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ग्रेटर नोएडा में अवैध कब्जे पर चला सरकारी बुलडोजर, 26 करोड़ की जमीन को कराया अतिक्रमण मुक्त - illegal encroachment

ग्रेटर नोएडा में अवैध निर्माण पर आज प्रशासन का बुलडोजर गरजा है. शत्रु संपत्ति पर बनाई गई दुकानों और मार्केट पर कार्रवाई की गई. प्रशासन ने पहले ही नोटिस चस्पा कर दिया था. आज दादरी एसडीएम भारी पुलिस बल और पीएसी के साथ मौके पर पहुंचे और बुलडोजर के माध्यम से दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई.

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अवैध कब्जे पर चला सरकारी बुलडोजर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 28, 2024, 9:35 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाना क्षेत्र के शाहबेरी गांव में कस्टोडियन (शत्रु संपति) की जमीन पर बनाई गई अवैध दुकानों पर प्रशासन का बुलडोजर चला. इस दौरान प्रशासन ने 48 दुकानों को तोड़कर ध्वस्त कर दिया. यहां पर कस्टोडियन की जमीन पर भूमाफियाओं के द्वारा कब्जा करते हुए चार मकान और 148 दुकान बना दी गई थी जिनका तोड़ने के लिए प्रशासन ने पहले ही यहां पर नोटिस जारी कर दुकानों को सील कर दिया था. बुधवार को दादरी एसडीएम भारी पुलिस बल और पीएसी के साथ मौके पर पहुंचे और बुलडोजर के माध्यम से दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई.

दरअसल, शाहबेरी गांव के खसरा नंबर 13, 30, 125 और 187 शत्रु संपत्ति है. खसरा नंबर 187 में 8790 वर्ग मीटर जमीन है जिस पर 148 अवैध दुकानें बनी हुई है. जिनको तोड़ने के लिए प्रशासन ने पहले ही इन दुकानों को सील कर दिया था. शाहबेरी गांव में शत्रु संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा करते हुए भूमाफियाओं ने 148 दुकान बना दी थी. जिनमें से 48 दुकान अधूरी बनी हुई थी. जबकि 100 दुकान पूरी बन चुकी है. 100 दुकानों को तोड़ने के लिए प्रशासन के द्वारा पहले ही नोटिस जारी कर दिया गया था. पुलिस बल की मौजूदगी में प्रशासन ने 48 दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की. इस दौरान प्रशासन ने 26 करोड़ की जमीन को मुक्त कराया.

क्या होता है शत्रु संपत्ति: 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बीच भारत से लोगों का पाकिस्तान में प्रवास हुआ. भारत के रक्षा अधिनियम 1962 के तहत बनाए गए नियमों के तहत भारत सरकार ने पाकिस्तान की राष्ट्रीयता लेने वालों की संपत्ति और कंपनियों को अपने कब्जे में ले लिया. शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत भारत के लिए शत्रु संपत्ति के अभिरक्षण में निहित अचल शत्रु संपत्तियों के निपटारे के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है.

पाकिस्तान जाने से पहले बेच दी थी जमीन: शाहबेरी के खसरा नंबर 187 की जमीन का मालिक पाकिस्तान चला गया था. लेकिन 20 वर्ष पूर्व भारत आया और उसने इस जमीन को बेच दिया था. उसके बाद यह जमीन कई बार बिक चुकी है. लोग इस जमीन पर अपना अधिकार बताते हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह जमीन अब कस्टोडियन के पास है. हाई कोर्ट के आदेश पर ही प्रशासन के द्वारा शत्रु संपत्ति को खाली कराया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: ग्रेटर नोएडा में घर का सपना होगा सरकार, प्राधिकरण ने पांच भूखंडों की आवासीय योजना की लॉन्च

ये भी पढ़ें: ग्रेटर नोएडा में बारिश के बाद बाउंड्री वॉल झुग्गी पर भरभराई, पति-पत्नी की दबकर मौत

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाना क्षेत्र के शाहबेरी गांव में कस्टोडियन (शत्रु संपति) की जमीन पर बनाई गई अवैध दुकानों पर प्रशासन का बुलडोजर चला. इस दौरान प्रशासन ने 48 दुकानों को तोड़कर ध्वस्त कर दिया. यहां पर कस्टोडियन की जमीन पर भूमाफियाओं के द्वारा कब्जा करते हुए चार मकान और 148 दुकान बना दी गई थी जिनका तोड़ने के लिए प्रशासन ने पहले ही यहां पर नोटिस जारी कर दुकानों को सील कर दिया था. बुधवार को दादरी एसडीएम भारी पुलिस बल और पीएसी के साथ मौके पर पहुंचे और बुलडोजर के माध्यम से दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई.

दरअसल, शाहबेरी गांव के खसरा नंबर 13, 30, 125 और 187 शत्रु संपत्ति है. खसरा नंबर 187 में 8790 वर्ग मीटर जमीन है जिस पर 148 अवैध दुकानें बनी हुई है. जिनको तोड़ने के लिए प्रशासन ने पहले ही इन दुकानों को सील कर दिया था. शाहबेरी गांव में शत्रु संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा करते हुए भूमाफियाओं ने 148 दुकान बना दी थी. जिनमें से 48 दुकान अधूरी बनी हुई थी. जबकि 100 दुकान पूरी बन चुकी है. 100 दुकानों को तोड़ने के लिए प्रशासन के द्वारा पहले ही नोटिस जारी कर दिया गया था. पुलिस बल की मौजूदगी में प्रशासन ने 48 दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू की. इस दौरान प्रशासन ने 26 करोड़ की जमीन को मुक्त कराया.

क्या होता है शत्रु संपत्ति: 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बीच भारत से लोगों का पाकिस्तान में प्रवास हुआ. भारत के रक्षा अधिनियम 1962 के तहत बनाए गए नियमों के तहत भारत सरकार ने पाकिस्तान की राष्ट्रीयता लेने वालों की संपत्ति और कंपनियों को अपने कब्जे में ले लिया. शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत भारत के लिए शत्रु संपत्ति के अभिरक्षण में निहित अचल शत्रु संपत्तियों के निपटारे के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है.

पाकिस्तान जाने से पहले बेच दी थी जमीन: शाहबेरी के खसरा नंबर 187 की जमीन का मालिक पाकिस्तान चला गया था. लेकिन 20 वर्ष पूर्व भारत आया और उसने इस जमीन को बेच दिया था. उसके बाद यह जमीन कई बार बिक चुकी है. लोग इस जमीन पर अपना अधिकार बताते हैं. हाईकोर्ट के आदेश के बाद यह जमीन अब कस्टोडियन के पास है. हाई कोर्ट के आदेश पर ही प्रशासन के द्वारा शत्रु संपत्ति को खाली कराया जा रहा है.

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