देहरादून: अल्मोड़ा बिनसर वन्यजीव अभ्यारण में लगी आग के कारण 6 वन कर्मियों की मौत हो गई थी. सरकार ने इस मामले में प्राथमिक तौर पर जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की थी, उन्हें बहाल भी कर दिया. यानी ये माना जा सकता है कि अफसरों के निलंबन का निर्णय तब गलत था. शासन ने तत्कालीन डीएफओ और कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट को बहाल करने से जुड़ा आदेश जारी कर दिया है.
पहले जानें पूरा मामला: दरअसल, 13 मई 2024 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित बिनसर वन्यजीव अभ्यारण में भीषण आग लग गई थी. अल्मोड़ा बिनसर वन्यजीव अभ्यारण में वनाग्नि की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. तभी वहां बड़ा हादसा हो गया और वनाग्नि की चपेट में आने से चार वनकर्मियों की तो मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि चार वन्यकर्मी बुरी तरह झुलस गए थे. वनाग्नि में झुलसे वन्यकर्मियों को दिल्ली एम्स में भी रेफर किया गया था, लेकिन उपचार के दौरान दिल्ली एम्स में भी दो वनकर्मियों ने दम तोड़ दिया था. अल्मोड़ा बिनसर वन्यजीव अभ्यारण वनाग्नि में कुल 6 कर्मचारियों की मौत हुई थी.
अल्मोड़ा बिनसर वन्यजीव अभ्यारण में वनाग्नि का मुद्दा उत्तराखंड के साथ पूरे देश में चर्चा का विषय बना था. धामी सरकार ने भी तुरंत एक्शन लेते हुए बड़े अफसरो को निलंबित किया था. हालांकि अब फिर से उन अधिकारियों को बहाल कर दिया गया है. ऐसे में सरकार के उस एक्शन पर फिर से सवाल खड़े हो रहे है.
अधिकारियों को किया गया बहाल: दरअसल, धामी सरकार ने तब कुमाऊं सीसीएफ पीके पात्रो को वन मुख्यालय में अटैच किया था. इसके अलावा तत्कालीन कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (सीएफ) कोको रोसे को निलंबित किया गया था. वहीं डीएफओ ध्रुव सिंह मर्तोलिया को भी सस्पेंड किया गया था.
इस मामले की प्रमुख वन संरक्षक हॉफ द्वारा जांच की गई थी, जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी. इस मामले में जांच रिपोर्ट के अनुसार ये घटना एक जजमेंट एरर थी. यानी उच्च स्तर पर अधिकारियों की कोई गलती नहीं थी. इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर शासन ने पहले कुमाऊं के सीसीएफ रहे पीके पात्रो को नई पोस्टिंग दी, तो वहीं अब तत्कालीन डीएफओ ध्रुव सिंह मार्तोलिया और कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट कोको रोसे का निलंबन भी खत्म कर दिया गया है.
जांच रिपोर्ट के साथ ही खत्म: इसके साथ ही इन दोनों अधिकारियों को नई जिम्मेदारी भी दे दी गई है. इस मामले में शासन की जांच के बाद दोनों अधिकारियों को जिम्मेदारी देते हुए पूर्व में सरकार द्वारा किए गए निलंबन को खत्म कर दिया गया है. साथ ही इन 6 मौतों का ये मामला इस जांच रिपोर्ट के साथ ही खत्म हो गया है.
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