उदयपुर. देश-दुनिया में अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर नीली झीलों के शहर उदयपुर घूमने आने वाले पर्यटकों को एक नई सौगात मिली है. राजस्थान का पहला बटरफ्लाई पार्क उदयपुर में शुरू हो चुका है. असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने इस बटरफ्लाई पार्क का उद्घाटन किया. 50 लाख रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ यह बटरफ्लाई पार्क में अलग-अलग प्रजातियों की बटरफ्लाई देखने को मिलेंगी.
बटरफ्लाई पार्क की मिली सौगात : इस बटरफ्लाई पार्क की खासियत यह है कि इसमें एक विशेष प्रजाति की तितली समूचे भारत भर में सिर्फ इसी पार्क में पाई जाती है. उप वन संरक्षक अजय चित्तौड़ा ने बताया कि इस पार्क के शुभारंभ समारोह के असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री संजय शर्मा ने किया. शहर के अंबेरी में स्थापित इस बटरफ्लाई पार्क का शुभारंभ लेकसिटीवासियों सहित देश-विदेश के पर्यटकों के लिए अनोखी सौगात है.
उद्घाटन के बाद राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि हमारे पुरखों ने उदयपुर को जहां बसाया, वास्तव में बहुत अच्छी जगह है. चारों तरफ पहाड़ियां हैं, खुबसूरत झीलें हैं और नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण वातावरण है. उन्होंने कहा कि मेवाड़ का इतिहास गौरवशाली रहा है और आज मेवाड़ जिस ऊंचाई पर है. वह भगवान एकलिंगनाथ की देन है. उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि आज हमें इन सौगातों को शुरू करने का अवसर मिला. इसके लिए वन विभाग की पूरी टीम तारीफ के काबिल है.
जेब्रा स्किपर दिलाएगी विशेष पहचान : बटरफ्लाई पार्क निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा निवासी तितली विशेषज्ञ मुकेश पंवार ने बताया कि इस बटरफ्लाई पार्क की खास विशेषता यहां पर पाई जाने वाली एक विशेष प्रजाति की तितली है. इसका नाम जेब्रा स्किपर है. इस तितली का वैज्ञानिक नाम एर्नस्टा जेब्रा है.
उन्होंने बताया कि इस तितली का जीवन चक्र अर्थात अंडा, लार्वा, पुपा तथा फूलों का रस पीने के पौधे (नेक्टर प्लांट) विश्व में पहली बार उनके शोध पर ही रिसर्च पेपर (बायोनॉट दिसंबर 2023) के माध्यम से प्रकाशित किया गया. यह तितली अपने अंडे मेलहानिया फुटेपोरेंसिस नामक पौधे पर देती है. यह वनस्पति संकट ग्रस्त पौधों की सूची में शामिल है. बटरफ्लाई पार्क में इस पौधे को लगया गया है.
पंवार ने ही खोजी है यह तितली : भारत में इस तितली की खोज वर्ष 2020 में मुकेश पंवार ने ही सागवाड़ा में की थी. उन्होंने बताया कि यह तितली इस पार्क में अगस्त से दिसंबर तक देखी गई है. यह पार्क भारत पहला बटरफ्लाई पार्क होगा, जहां इस तितली की उपस्थिति देखी जा सकेगी.
पार्क में मिलेंगी ये तितलिया : कॉमन मोरमोन, लाइम, कॉमन रोज़, टेल्ड जे, प्लेन टाइगर, ब्लू टाइगर, चॉकलेट पेंसी, ब्लू पेंसी, लेमन पेंसी, पिकोक पेंसी, यलो पेंसी, डेनाइड एगफ्लाई, ग्रेट एगफ्लाई, कॉमन इमिग्रंट, मोटल्ड इमिग्रंट, कॉमन ग्रास यलो, व्हाइट ऑरेंज टिप, पायोनियर, गल, सालमोन अरब, कॉमन सिल्वरलाइन, कॉमन शॉट सिल्वरलाइन, प्लंबेअस सिल्वरलाइन, रेड फ्लेश, रेड पीएरोट, कॉमन सेरूलियन, पी ब्लू, फॉरगेट मी नोट, ग्रास ज्वैल, जेब्रा ब्लू जैसी तितली की प्रजातियां इस पार्क में देखने को मिलेंगी.