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झारखंड निकाय चुनाव: सरकार ने हाईकोर्ट से की अपील, आयोग की रिपोर्ट आने तक दिया जाए समय - झारखंड निकाय चुनाव

Jharkhand Government petition in High Court. झारखंड में निकाय चुनाव की घोषणा तीन हफ्ते में करने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार ने अपील की है. जिसमें कहा गया है कि पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया है, रिपोर्ट आने तक वक्त दिया जाए.

Jharkhand Government petition in High Court
Jharkhand Government petition in High Court
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 31, 2024, 5:17 PM IST

रांची: झारखंड में तीन हफ्ते के भीतर नगर निकायों के चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने खंडपीठ में अपील दायर की है. एकल पीठ ने बीते 4 जनवरी को रांची नगर निगम की निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को दिए आदेश में कहा था कि नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी चुनावों को लटकाए रखना असंवैधानिक और स्थानिक ब्रेकडाउन है. सरकार तीन हफ्ते में चुनाव की तारीखों का ऐलान करे.

एकल पीठ के इस आदेश के अनुसार, तीन हफ्ते की मियाद पूरी होने के ठीक पहले राज्य सरकार ने अपील दायर कर कहा है कि इन चुनावों में ओबीसी को आरक्षण दिया जाना है और इसके लिए ओबीसी की आबादी का आकलन करने के लिए सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है. आयोग की रिपोर्ट आने तक निकाय चुनाव कराने के लिए वक्त दिया जाए.

राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश पर तत्काल रोक लगाने का आग्रह हाई कोर्ट से किया है. अपील में राज्य सरकार ने झारखंड म्युनिसिपल एक्ट के प्रोविजन का हवाला देते हुए आगामी चुनाव होने तक नगर निगम में प्रशासक की नियुक्ति को सही बताया है.

गौरतलब है कि राज्य के सभी नगर निकायों का कार्यकाल बीते अप्रैल महीने में ही समाप्त हो गया है. नया चुनाव 27 अप्रैल, 2023 तक करा लिए जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है. इसके पीछे की वजह यह है कि राज्य सरकार ने नगर निकायों का नया चुनाव कराने के पहले ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत तय करने का फैसला लिया है. अप्रैल के बाद सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों और नगर पंचायतों को सरकारी प्रशासकों के हवाले कर दिया गया है. नया चुनाव होने तक इन निकायों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका पूरी तरह समाप्त हो गई है.

इनपुट- आईएएनएस

रांची: झारखंड में तीन हफ्ते के भीतर नगर निकायों के चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने खंडपीठ में अपील दायर की है. एकल पीठ ने बीते 4 जनवरी को रांची नगर निगम की निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार को दिए आदेश में कहा था कि नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी चुनावों को लटकाए रखना असंवैधानिक और स्थानिक ब्रेकडाउन है. सरकार तीन हफ्ते में चुनाव की तारीखों का ऐलान करे.

एकल पीठ के इस आदेश के अनुसार, तीन हफ्ते की मियाद पूरी होने के ठीक पहले राज्य सरकार ने अपील दायर कर कहा है कि इन चुनावों में ओबीसी को आरक्षण दिया जाना है और इसके लिए ओबीसी की आबादी का आकलन करने के लिए सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है. आयोग की रिपोर्ट आने तक निकाय चुनाव कराने के लिए वक्त दिया जाए.

राज्य सरकार ने एकल पीठ के आदेश पर तत्काल रोक लगाने का आग्रह हाई कोर्ट से किया है. अपील में राज्य सरकार ने झारखंड म्युनिसिपल एक्ट के प्रोविजन का हवाला देते हुए आगामी चुनाव होने तक नगर निगम में प्रशासक की नियुक्ति को सही बताया है.

गौरतलब है कि राज्य के सभी नगर निकायों का कार्यकाल बीते अप्रैल महीने में ही समाप्त हो गया है. नया चुनाव 27 अप्रैल, 2023 तक करा लिए जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है. इसके पीछे की वजह यह है कि राज्य सरकार ने नगर निकायों का नया चुनाव कराने के पहले ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत तय करने का फैसला लिया है. अप्रैल के बाद सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों और नगर पंचायतों को सरकारी प्रशासकों के हवाले कर दिया गया है. नया चुनाव होने तक इन निकायों में निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका पूरी तरह समाप्त हो गई है.

इनपुट- आईएएनएस

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