इस कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला है. बोधगया आकर काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा हैं, क्योंकि यहीं पर गौतम सिद्धार्थ ने ज्ञान प्राप्त कर दुनिया को मध्यम मार्ग का रास्ता बताया था और वे बुद्ध बने थे. ऐसे में इस भूमि का काफी महत्व है. आज के इस कार्यक्रम में थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया, श्रीलंका सहित कई देशों के श्रद्धालु आए हुए हैं. हम उनके डेलीगेट्स को भी धन्यवाद देते हैं, वे यहां बुद्ध के विचारों को लेने आए हैं. बुद्ध के विचारों को अपनाकर ही मानवता का कल्याण होगा. ऐसे में यहां आने वाले सभी लोगों को हम धन्यवाद देते हैं.
"वर्तमान समय में भगवान बुद्ध के विचारों को प्रचारित करने की जरूरत है. आज दुनिया के कई देशों में युद्ध हो रहा है. ऐसे में बुद्ध के विचारों को आत्मसात करके ही शांति लाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि चाहे हिंदू हो, मुस्लिम हो, इसाई हो या सिक्ख हो, हमलोग सभी एक ही धर्म, एक ही संस्कृति के प्रवाहक है."-राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, राज्यपाल