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टीचर को जान से खिलवाड़ करने का चढ़ा शौक, बच्ची की मौत के बाद दर्ज हुआ केस - Girl death in Marwahi

Girl death in Marwahi गौरेला पेंड्रा मरवाही में शिक्षक को झोलाछाप डॉक्टर बनने का भूत सवार था.शिक्षक के इस अजीबो गरीब शौक के कारण एक बच्ची की मौत हो गई.जिसके बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ केस दर्ज किया है.Doctor without degree

Doctor without degree
टीचर को जान से खिलवाड़ करने का चढ़ा शौक (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 9, 2024, 2:59 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही : गौरेला पेंड्रा मरवाही में सरकारी स्कूल के शिक्षक ने नया शौक पाला.इस शौक को सुनने के बाद आपके होश भी उड़ जाएंगे. ये शौक था लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करने का. इसके लिए सरकारी स्कूल के शिक्षक ने अपनी पत्नी के नाम मेडिकल स्टोर खोला.फिर इसी के बाजू में एक क्लिनिक डालकर खुद डॉक्टर बन गया. जी हां बिना डिग्री और प्रैक्टिस का डॉक्टर. शिक्षक को अपने पेशे के अलावा डॉक्टरी का ऐसा भूत सवार हुआ कि वो लोगों की जान से खिलवाड़ करने लगा.शिक्षक के इसी शौक के कारण एक बच्ची की बीते दिनों मौत हुई थी. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक के खिलाफ के केस दर्ज किया है.

कहां का है मामला ?: पूरा मामला मरवाही थानाक्षेत्र का है. जहां पर कुमारी उमा उरैती गोंड की तबीयत बिगड़ी. जिसके बाद परिजन उमा को लेकर निमधा गांव के क्लीनिक पहुंचे.जहां शिक्षक कम झोलाछाप डॉक्टर प्रदीप जायसवाल अपनी मौत की दुकान खोलकर बैठा था. परिजन इस बात से अनजान शिक्षक को डॉक्टर समझकर बेटी का इलाज करवाने लग गए. प्रदीप ने उमा को दो बॉटल ग्लूकोज के लगाए.इसके बाद दवा देकर घर भेज दिया.

टीचर को जान से खिलवाड़ करने का चढ़ा शौक : परिजन अपनी बेटी को घर लेकर आएं.जहां पर उन्होंने उमा को खाना खिलाने के बाद डॉक्टर की लिखी गई दवा दी.लेकिन दवा खाते ही बच्ची की तबीयत खराब हो गई.जिसके बाद परिजन उसे लेकर सीएचसी मरवाही पहुंचे.लेकिन उमा की तबीयत ज्यादा बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. वहीं मामले में स्थानीय प्रशासन की जांच के दौरान निमधा में प्रदीप जायसवाल की पत्नी के नाम से संचालित मेडिकल स्टोर और क्लीनिक की जांच की. वहीं मामले में जांच के आधार पर शिक्षक के साथ झोलाछाप डॉक्टरी करने वाले प्रदीप कुमार जायसवाल पर केस दर्ज किया गया है.

''मामले में चिकित्सा अधिकारियों की जांच रिपोर्ट पर संबंधित झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.''- दीपक मिश्रा, एसडीओपी

जांच के बाद क्लीनिक और मेडिकल स्टोर सील :पुलिस ने पाया कि बिना जांच के लापरवाही और उपेक्षापूर्वक गलत उपचार करने से बच्ची की मौत हुई थी.जिसके बाद क्लीनिक और मेडिकल स्टोर को सील किया गया है. आरोपी के खिलाफ धारा 106 (1) BNS के तहत दंडनीय अपराध घटित करना पाया गया.आरोपी शासकीय शिक्षक प्रदीप कुमार जायसवाल के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.

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कहां का है मामला ?: पूरा मामला मरवाही थानाक्षेत्र का है. जहां पर कुमारी उमा उरैती गोंड की तबीयत बिगड़ी. जिसके बाद परिजन उमा को लेकर निमधा गांव के क्लीनिक पहुंचे.जहां शिक्षक कम झोलाछाप डॉक्टर प्रदीप जायसवाल अपनी मौत की दुकान खोलकर बैठा था. परिजन इस बात से अनजान शिक्षक को डॉक्टर समझकर बेटी का इलाज करवाने लग गए. प्रदीप ने उमा को दो बॉटल ग्लूकोज के लगाए.इसके बाद दवा देकर घर भेज दिया.

टीचर को जान से खिलवाड़ करने का चढ़ा शौक : परिजन अपनी बेटी को घर लेकर आएं.जहां पर उन्होंने उमा को खाना खिलाने के बाद डॉक्टर की लिखी गई दवा दी.लेकिन दवा खाते ही बच्ची की तबीयत खराब हो गई.जिसके बाद परिजन उसे लेकर सीएचसी मरवाही पहुंचे.लेकिन उमा की तबीयत ज्यादा बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. वहीं मामले में स्थानीय प्रशासन की जांच के दौरान निमधा में प्रदीप जायसवाल की पत्नी के नाम से संचालित मेडिकल स्टोर और क्लीनिक की जांच की. वहीं मामले में जांच के आधार पर शिक्षक के साथ झोलाछाप डॉक्टरी करने वाले प्रदीप कुमार जायसवाल पर केस दर्ज किया गया है.

''मामले में चिकित्सा अधिकारियों की जांच रिपोर्ट पर संबंधित झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है.''- दीपक मिश्रा, एसडीओपी

जांच के बाद क्लीनिक और मेडिकल स्टोर सील :पुलिस ने पाया कि बिना जांच के लापरवाही और उपेक्षापूर्वक गलत उपचार करने से बच्ची की मौत हुई थी.जिसके बाद क्लीनिक और मेडिकल स्टोर को सील किया गया है. आरोपी के खिलाफ धारा 106 (1) BNS के तहत दंडनीय अपराध घटित करना पाया गया.आरोपी शासकीय शिक्षक प्रदीप कुमार जायसवाल के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.

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