देहरादून: उत्तराखंड में खनन विभाग के निदेशक एसएल पैट्रिक के खिलाफ तमाम आरोपों बाद शासन ने कार्रवाई की है. इस संदर्भ में शासन ने आदेश जारी करते हुए निदेशक खनन एसएल पैट्रिक को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं. पैट्रिक पर विभाग की गोपनीयता भंग करने और अपने पद का दुरुपयोग करने के आरोप है. वहीं, पैट्रिक के निलंबन के बाद राजपाल लेघा को खनन निदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. लेघा इससे पहले विभाग में अपर निदेशक कार्यभार संभाल रहे थे.
उत्तराखंड शासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए खनन विभाग के निर्देशक एसएल पैट्रिक को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं. हाल ही में खनन विभाग के निदेशक पैट्रिक ने ओमप्रकाश तिवारी नाम के व्यक्ति पर 'खुद को अगवा कर जबरन वसूली' के मामले में मुकदमा दर्ज करवाया था. दरअसल, पैट्रिक ने अपहरण कर गेस्ट हाउस में बंधक बनाने का आरोप लगाया था. उन्होंने बंधक बनाने वालों पर 50 लाख रुपये की फिरौती मांगने का भी आरोप लगाया था. जबकि शासन ने निदेशक खनन एसएल पैट्रिक के खिलाफ इस मामले में गोपनीयता भंग करने और पद का दुरुपयोग करने का मामला पाया. इसके अलावा व्हाट्सएप चैट में कई आपत्तिजनक बातचीत को भी शासन ने आधार बनाते हुए इससे विभाग की छवि धूमिल होने की बात कही है.
खनन निदेशक के खिलाफ कई बिंदुओं में आरोप होना पाया गया. इसमें अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए सरकारी वाहन का निजी प्रयोग करने, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को अपने घर में निजी काम के लिए लगाने का भी आरोप लगा हैं. खनन निदेशक को निलंबन के दौरान आधा वेतन दिया जाना तय हुआ है. निलंबन के दौरान खनन निदेशक को सचिव खनन के कार्यालय में संबद्ध किया गया है.
दरअसल, खनन निदेशक एसएल पैट्रिक पहले भी कई विवादों में रहे हैं. खनन निदेशक होने के बावजूद उनके परिवार के सदस्य के भी खनन व्यवसाय में होने की चर्चाएं भी लगातार बनी रही. पिछले दिनों उनके द्वारा कराए गए मुकदमों को लेकर भी उनकी भूमिका संदिग्ध मानी जाती रही है. इस भी शासन ने ऐसे कई प्रमाण पाए हैं जो प्राथमिक दृश्य उनके खिलाफ दिखाई देते हैं. इसी को देखते हुए शासन ने खनन निदेशक को निलंबित करने का आदेश जारी किया हैं. इसके साथ ही खनन विभाग के अपर निदेशक राजपाल लेघा को निदेशक का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है.