रांची: हरियाली शब्द के बगैर झारखंड की बात बेमानी लगती है. जल, जंगल और जमीन का अद्भुत जुड़ाव इस राज्य को अलग पहचान देता है. हालांकि अवैध तरीके से पेड़ों की कटाई इस राज्य की एक बड़ी समस्या बनी हुई है. इस दिशा में वन विभाग अपना काम करता रहता है. लेकिन इसकी भरपाई के लिए सरकारी स्कूल के बच्चे जिस तरीके से सक्रियता दिखा रहे हैं, वह बेमिसाल है.
मिशन लाइफ के तहत सरकारी विद्यालयों में इस साल एक लाख पौधे लगाए जा चुके हैं. झारखंड शिक्षा परियोजना को मिले आंकड़ों के मुताबिक राज्य के सभी स्कूलों ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास जारी रखते हुए विद्यालयों के कैंपस को हरा भरा बनाने के लिए अब तक 1 लाख से अधिक पौधे लगाए हैं. इस मिशन के तहत विद्यालयों में 5,153 आदर्श किचन गार्डन बनाये जा चुके हैं.
राज्य के सभी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन में उपयोग होने वाले पोषक सब्जियां उगाई जा रही हैं. औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं. लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विद्यालयों को विद्यालय समितियों, जनप्रतिनिधियों और समाज सेवियो का भी योगदान मिल रहा है. 02 जून, 2024 से शुरू इस पौधरोपण अभियान के तहत प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम 10 पौधे, मध्य विद्यालयों में कम से कम 20 पौधे और उच्च विद्यालयों में कम से कम 30 पौधा लगाना अनिवार्य होगा.
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक आदित्य रंजन ने बताया कि इस वर्ष सरकारी विद्यालयों में पर्यावरण संरक्षण के लिए 5 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए सभी स्कूलों को विस्तृत दिशा निर्देश के साथ साथ राशि उपलब्ध कराई गई थी. अबतक प्राप्त आंकड़े संतोषजनक है। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को पुरस्कृत करने की भी योजना है.
ईको क्लब के जरिए होगी ट्रैकिंग
सभी सरकारी विद्यालयों में बारिश के दौरान वर्षा जल संरक्षण के ठोस उपायों पर अमल करने का निर्देश दिया गया है. मानसून के साथ ही वर्षा जल संरक्षण का कार्य शुरू कर दिया गया है. संग्रहित जल की मात्रा को ट्रैक करने के लिए ईको क्लब के सदस्यों को प्रोजेक्ट वर्क दिया गया है. भविष्य में इस ट्रैकिंग तंत्र के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि कितना वर्षा जल संरक्षित किया गया या संरक्षित वर्षा जल का उपयोग कहां किया जा रहा है.
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