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Rajasthan: श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में बनाया 21 फीट ऊंचा गोवर्धन पर्वत, गोविंद देव में ठाकुर जी को धारण करवाई रत्न जड़ित पोशाक

जयपुर के श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में गोवर्धन पर्व पर 21 फीट ऊंचा गोवर्धन पर्वत बनाया गया. गोविंद देव मंदिर में भी विशेष उत्सव मनाया गया.

Govardhan Puja 2024
गोवर्धन पूजा 2024 (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

Updated : 11 minutes ago

जयपुर: मां लक्ष्मी की आराधना के बाद शनिवार को राजधानी में गोवर्धन पूजा पर्व मनाया गया. यहां आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में ठाकुर श्री जी को गर्म तासीर के व्यंजन परोसे गए. साथ ही 104 साल पुरानी सोने-चांदी-जरी जड़ित पोशाक धारण करवाई गई. वहीं हरे कृष्ण मूवमेंट की ओर से आयोजित गोवर्धन पूजा महोत्सव में भक्तों ने श्री गिरिराज गोवर्धन भगवान की पूजा-अर्चना, संकीर्तन, दीपदान, और परिक्रमा में भाग लिया. यहां भारत की पवित्र नदियों और तीर्थों के जल और गाय के गोबर से 21 फीट ऊंचा गोवर्धन पर्वत बनाया गया.

श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में गोवर्धन पर्व पर बनाया विशाल गोवर्धन पर्वत (ETV Bharat Jaipur)

राजधानी में 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई गई. वहीं कुछ लोगों ने 1 नवंबर को भी मां लक्ष्मी का पूजन किया. इसके साथ ही रामा-श्यामा का दौर भी चलता रहा. वहीं मान्यता है कि 5000 साल पहले द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के वर्षा रूपी प्रकोप से गोकुल वासियों की रक्षा करने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र का घमंड तोड़ा था, तभी से गाय के गोबर से तैयार गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है. इस दौरान पूजा में अन्नकूट और कुछ जगह चूरमा-बाटी का भोग लगाया जाता है.

Govardhan Puja 2024
गोवर्धन पर गाय-बछड़े का पूजन (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: Rajasthan: गोवर्धन पूजा पर पूंछरी का लौठा पहुंचे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, श्रीनाथ जी मंदिर में की विशेष पूजा

जयपुर के श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की मौजूदगी में श्रीकृष्ण बलराम की दीपों से विशेष आरती की गई. इसके बाद दीपदान किया गया. यहां कैबिनेट मंत्री ने गोवर्धन की विशेष झांकी की परिक्रमा कर दर्शन किए और मंदिर पहुंचने वाले भक्तों को संबोधित करते हुए समाज में आध्यात्मिकता और शांति का संदेश दिया. यहां गोवर्धन पूजा महोत्सव का मुख्य आकर्षण 21 फीट ऊंचा गोवर्धन पर्वत था. जिसे भारत की पवित्र नदियों-तीर्थ के जल और गाय के गोबर से बनाया गया. वहीं श्रीकृष्ण बलराम का विशेष अलंकार के रूप में अनाज की पोशाक धारण कराई गई. साथ ही भक्तों की ओर से तैयार 108 तरह व्यंजनों का भगवान को भोग लगाया गया. कार्यक्रम का समापन अन्नकूट महाप्रसाद वितरण के साथ हुआ. जिसमें 15 हजार भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर किया.

पढ़ें: उदयपुर में 30 फीट के गोवर्धन भगवान की पूजा, निभाई गई सालों पुरानी परंपरा

Shri Krishna Balram temple
श्रीकृष्ण बलराम मंदिर (ETV Bharat Jaipur)

उधर, गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में गोवर्धन पूजा महोत्सव के तहत भगवान को बाजरा, मूंग, मोठ, चोले सहित 25 तरह का कच्चा भोग और छप्पन भोग अर्पित किए गए. ठाकुर श्री जी को महाराज माधो सिंह की ओर से धारण करवाई गई. 104 साल पुरानी सोने-चांदी-जरी जड़ित पोशाक धारण करवाई गई. वहीं मंदिर के पश्चिम द्वार पर गोवर्धन और गाय-बछड़े का पूजन किया गया.

