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हेली सेवाओं के लिए खुद रूट तय करेगी उत्तराखंड सरकार, अनिवार्य नहीं डीजीसीए की अनुमति, जानिए क्या है प्लान

Heli Service in Uttarakhand केंद्र सरकार की उड़ान योजना की तरह उत्तराखंड में एक खास योजना शुरू किया जा रहा है. इस योजना 'उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना' है. जिसके तहत हेली सेवाओं का विस्तार किया जाएगा. खास बात ये है कि उत्तराखंड से किसी भी शहर में हेली सेवा संचालित करने के लिए अब डीजीसीए से अनुमति नहीं लेनी होगी. साथ ही राज्य सरकार खुद ही हेली सेवाओं का रूट तय करेगी.

Heli Service in Uttarakhand
हेली सेवा उत्तराखंड
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 14, 2024, 7:53 PM IST

Updated : Feb 15, 2024, 7:47 PM IST

नागरिक उड्डयन विभाग के अपर सचिव सी रविशंकर का बयान

देहरादून: उत्तराखंड में हेली सेवाओं के विस्तार के लिए बड़ा निर्णय लिया गया है. इसके तहत सरकार उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना की शुरुआत करने जा रही है. जिसे धामी मंत्रिमंडल ने बुधवार यानी 14 फरवरी को मंजूरी दे दी है. इस योजना की खास बात ये है कि भारत सरकार की उड़ान योजना की तरह ही राज्य में उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना को संचालित किया जाएगा. जिसमें राज्य सरकार देश के विभिन्न शहरों के लिए हेली सेवाओं के रूट खुद तय करेगी.

दरअसल, उड़ान योजना के तहत होने वाले वाइवेल्टी गैप फंडिंग (वीजीएफ) में 80 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार और 20 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार वहन करती है, लेकिन उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना (Uttarakhand Air Connectivity Scheme) के लिए उत्तराखंड सरकार को शत प्रतिशत वाइवेल्टी गैप फंडिंग को वहन करना पड़ेगा. उत्तराखंड सरकार ने ये योजना उड़ीसा राज्य की तर्ज पर शुरू की है. इस योजना के शुरू होने के बाद अब उत्तराखंड के एयरपोर्ट से किसी भी शहर या फिर अन्य देशों में हेली सेवाओं के लिए डीजीसीए से रूट की परमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी.

उत्तराखंड सरकार खुद तय करेगी देश के विभिन्न शहरों के लिए हेली सेवाओं के रूट: हालांकि, डीजीसीए के मानकों के अनुरूप ही हेली सेवाओं का संचालन किया जाएगा. इस योजना से उत्तराखंड के भीतर न सिर्फ हेली सेवाओं का बेहतर ढंग से संचालन हो सकेगा. बल्कि, देश के अन्य शहरों के लिए हेली सेवाओं के संचालन को लेकर राज्य सरकार जरूरत के अनुसार खुद रूट तय कर सकेगी. फिलहाल, राज्य सरकार ने उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना को 2029 तक संचालित करने का निर्णय लिया है.

नागरिक उड्डयन विभाग के अपर सचिव सी रविशंकर ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि भारत सरकार के उड़ान योजना की तरह ही उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना को संचालित करने के लिए मंत्रिमंडल ने सहमति दी है. इस योजना के तहत राज्य के भीतर और राज्य से बाहर शहरों को हेली सेवा से जोड़ सकेंगे. जिसका रूट राज्य सरकार खुद तय करेगी.

इसके अलावा हेली सेवा के संचालन में आने वाले वाइवेल्टी गैप फंडिंग (व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण यानी VGF) को भी राज्य सरकार शत प्रतिशत वहन करेगी. इसका मुख्य रूप से फायदा यही होगा कि उत्तराखंड से न सिर्फ देश में अन्य शहरों बल्कि, विदेशों के शहरों को भी जोड़ सकेंगे. हालांकि, हेली सेवाओं का संचालन डीजीसीए यानी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के मानकों के अनुरूप ही होगा.

अपर सचिव सी रविशंकर ने कहा कि हेली सेवाओं के संचालन में डीजीसीए का जो मानक हैं, वो हमेशा ही लागू रहेगी, लेकिन इस योजना से राज्य सरकार को करीबन सभी सहूलियत मिल जाएगी. जिसके तहत, हेली सेवाओं का रूट तय करना, हेली सेवाओं के लिए टेंडर कॉल, कामों का आवंटन, कांट्रेक्ट के अनुसार टर्मिनेशन की कार्रवाई समेत अन्य चीजें अब राज्य सरकार के स्तर से हो सकेगी.

