अलवर : जिला अस्पताल में कार्यरत 40 से ज्यादा चिकित्सक सरकारी रिकॉर्ड में एनपीए का लाभ उठा रहे हैं. इतना ही नहीं घरों और अस्पताल के आसपास प्राइवेट प्रैक्टिस कर रुपए कमा रहे हैं. मामले की जांच के बाद अब ऐसे डॉक्टर्स से सरकार की ओर से एक करोड़ से ज्यादा राशि की वसूली की जाएगी.
अकाउंटस विभाग की ऑडिट में करीब 64 एनपीए का विकल्प भरने वाले डॉक्टर्स की रिकवरी निकाली है. इस पर अब नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. : डॉ. सुनील चौहान, पीएमओ, अलवर जिला अस्पताल
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दरअसल, सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में सेवाएं देने वाले डॉक्टर्स के लिए सरकार ने बकायदा नियम बनाए हैं. इनमें चिकित्सकों को नॉन प्रैक्टिस एलाउंस (एनपीए) के लाभ या एनपीए नहीं लेकर प्राइवेट प्रैक्टिस करने का ऑप्शन भरना होता है. अलवर जिला अस्पताल में 40 से ज्यादा चिकित्सक ऐसे हैं, जिन्होंने एनपीए विकल्प का लाभ लेने के साथ ही घरों या निजी क्लीनिकों पर जांच व परामर्श देने के नाम पर एक करोड़ 7 लाख रुपए मरीजों से वसूले हैं. सरकार ने जब एनपीए का विकल्प लेने वाले चिकित्सकों की ऑडिट कराई तो यह गड़बड़ी पकड़ में आई. अब सरकार इन चिकित्सकों के वेतन से यह एक करोड़ सात लाख रुपए की वसूली करेगी.
चिकित्सकों से अब होगी रिकवरी : चिकित्सा विभाग की ओर से की गई ऑडिट में डॉक्टर्स का यह गड़बड़झाला उजागर हुआ है. ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार जिला अस्पताल में कार्यरत 40 से ज्यादा चिकित्सकों ने 1 लाख से 4 लाख रुपए तक मरीजों से फीस वसूली है. अलवर का जिला अस्पताल मेडिकल कॉलेज से जुड़ चुका है और मेडिकल कॉलेज के नियमों के अनुसार डॉक्टर्स या तो एनपीए का लाभ ले सकते हैं या फिर निजी प्रैक्टिस का. एनपीए में भी चिकित्सक का परामर्श शुल्क सरकार की ओर से तय होता है और इससे ज्यादा फीस चिकित्सक नहीं ले सकते, लेकिन यहां इस गाइडलाइन का भी उल्लंघन हुआ है.