चंडीगढ़: हरियाणा में सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर चल गए हैं. इस हड़ताल का असर ना केवल ओपीडी के मरीजों पर, बल्कि आपात सुविधाओं पर भी पड़ रहा है, क्योंकि डॉक्टरों ने ओपीडी समेत इमरजेंसी सेवाओं भी ठप कर दिया है. यहां तक कि डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम तक नहीं करने का फैसला लिया है. वहीं नर्सिंग स्टाफ ने भी अपनी मांगों को लेकर 2 घंटे सेवाएं बंद रखी जिसने आग में घी का काम किया और मरीज़ों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
डॉक्टरों की हड़ताल जारी: हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के बैनर तले डॉक्टरों की ये हड़ताल सुबह 8 बजे से जारी है. एचसीएमएस के अध्यक्ष डॉक्टर राजेश खयालिया के अनुसार प्रदेश के सभी डॉक्टर करीब 3 साल से सरकार से उनकी मांगों के संबंध में गुहार लगा रहे हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारियों समेत मंत्री और तत्कालीन मुख्यमंत्री तक मांगों को उचित बताने के बावजूद उन्हें पूरा नहीं करवा सके हैं.
सरकार के साथ बातचीत : हरियाणा सरकार और डॉक्टर्स एसोसिएशन की बैठक हरियाणा निवास में हुई है. मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव भी बैठक में शामिल थे जबकि डॉक्टरों का छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी उसमें मौजूद था.
पहले भी हुई है बैठक: डॉक्टरों के मुताबिक हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन और स्वास्थ्य विभाग के उच्च पदस्थ अधिकारियों के बीच कई बार बातचीत की जाती रही, लेकिन एक बार भी डॉक्टरों को उनकी मांगें मान लिए जाने का भरोसा नहीं मिला. लंबे समय तक बैठक बेनतीजा रहने पर डॉक्टरों ने प्रदेश सरकार को बीते दिनों प्रदेश में व्यापक हड़ताल (Doctors strike in Haryana) की चेतावनी दी थी.
डॉक्टरों की नाराजगी दूर नहीं कर सकी प्रदेश सरकार: प्रदेश के डॉक्टरों द्वारा व्यापक हड़ताल की चेतावनी के बावजूद भी हरियाणा सरकार समय रहते उनकी नाराजगी दूर करने में असफल रही है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस परेशानी से निपटने की जिम्मेदारी मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को सौंपी है. लेकिन आज तक मुख्य प्रधान सचिव और उनके अलावा कोई अन्य पदाधिकारी भी डॉक्टरों की नाराजगी को दूर नहीं कर सका है.
ये हैं डॉक्टरों की मुख्य मांगें: हरियाणा के डॉक्टर विशेषज्ञ कैडर के गठन, एसएमओ की सीधी भर्ती, पीजी के लिए बांड राशि 1 करोड़ से घटाकर 50 लाख रुपये करने समेत कई मांगें कर रहे हैं.
करनाल में आधे घंटे तक इलाज को तरसे बच्चे : करनाल के गांव पुंडरी में सरकारी स्कूल में मिड डे मील का खाना खाने से करीब 10 बच्चों की तबीयत बिगड़ गई. बच्चों को जब पानीपत के सिविल अस्पताल लाया गया तो डॉक्टर हड़ताल पर मिले. करीब आधा घंटे तक बच्चे इलाज के लिए तरसते रहे. तब कहीं जाकर एनएचएम के डॉक्टर अस्पताल पहुंचे और बच्चों को इलाज मिल सका.
रेवाड़ी में CMO ने देखी ओपीडी : रेवाड़ी में आज सरकारी अस्पताल के डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. हड़ताल से सभी इमरजेंसी सेवाएं, महिला वार्ड और ओपीडी बंद है. सीएमओ सुरेंद्र यादव ने खुद पहुंचकर ओपीडी देखी और छोटे बच्चों का इलाज किया. हड़ताल से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
सोनीपत में हड़ताल से मरीजों को परेशानी : सोनीपत में सरकारी अस्पताल के डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए तो नर्सिंग स्टाफ ने भी अपनी मांगों को लेकर 2 घंटे सेवाएं बंद रखी. नर्सिंग स्टाफ ने भी इशारा किया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वे भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते है. वहीं सिविल अस्पताल सोनीपत में ओपीडी सेवाएं एनएचएम डॉक्टरों के हवाले रही. हड़ताल के चलते मरीज मरीज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर नज़र आए.
चरखी दादरी में भी हड़ताल का असर : चरखी दादरी के सिविल अस्पताल सहित जिलेभर के सरकारी अस्पतालों के इमरजेंसी और ओपीडी के डॉक्टर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाओं पर खासा असर पड़ा है.
गुरुग्राम में सरकार से डॉक्टर नाराज़ : गुरुग्राम में भी हड़ताल का असर देखने को मिला है. हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. केशव शर्मा की माने तो हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में नियुक्त होने वाले डॉक्टरों की बोली लगानी शुरू कर दी है. कॉन्ट्रैक्ट पर लगे डॉक्टर को तो हरियाणा सरकार 2 लाख रुपए वेतन दे रही है जबकि स्थाई तौर पर लगे स्पेशलिस्ट डॉक्टर को 90 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है. डॉक्टर के पीजी करने को लेकर सरकार द्वारा एक करोड़ रुपए का सिक्योरिटी बॉन्ड भरवाया जा रहा है जबकि डॉक्टर ने उसे 50 लाख रुपए करने की मांग की थी.
हिसार में मरीज परेशान: हिसार के सामान्य अस्पताल में एक हजार से अधिक मरीज रोजाना आते हैं. हिसार एसोसिएशन के जिला प्रधान राजीव डाबला ने कहा कि डॉक्टर मांगों को लेकर सरकार से संघर्ष कर रहे हैं. इसलिए चिकित्सा सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है. हिसार सीएमओ डॉक्टर सपना गहलावत ने बताया कि हड़ताल के दौरान स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं बहाल रखने के लिए आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर और कमयुनिटी हेल्थ ऑफिसर सेवाएं देंगे.
अंबाला में मारे-मारे फिर रहे मरीज: डॉक्टर्स की हड़ताल के कारण मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दूर दूर से आए मरीज बिना इलाज के वापस लौट रहे हैं. मरीजों का कहना है कि "गरीब आदमी इतनी दूर से किराया लगाकर आए हैं और अब उन्हें बताया जा रहा है कि डॉक्टर्स की हड़ताल है. इतनी दूर से बार- बार नही आया जाता".