ETV Bharat / state

हजारीबाग में स्कूल भवन जर्जर, जान जोखिम में डालकर पढ़ने को विवश हैं छात्र - GOVERNMENT SCHOOLS

हजारीबाग के कई ऐसा विद्यालय है, जहां छात्र जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

School Building Dilapidated
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बभनी और फर्श पर बैठकर पढ़ाई करते बच्चे. (कोलाज इमेज-ईटीवी भारत)
author img

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 3 hours ago

हजारीबागः जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर ईचाक प्रखंड के बभनी गांव में राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय संचालित है. विद्यालय में कुल 180 बच्चे अध्ययनरत हैं. लेकिन विद्यालय भवन अत्यंत जर्जर हो चुका है. इस कारण बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं. विद्यालय का भवन इतना अधिक जर्जर हो गया है कि कभी भी पूरा भवन गिर सकता है और बड़ी अनहोनी हो सकती है. नींव के पास की मिट्टी भी धंस चुकी है.

इस बात की जानकारी विद्यालय प्रबंधन और स्थानीय मुखिया ने कई बार जिला प्रशासन को दी है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण विद्यालय की आज तक न मरम्मत करायी गई और न ही नया भवन बनाने की पहल की गई है.

हजारीबाग में जर्जर हाल में सरकारी स्कूल का भवन (वीडियो-ईटीवी भारत)

हालांकि स्कूल का भवन दो तल्ला है. लेकिन दूसरे तल्ले में छात्र जाने से बचते हैं, क्योंकि छत से प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. कभी-कभार छात्र वहां नाश्ता करने के लिए जरूर जाते हैं, लेकिन अनहोनी की आशंका को देखते हुए शिक्षक उन्हें जाने से रोकते हैं.

School Building Dilapidated
स्कूल भवन की छत का हाल. (फोटो-ईटीवी भारत)

आपको बता दें कि राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बभनी आदिवासी क्षेत्र में पड़ता है. यहां अधिकतर आदिवासी परिवार के बच्चे ही पढ़ाई करने के लिए पहुंचते हैं. छात्रों का भी कहना है कि विद्यालय में पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है. विद्यालय के बाहर पानी पीने के लिए जाना पड़ता है. स्कूल में मिड-डे-मील तो जरूर मिल जाता है, लेकिन पानी का व्यवस्था नहीं है. यहां तक की शौचालय भी बेहद खराब है.

इस संबंध में डाढ़ा पंचायत की मुखिया सुनीता देवी बताती हैं कि विद्यालय के बारे में जिला प्रशासन को जानकारी दी गई है, लेकिन अब तक प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया है. जहां एक और कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ऐसे में बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को विवश हैं. उन्होंने जल्द से जल्द प्रशासन से विद्यालय दुरुस्त करने की मांग की है.

School Building Dilapidated
स्कूल भवन की नींव के पास धंसी मिट्टी. (फोटो-ईटीवी भारत)

आपको बता दें कि ईचाक खनन प्रभावित क्षेत्र है. क्षेत्र में डीएमएफटी फंड से भी कई कार्य किए जा रहे हैं .इसके बावजूद प्रशासन की नजर अब तक इस विद्यालय पर नहीं पड़ी है. जरूरत है इस दिशा में संज्ञान लेने की ताकि बच्चे सुरक्षित माहौल में पढ़ाई कर सके.

ये भी पढ़ें-

हाल-ए-स्कूलः डर के साये में भविष्य गढ़ते नौनिहाल! - झारखंड न्यूज

रांची: जर्जर स्कूल भवन में हो रही पढ़ाई, अनहोनी का बना रहता है खतरा - शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो

खूंटी में टिन शेड में बने स्कूल में पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे, प्रशासन ने कहा- जल्द मिलेगी नई बिल्डिंग - KHUNTI PRIMARY SCHOOL

हजारीबागः जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर ईचाक प्रखंड के बभनी गांव में राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय संचालित है. विद्यालय में कुल 180 बच्चे अध्ययनरत हैं. लेकिन विद्यालय भवन अत्यंत जर्जर हो चुका है. इस कारण बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं. विद्यालय का भवन इतना अधिक जर्जर हो गया है कि कभी भी पूरा भवन गिर सकता है और बड़ी अनहोनी हो सकती है. नींव के पास की मिट्टी भी धंस चुकी है.

इस बात की जानकारी विद्यालय प्रबंधन और स्थानीय मुखिया ने कई बार जिला प्रशासन को दी है, लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण विद्यालय की आज तक न मरम्मत करायी गई और न ही नया भवन बनाने की पहल की गई है.

हजारीबाग में जर्जर हाल में सरकारी स्कूल का भवन (वीडियो-ईटीवी भारत)

हालांकि स्कूल का भवन दो तल्ला है. लेकिन दूसरे तल्ले में छात्र जाने से बचते हैं, क्योंकि छत से प्लास्टर टूट कर गिर रहा है. कभी-कभार छात्र वहां नाश्ता करने के लिए जरूर जाते हैं, लेकिन अनहोनी की आशंका को देखते हुए शिक्षक उन्हें जाने से रोकते हैं.

School Building Dilapidated
स्कूल भवन की छत का हाल. (फोटो-ईटीवी भारत)

आपको बता दें कि राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय बभनी आदिवासी क्षेत्र में पड़ता है. यहां अधिकतर आदिवासी परिवार के बच्चे ही पढ़ाई करने के लिए पहुंचते हैं. छात्रों का भी कहना है कि विद्यालय में पेयजल की भी व्यवस्था नहीं है. विद्यालय के बाहर पानी पीने के लिए जाना पड़ता है. स्कूल में मिड-डे-मील तो जरूर मिल जाता है, लेकिन पानी का व्यवस्था नहीं है. यहां तक की शौचालय भी बेहद खराब है.

इस संबंध में डाढ़ा पंचायत की मुखिया सुनीता देवी बताती हैं कि विद्यालय के बारे में जिला प्रशासन को जानकारी दी गई है, लेकिन अब तक प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया है. जहां एक और कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ऐसे में बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ने को विवश हैं. उन्होंने जल्द से जल्द प्रशासन से विद्यालय दुरुस्त करने की मांग की है.

School Building Dilapidated
स्कूल भवन की नींव के पास धंसी मिट्टी. (फोटो-ईटीवी भारत)

आपको बता दें कि ईचाक खनन प्रभावित क्षेत्र है. क्षेत्र में डीएमएफटी फंड से भी कई कार्य किए जा रहे हैं .इसके बावजूद प्रशासन की नजर अब तक इस विद्यालय पर नहीं पड़ी है. जरूरत है इस दिशा में संज्ञान लेने की ताकि बच्चे सुरक्षित माहौल में पढ़ाई कर सके.

ये भी पढ़ें-

हाल-ए-स्कूलः डर के साये में भविष्य गढ़ते नौनिहाल! - झारखंड न्यूज

रांची: जर्जर स्कूल भवन में हो रही पढ़ाई, अनहोनी का बना रहता है खतरा - शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो

खूंटी में टिन शेड में बने स्कूल में पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे, प्रशासन ने कहा- जल्द मिलेगी नई बिल्डिंग - KHUNTI PRIMARY SCHOOL

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.