बता दें कि उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना के शुरू होने के बाद राज्य सरकार पर्यटकों और यात्रियों के सुविधा को देखते हुए हेली सेवाओं का संचालन कर सकेगी. संभावना जताई जा रही है देहरादून से अयोध्या के लिए इस योजना के तहत हेली सेवाओं का संचालन किया जा सकता है.

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देहरादून: उत्तराखंड में हेली सेवाओं के विस्तार के लिए बड़ा निर्णय लिया गया है. इसके तहत सरकार उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना की शुरुआत करने जा रही है. जिसे धामी मंत्रिमंडल ने बुधवार यानी 14 फरवरी को मंजूरी दे दी है. इस योजना की खास बात ये है कि भारत सरकार की उड़ान योजना की तरह ही राज्य में उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना को संचालित किया जाएगा. जिसमें राज्य सरकार देश के विभिन्न शहरों के लिए हेली सेवाओं के रूट खुद तय करेगी.

दरअसल, उड़ान योजना के तहत होने वाले वाइवेल्टी गैप फंडिंग (वीजीएफ) में 80 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार और 20 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार वहन करती है, लेकिन उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना (Uttarakhand Air Connectivity Scheme) के लिए उत्तराखंड सरकार को शत प्रतिशत वाइवेल्टी गैप फंडिंग को वहन करना पड़ेगा. उत्तराखंड सरकार ने ये योजना उड़ीसा राज्य की तर्ज पर शुरू की है. इस योजना के शुरू होने के बाद अब उत्तराखंड के एयरपोर्ट से किसी भी शहर या फिर अन्य देशों में हेली सेवाओं के लिए डीजीसीए से रूट की परमिशन लेने की जरूरत नहीं होगी.

उत्तराखंड सरकार खुद तय करेगी देश के विभिन्न शहरों के लिए हेली सेवाओं के रूट: हालांकि, डीजीसीए के मानकों के अनुरूप ही हेली सेवाओं का संचालन किया जाएगा. इस योजना से उत्तराखंड के भीतर न सिर्फ हेली सेवाओं का बेहतर ढंग से संचालन हो सकेगा. बल्कि, देश के अन्य शहरों के लिए हेली सेवाओं के संचालन को लेकर राज्य सरकार जरूरत के अनुसार खुद रूट तय कर सकेगी. फिलहाल, राज्य सरकार ने उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना को 2029 तक संचालित करने का निर्णय लिया है.

नागरिक उड्डयन विभाग के अपर सचिव सी रविशंकर ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि भारत सरकार के उड़ान योजना की तरह ही उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना को संचालित करने के लिए मंत्रिमंडल ने सहमति दी है. इस योजना के तहत राज्य के भीतर और राज्य से बाहर शहरों को हेली सेवा से जोड़ सकेंगे. जिसका रूट राज्य सरकार खुद तय करेगी.

इसके अलावा हेली सेवा के संचालन में आने वाले वाइवेल्टी गैप फंडिंग (व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण यानी VGF) को भी राज्य सरकार शत प्रतिशत वहन करेगी. इसका मुख्य रूप से फायदा यही होगा कि उत्तराखंड से न सिर्फ देश में अन्य शहरों बल्कि, विदेशों के शहरों को भी जोड़ सकेंगे. हालांकि, हेली सेवाओं का संचालन डीजीसीए यानी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के मानकों के अनुरूप ही होगा.

अपर सचिव सी रविशंकर ने कहा कि हेली सेवाओं के संचालन में डीजीसीए का जो मानक हैं, वो हमेशा ही लागू रहेगी, लेकिन इस योजना से राज्य सरकार को करीबन सभी सहूलियत मिल जाएगी. जिसके तहत, हेली सेवाओं का रूट तय करना, हेली सेवाओं के लिए टेंडर कॉल, कामों का आवंटन, कांट्रेक्ट के अनुसार टर्मिनेशन की कार्रवाई समेत अन्य चीजें अब राज्य सरकार के स्तर से हो सकेगी.

बता दें कि उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना के शुरू होने के बाद राज्य सरकार पर्यटकों और यात्रियों के सुविधा को देखते हुए हेली सेवाओं का संचालन कर सकेगी. संभावना जताई जा रही है देहरादून से अयोध्या के लिए इस योजना के तहत हेली सेवाओं का संचालन किया जा सकता है.

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Last Updated : Feb 15, 2024, 7:47 PM IST
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