भोपाल। दीपावली से पहले तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बोनस देने की मांग जोर पकड़ रही है. कर्मचारी संगठन इसके लिए निरंतर बैठक कर रहे हैं. जिम्मेदार अधिकारियों को ज्ञापन दे रहे हैं. इसके बावजूद कोई सकारात्मक पहल नहीं होने से नाराज कर्मचारी संघ ने अपनी मांगे पूरी कराने के लिए प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव से मुलाकात करने की तैयारी की है. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि अब मुख्यमंत्री से बात करने के बाद ही बोनस की समस्या का हल होगा.
बीते 26 सालों से बंद है दीवाली बोनस
कर्मचारियों ने बताया कि बीते 26 साल से मध्यप्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को दीवाली बोनस का लाभ नहीं मिल रहा है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री श्यामाचरण शुक्ल के कार्यकाल में प्रदेश के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को दीवाली बोनस की शुरुआत की गई थी. लेकिन साल 1998 में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के अंतिम कार्यकाल में इसे बंद कर दिया गया था. तब से तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को दीपावली से पहले बोनस नहीं मिल रहा है.
आधे माह के बराबर मिलता है बोनस
मध्यप्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के संरक्षक वीरेंद्र खोंगल ने बताया "सरकार निरंतर कर्मचारियों की सुविधाओं में कैंची चलाने का काम कर रही है. जबकि दीवाली बोनस फिर शुरू करने के लिए कर्मचारी संघ द्वारा अब तक कई वार्ताएं की जा चुकी हैं. जिम्मेदारों ने इसका आश्वासन भी दिया. लेकिन अब तक बोनस की शुरुआत नहीं हो सकी." वीरेंद्र खोंगल ने बताया कि कर्मचारियों को दीवाली बोनस के तौर पर आधे महीने का वेतन दिया जाता था. लेकिन अब यह सुविधा बंद है. जबकि बढ़ती महंगाई के कारण लोगों को त्योहार मनाना मुश्किल हो गया है.
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तत्कालीन सीएम शिवराज ने दिया था आश्वासन
मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने बताया "दीवाली बोनस फिर से शुरू करने के लिए शासन को कई बार पत्र लिखा जा चुका है. साल 2014 में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान से कर्मचारी संघो ने बोनस शुरू करने के लिए मुलाकात की थी. तब उन्होंने भी हर साल दीपावली बोनस देने की परंपरा वापस शुरू करने का आश्वासन दिया था. इसके बावजूद अब कर्मचारियों को बोनस का लाभ नहीं मिल पा रहा है."