पढ़ें: Rajasthan: आज है गोवर्धन पूजा, इंद्र का अहंकार तोड़कर श्रीकृष्ण का नाम पड़ा गोवर्धनधारी

वहीं, गोवर्धन पूजा के दिन राजधानी के दूसरे कृष्ण मंदिरों आनंद कृष्ण बिहारी मंदिर और बृजनिधि मंदिर में भी जयपुर राज परिवार की ओर से चढ़ाई गई पोशाक ठाकुर जी को धारण कराई गई. साथ ही सात्विक व्यंजनों का भोग भी लगाया गया. उधर, वर्ष में महाशिवरात्रि और गोवर्धन पूजा वाले दिन आम जनता के लिए खुलने वाले भगवान राज राजेश्वर मंदिर में भी भगवान भोलेनाथ की विशेष झांकी सजाई गई.

जयपुर: मां लक्ष्मी की आराधना के बाद शनिवार को राजधानी में गोवर्धन पूजा पर्व मनाया गया. यहां आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में ठाकुर श्री जी को गर्म तासीर के व्यंजन परोसे गए. साथ ही 104 साल पुरानी सोने-चांदी-जरी जड़ित पोशाक धारण करवाई गई. वहीं हरे कृष्ण मूवमेंट की ओर से आयोजित गोवर्धन पूजा महोत्सव में भक्तों ने श्री गिरिराज गोवर्धन भगवान की पूजा-अर्चना, संकीर्तन, दीपदान, और परिक्रमा में भाग लिया. यहां भारत की पवित्र नदियों और तीर्थों के जल और गाय के गोबर से 21 फीट ऊंचा गोवर्धन पर्वत बनाया गया.

श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में गोवर्धन पर्व पर बनाया विशाल गोवर्धन पर्वत (ETV Bharat Jaipur)

राजधानी में 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई गई. वहीं कुछ लोगों ने 1 नवंबर को भी मां लक्ष्मी का पूजन किया. इसके साथ ही रामा-श्यामा का दौर भी चलता रहा. वहीं मान्यता है कि 5000 साल पहले द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के वर्षा रूपी प्रकोप से गोकुल वासियों की रक्षा करने के लिए गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र का घमंड तोड़ा था, तभी से गाय के गोबर से तैयार गोवर्धन बनाकर पूजा की जाती है. इस दौरान पूजा में अन्नकूट और कुछ जगह चूरमा-बाटी का भोग लगाया जाता है.

Govardhan Puja 2024
गोवर्धन पर गाय-बछड़े का पूजन (ETV Bharat Jaipur)

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जयपुर के श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ की मौजूदगी में श्रीकृष्ण बलराम की दीपों से विशेष आरती की गई. इसके बाद दीपदान किया गया. यहां कैबिनेट मंत्री ने गोवर्धन की विशेष झांकी की परिक्रमा कर दर्शन किए और मंदिर पहुंचने वाले भक्तों को संबोधित करते हुए समाज में आध्यात्मिकता और शांति का संदेश दिया. यहां गोवर्धन पूजा महोत्सव का मुख्य आकर्षण 21 फीट ऊंचा गोवर्धन पर्वत था. जिसे भारत की पवित्र नदियों-तीर्थ के जल और गाय के गोबर से बनाया गया. वहीं श्रीकृष्ण बलराम का विशेष अलंकार के रूप में अनाज की पोशाक धारण कराई गई. साथ ही भक्तों की ओर से तैयार 108 तरह व्यंजनों का भगवान को भोग लगाया गया. कार्यक्रम का समापन अन्नकूट महाप्रसाद वितरण के साथ हुआ. जिसमें 15 हजार भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर किया.

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Shri Krishna Balram temple
श्रीकृष्ण बलराम मंदिर (ETV Bharat Jaipur)

उधर, गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण में गोवर्धन पूजा महोत्सव के तहत भगवान को बाजरा, मूंग, मोठ, चोले सहित 25 तरह का कच्चा भोग और छप्पन भोग अर्पित किए गए. ठाकुर श्री जी को महाराज माधो सिंह की ओर से धारण करवाई गई. 104 साल पुरानी सोने-चांदी-जरी जड़ित पोशाक धारण करवाई गई. वहीं मंदिर के पश्चिम द्वार पर गोवर्धन और गाय-बछड़े का पूजन किया गया.

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वहीं, गोवर्धन पूजा के दिन राजधानी के दूसरे कृष्ण मंदिरों आनंद कृष्ण बिहारी मंदिर और बृजनिधि मंदिर में भी जयपुर राज परिवार की ओर से चढ़ाई गई पोशाक ठाकुर जी को धारण कराई गई. साथ ही सात्विक व्यंजनों का भोग भी लगाया गया. उधर, वर्ष में महाशिवरात्रि और गोवर्धन पूजा वाले दिन आम जनता के लिए खुलने वाले भगवान राज राजेश्वर मंदिर में भी भगवान भोलेनाथ की विशेष झांकी सजाई गई.

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