वाराणसी: देश सेवा में जीवन गुजारने के बाद सेना के जवान जब रिटायर होते हैं तो पेंशन सहित कई मामलों को लेकर उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लेकिन अब घर बैठे ही उन्हें हर तरह की सुविधाा हासिल होगी. ऐसा संभव हुआ है सरकार की नई वेबसाइट से. इस पर ऑनलाइन ही सारे आवेदन किए जा सकते हैं. न किसी मुख्यालय का चक्कर लगाना होगा न ही सैकड़ों किलोमीटर चलकर किसी ऑफिस तक पहुंचना होगा. जानिए कैसे.
'स्पर्श' पर हर समस्या का समाधान
यह वेबसाइट है स्पर्श. इसके लिए आपको www.sparshdefencepainsion.gov.in पर जाना होगा. इस वेबसाइट से सीधे तौर पर पूरे भारत में 30 लाख और उत्तर प्रदेश में लगभग 5 लाख से ज्यादा पेंशनर्स जुड़ रहे हैं. अगर आप या आपका कोई करीबी भी सेवा से रिटायर्ड है तो उसके लिए यह खबर बेहद महत्वपूर्ण है. इस बारे में लेफ्टिनेंट कर्नल रंजन कुमार, जो पीसीडीएफ पेंशन प्रयागराज में लाइजनर ऑफिसर हैं, ने बताया कि जिनको भी डिफेंस बजट से पेंशन मिलती है, चाहे वह आर्मी के हों, एयरफोर्स नेवी के हों या डिफेंस के, यह स्पर्श प्लेटफार्म के जरिए ही होती है. बताया कि स्पर्श एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो गवर्नमेंट के डिजिटल इंडिया की स्कीम के तहत है. इस स्कीम में पेंशन दिया जाना और उसका अन्य सारा काम एक ही जगह से किया जाएगा, ताकि जो बहुत सारी गतिविधियां हैं, जैसे पे कमीशन या किसी तरह का पेंशन में कोई अपडेट, सब इसी पर मिलेगा. स्पर्श के जरिए सारी चीजें बिल्कुल क्लियर होंगी
घर बैठे जमा करें प्रमाण पत्र, पाइए पेंशन स्लिप
बताया कि लोग घर बैठे अपना लीविंग सर्टिफिकेट जमा कर पाएंगे. उनके मोबाइल पर उनकी पेंशन स्लिप आ जाएगी. अब पेंशन के लिए कहीं भटकना नहीं होगा. यह सिर्फ और सिर्फ डिफेंस पेंशनर्स के लिए है. इन्हें पीसीडीए पेंशन द्वारा रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिए ऑन रोड किया जा सकता है. जैसे ही रजिस्ट्रेशन करेंगे, मोबाइल नंबर पर रजिस्टर्ड यूजर नेम और पासवर्ड पहुंच जाएगा. इसके बाद वह हमारी वेबसाइट https://www.sparshdefencepainsion.gov.in पर जाकर अपने सारे सवालों के जवाब पा सकते हैं और सारे काम भी कर सकते हैं.
फिंगर प्रिंट भी दे सकेंगे
बताया कि सबसे बड़ी बात यह है की सुरक्षा कारणों से यह वेबसाइट आम लोगों के लिए विजिबल नहीं हो सकती है. क्योंकि जिनका रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर होगा, उन्हीं के मोबाइल पर इस वेबसाइट का यूआरएल पहुंचेगा और यूआरएल पर क्लिक करते ही वेबसाइट ओपन हो जाएगी. इसके बाद पेंशनर्स अपना जीवित प्रमाण पत्र अब घर बैठे ही दे सकते हैं. अपने फिंगरप्रिंट भी वह घर बैठे ही दे पाएंगे. सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगों को होती थी, जो दूरदराज के गांव में रहते थे और उन्हें कई 100 किलोमीटर का सफर करक मुख्यालय पर पहुंचना पड़ता था. बताया कि पूर्वांचल में अकेले 1 लाख से ज्यादा पेंशनर्स हैं. जिनको अलग-अलग ऑफिसर्स के चक्कर काटने पड़ते हैं. उत्तर प्रदेश में भी यह संख्या 5 लाख के आसपास है. सबसे बड़ी बात यह है की तेजी से हो रहे डिजिटल युग में यह काम पहली बार हुआ है और इसका लाभ भी लोगों को मिलेगा. बस जानकारी की कमी की वजह से लोग इसे दूर रहते हैं.
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