गोरखपुर : भारतीय वायु सेवा में कार्यरत प्रशांत सिंह की नौ महीने की बेटी जैशवी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है. यह बीमारी गंभीर अनुवांशिक बीमारी मानी जाती है जो बच्चों की मांसपेशियों को कमजोर करती है. इसकी वजह से उन्हें चलने- फिरने में दिक्कत होती है. वह पूरी तरह से अक्षम हो जाते हैं. बीमारी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है. डाॅक्टरों ने इलाज पर 14 करोड़ रुपये का खर्च बताया है. इसके बाद प्रशांत और उनके परिजनों की नींद उड़ चुकी है. इस बाबत प्रशांत ने सोशल मीडिया समेत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है. उनकी अपील पर लोगों ने लगभग पौने दो करोड़ रुपये उनके बताए बैंक खाते में ट्रांसफर किए हैं.
प्रशांत सिंह के अनुसार उनकी बच्ची लंबी-लंबी सांस ले रही है. दूध पीने में भी दिक्कतें हो रही हैं. शारीरिक हलचल भी सही नहीं है. स्थानीय डॉक्टरों को दिखाया. सुधार न होने पर एम्स दिल्ली में जांच कराई गई. बताया गया कि जैशवी को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नाम की बीमारी है. डॉक्टरों ने इसके लिए जोलगेंस्मा जीन थेरेपी का इंजेक्शन देने को कहा है. यह इन्जेक्शन अमेरिका से मंगाना पड़ता है. पूरे इलाज पर करीब 14 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इतनी बड़ी रकम उसके और उसके परिवार के पास नहीं है.
बहरहाल प्रशांत ने हिम्मत जुटा कर ऑफिस स्टाफ से लेकर परिवार, रिश्तेदार और विभिन्न प्लेटफॉर्मों के जरिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई है. नतीजतन करीब पौने दो करोड़ रुपये क्राउड फंडिंग से मिल चुके हैं. प्रशांत ने अपील की है कि डिजिटल ठगी की दुनिया में लोग इसे ठगी के स्तर से न देखें. प्रशांत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य सरकारी अधिकारियों से भी मदद के अपील की है. इसके अलावा सांसद रवि किशन शुक्ला ने भी मदद के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.
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