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देहरादून राजभवन परिसर में राज्यपाल ने की बर्ड वॉचिंग, देखा पक्षियों का संसार, साझा किये अनुभव - Dehradun Raj Bhavan Bird watching

Dehradun Raj Bhavan Bird watching, Governor bird watching राजभवन परिसर में आज राज्यपाल गुरमीत सिंह ने बर्ड वॉचिंग की. इस दौरान वन विभाग के अधिकारी भी उनके साथ मौजूद रहे. बर्ड वॉचिंग के बाद राज्यपाल ने अपने अनुभव साझा किये.

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राज्यपाल ने की बर्ड वॉचिंग
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 20, 2024, 6:04 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड अपनी साफ हवा, जंगली जानवर और पशु पक्षियों के लिए पहचाना जाता है. उत्तराखंड में केवल कॉर्बेट, राजाजी और अन्य जगह पर अलग अलग पक्षी दिखाई देते हैं. देहरादून राज्यपाल आवास और सीएम धामी के आवास पर भी अलग अलग पक्षियों की आवाज कानों को सुकून देती है. ऐसी ही कुछ आज उत्तराखंड राजभवन में देखने को मिला. जहां राज्यपाल ने बर्ड वॉचिंग की. इसके बाद राज्यपाल ने बर्ड वॉचिंग की अनुभव भी साझा किये.

जैव विविधता से भरपूर उत्तराखंड में पक्षियों का एक अलग संसार बसता है. यहां पर विभिन्न प्रकार की पक्षियों की प्रजातियां पायी जाती हैं. राजभवन देहरादून एवं इसके आस-पास के क्षेत्र में भी पक्षियों की लगभग 180 से अधिक प्रजातियां देखने को मिलती हैं. राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने आज राजभवन परिसर में बर्ड वॉचिंग की. इस दौरान पीसीसीएएफ डॉ. धनंजय मोहन और निदेशक राजाजी पार्क, साकेत बड़ोला मौजूद रहे. बर्ड वाचिंग के दौरान उन्होंने कई पक्षियों का देखा, जिनमें ओरियंटल एलक्जैंडरिन पैराकीट, पाइड-हॉर्नबिल, मैग्पी- ग्रे ट्रैपी, वुडपैकर रोबिन, बुलबुल, आदि प्रजातियां थी.

इस दौरान राज्यपाल ने कहा पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को देखकर एक अलग ही आनंद की अनुभूति हुई है. उन्होंने कहा वे रोजाना सुबह से शाम तक इनकी आवाजों से रूबरू होते थे, लेकिन ये पहला मौक़ा था जब एक एक करके सबको देखने का मौक़ा भी मिला है. राज्यपाल ने कहा पक्षियों की अलग-अलग चहचहाहट और क्रियाकलाप मन को प्रफुल्लित और आकर्षित करने वाला रहा.

उन्होंने कहा अन्य स्थानों पर जहां पक्षियों के दीदार मौसम पर निर्भर है, इस परिसर में वर्ष भर पक्षियों का बसेरा रहता है. पक्षियों की अविश्वसनीय विविधता से समृद्ध, उत्तराखंड पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों का घर है. उन्होंने कहा प्रकृति के अनमोल खजाने से परिपूर्ण देवभूमि उत्तराखंड की जैव विविधता अलग ही है. जिसका प्रचार-प्रसार किया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाना चाहिए. साथ ही जैव विविधता की जानकारी पूरे देश और दुनिया तक पहुंचनी चाहिए.

पढे़ं- वोटिंग के बाद एक्शन में धामी, संभाला कामकाज, वनाग्नि को लेकर की बड़ी बैठक, नामित किया नोडल अधिकारी - CM Dhami On Forest Fire

देहरादून: उत्तराखंड अपनी साफ हवा, जंगली जानवर और पशु पक्षियों के लिए पहचाना जाता है. उत्तराखंड में केवल कॉर्बेट, राजाजी और अन्य जगह पर अलग अलग पक्षी दिखाई देते हैं. देहरादून राज्यपाल आवास और सीएम धामी के आवास पर भी अलग अलग पक्षियों की आवाज कानों को सुकून देती है. ऐसी ही कुछ आज उत्तराखंड राजभवन में देखने को मिला. जहां राज्यपाल ने बर्ड वॉचिंग की. इसके बाद राज्यपाल ने बर्ड वॉचिंग की अनुभव भी साझा किये.

जैव विविधता से भरपूर उत्तराखंड में पक्षियों का एक अलग संसार बसता है. यहां पर विभिन्न प्रकार की पक्षियों की प्रजातियां पायी जाती हैं. राजभवन देहरादून एवं इसके आस-पास के क्षेत्र में भी पक्षियों की लगभग 180 से अधिक प्रजातियां देखने को मिलती हैं. राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने आज राजभवन परिसर में बर्ड वॉचिंग की. इस दौरान पीसीसीएएफ डॉ. धनंजय मोहन और निदेशक राजाजी पार्क, साकेत बड़ोला मौजूद रहे. बर्ड वाचिंग के दौरान उन्होंने कई पक्षियों का देखा, जिनमें ओरियंटल एलक्जैंडरिन पैराकीट, पाइड-हॉर्नबिल, मैग्पी- ग्रे ट्रैपी, वुडपैकर रोबिन, बुलबुल, आदि प्रजातियां थी.

इस दौरान राज्यपाल ने कहा पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को देखकर एक अलग ही आनंद की अनुभूति हुई है. उन्होंने कहा वे रोजाना सुबह से शाम तक इनकी आवाजों से रूबरू होते थे, लेकिन ये पहला मौक़ा था जब एक एक करके सबको देखने का मौक़ा भी मिला है. राज्यपाल ने कहा पक्षियों की अलग-अलग चहचहाहट और क्रियाकलाप मन को प्रफुल्लित और आकर्षित करने वाला रहा.

उन्होंने कहा अन्य स्थानों पर जहां पक्षियों के दीदार मौसम पर निर्भर है, इस परिसर में वर्ष भर पक्षियों का बसेरा रहता है. पक्षियों की अविश्वसनीय विविधता से समृद्ध, उत्तराखंड पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों का घर है. उन्होंने कहा प्रकृति के अनमोल खजाने से परिपूर्ण देवभूमि उत्तराखंड की जैव विविधता अलग ही है. जिसका प्रचार-प्रसार किया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा लोगों को इसके लिए जागरूक किया जाना चाहिए. साथ ही जैव विविधता की जानकारी पूरे देश और दुनिया तक पहुंचनी चाहिए.

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