गोरखपुर : जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर बन रहे प्लांट में कूड़े से हरित कोयला (चारकोल) बनाया जाएगा. हरित कोयला बनाने वाला पहला रिएक्टर सितम्बर तक स्थापित हो जाएगा. प्लांट का काम तेजी से चल रहा है जिससे अन्य दो रिएक्टर को भी जल्दी स्थापित किया जा सकेंगे. इस प्लांट की स्थापना नेशनल थर्मल पाॅवर काॅर्पोरेशन करा रहा है. जिस पर 250 करोड़ रुपये की लागत आएगी. यहां उत्पादित हरित कोयला NTPC के प्लांटों में जाएगा. इस कूड़े के एवज में नगर निगम गोरखपुर को रायलटी भी मिलेगी. पहले रिएक्टर की स्थापना के लिए महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव और नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने शिलान्यास कर दिया है.
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि 15 अक्टूबर 2023 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में एनटीपीसी और नगर निगम के बीच सहजनवा के सुथनी में बनने वाले प्लांट के लिए एमओयू साइन हुआ था. इसके बाद नगर निगम की दी हुई जमीन पर एनटीपीसी ने अपना निर्माण कार्य शुरू किया था. उम्मीद है कि सितंबर में पहला, दिसंबर में दूसरा और जून 2025 तक तीसरा रिएक्टर यहां स्थापित हो जाएगा. जिससे 500 टन प्रतिदिन कूड़े का निस्तारण होगा. यहां तैयार हरित कोयला एनटीपीसी अपने विभिन्न प्लांट में ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोग में ले जाएगा. यहां से बायो सीएनजी गैस का भी उत्पादन होगा.
नगर आयुक्त ने बताया कि 500 टन प्रतिदिन कूड़ा निस्तारण की क्षमता वाले इस प्लांट से नगर निगम को अनुरक्षण और टिपिंग शुल्क के रूप में 650 करोड़ रुपये की बचत होगी. अनुबंध के आधार पर NTPC इसका 25 साल तक संचालन करेगा. एनटीपीसी को 25 साल के लिए जमीन ₹1 प्रति वर्ग मीटर की दर पर उपलब्ध कराई गई है. यहां से प्रतिदिन 200 टन चारकोल बनेगा. इस स्थान पर एनटीपीसी दो मेगावाट का सोलर प्लांट भी लगाएगा. नगर आयुक्त ने बताया कि गोरखपुर नगर निगम के अलावा जिले की आठ नगर पंचायत का भी कूड़ा इस प्लांट में निस्तारण के लिए आएगा. साथ ही पड़ोसी जनपद संत कबीर नगर की नगर पालिका और नगर पंचायत से भी कूड़े को लाने का प्रावधान किया गया है. जिससे प्लांट के संचालन और हरित कोयला के उत्पादन में कोई कमी न आए.
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