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गोपालगंज के लोगों की उम्मीदों को उड़ान, सबेया हवाई अड्डे का होगा पुनर्निमाण

Gopalganj Sabeya Airport: सालों से उपेक्षित रहे गोपालगंज के सबेया एयरपोर्ट के पुनर्निर्माण की सुगबुगाहट से इलाके के लोगों की उम्मीदों को नयी उड़ान मिली है. इस हवाई अड्डे के निर्माण से जहां इलाके के लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. वहीं खाड़ी देशों में रहनेवाले डेढ़ लाख से अधिक लोगों को बड़ी सहूलियत होगी, पढ़िये पूरी खबर,

सबेया हवाई अड्डा
सबेया हवाई अड्डा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 1, 2024, 4:15 PM IST

गोपालगंज हवाई अड्डा

गोपालगंज: रक्षा मंत्रालय के अधीन होने के बावजूद कई सालों से उपेक्षित रहे हथुआ प्रखंड के सबेया एयरपोर्ट का जल्द ही कायाकल्प होनेवाला है. 500 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले इस एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल का शिलान्यास कर सांसद आलोक कुमार ने इसके पुनर्निमाण की उम्मीदों को जगा दिया है. सब कुछ ठीक रहा, तो अगले वित्तीय वर्ष में यहां काम शुरू हो जाएगा.

केंद्र की 'उड़ान योजना' में शामिलः 27 जनवरी को जेडीयू सांसद आलोक कुमार ने अपने मद से इस एयरपोर्ट की बाउंड्री बनाने के लिए पिलरिंग के काम की शुरुआत की थी. तब सांसद ने बताया था कि रक्षा मंत्रालय की ओर से हवाई अड्डा को चालू करने के लिए सकारात्मक पहल की जा रही है और केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना ‘उड़ान योजना’ में इस एयरपोर्ट को शामिल किया गया है.

1868 में हुआ था एयरपोर्ट का निर्माणः सबेया एयरपोर्ट का निर्माण 1868 में अंग्रेजों ने कराया था. चीन के नजदीक होने के कारण सुरक्षा के लिहाज से ये एयरपोर्ट काफी अहम था. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश आर्मी ने सबेया एयरपोर्ट का इस्तेमाल भी किया था. आजादी के बाद भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस हवाई अड्डे को ओवरटेक तो कर लिया लेकिन इसे विकसित करने की जगह उपेक्षित छोड़ दिया.

इलाके के लोगों में जगी उम्मीद की किरण: सबेया एयरपोर्ट को 'उड़ान योजना' में शामिल करने के बाद गोपालगंज और उसके आस-पास के जिलें के लोगों के बीच उम्मीद की नयी किरण जगी है. दरअसल इस इलाके के करीब डेढ़ लाख लोग खाड़ी देशों में रहते हैं. ऐसे में अगर एयरपोर्ट शुरू हो जाता है तो इससे लोगों को काफी सहूलियत होगी, साथ ही इलाके में रोजगार के नये अवसर भी पैदा होंगे.

जिले के पर्यटन को भी मिलेगी उड़ानः सबेया एयरपोर्ट के शुरू होने से जहां खाड़ी देशों में नौकरी करनेवाले लोगों को सहूलियत मिलेगी, वहीं जिले के पर्यटन को भी एक नयी उड़ान मिलेगी. मां दुर्गे के 52 शक्तिपीठों में एक प्रसिद्ध थावे मंदिर की दूरी सबेया एयरपोर्ट से सिर्फ 10 किलोमीटर है. थावे में सालों भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.ऐसे में एयरपोर्ट का निर्माण होता है तो थावे आनेवाले पर्यटकों की संख्या बढ़ सकती है.

'उड़ान योजना' में बिहार में बनेंगे 26 एयरपोर्ट: 2016 में केंद्र सरकार ने देश के छोटे-छोटे शहरों में भी हवाई सेवा देने के उद्देश्य से 'उड़ान योजना' शुरू की थी. इस योजना के तहत बिहार के आरा, बेगूसराय, बेतिया, कैमूर, भागलपुर, बिहारशरीफ, बिहटा, वीरपुर, बक्सर, छपरा, डेहरी आनसोन, फारबिसगंज, हथुआ ( गोपालगंज), जहानाबाद, जोगबनी, कटिहार, किशनगंज, मधुबनी, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नरिया, पंचनपुर, रक्सौल, सहरसा और वाल्मीकिनगर को भी रखा गया है.

ये भी पढेंःउड़ान योजना: सबेया एयरपोर्ट का जल्द होगा कायापलट, जल्द हो सकती है नीलामी की प्रक्रिया

गोपालगंज हवाई अड्डा

गोपालगंज: रक्षा मंत्रालय के अधीन होने के बावजूद कई सालों से उपेक्षित रहे हथुआ प्रखंड के सबेया एयरपोर्ट का जल्द ही कायाकल्प होनेवाला है. 500 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले इस एयरपोर्ट की बाउंड्री वॉल का शिलान्यास कर सांसद आलोक कुमार ने इसके पुनर्निमाण की उम्मीदों को जगा दिया है. सब कुछ ठीक रहा, तो अगले वित्तीय वर्ष में यहां काम शुरू हो जाएगा.

केंद्र की 'उड़ान योजना' में शामिलः 27 जनवरी को जेडीयू सांसद आलोक कुमार ने अपने मद से इस एयरपोर्ट की बाउंड्री बनाने के लिए पिलरिंग के काम की शुरुआत की थी. तब सांसद ने बताया था कि रक्षा मंत्रालय की ओर से हवाई अड्डा को चालू करने के लिए सकारात्मक पहल की जा रही है और केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना ‘उड़ान योजना’ में इस एयरपोर्ट को शामिल किया गया है.

1868 में हुआ था एयरपोर्ट का निर्माणः सबेया एयरपोर्ट का निर्माण 1868 में अंग्रेजों ने कराया था. चीन के नजदीक होने के कारण सुरक्षा के लिहाज से ये एयरपोर्ट काफी अहम था. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश आर्मी ने सबेया एयरपोर्ट का इस्तेमाल भी किया था. आजादी के बाद भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस हवाई अड्डे को ओवरटेक तो कर लिया लेकिन इसे विकसित करने की जगह उपेक्षित छोड़ दिया.

इलाके के लोगों में जगी उम्मीद की किरण: सबेया एयरपोर्ट को 'उड़ान योजना' में शामिल करने के बाद गोपालगंज और उसके आस-पास के जिलें के लोगों के बीच उम्मीद की नयी किरण जगी है. दरअसल इस इलाके के करीब डेढ़ लाख लोग खाड़ी देशों में रहते हैं. ऐसे में अगर एयरपोर्ट शुरू हो जाता है तो इससे लोगों को काफी सहूलियत होगी, साथ ही इलाके में रोजगार के नये अवसर भी पैदा होंगे.

जिले के पर्यटन को भी मिलेगी उड़ानः सबेया एयरपोर्ट के शुरू होने से जहां खाड़ी देशों में नौकरी करनेवाले लोगों को सहूलियत मिलेगी, वहीं जिले के पर्यटन को भी एक नयी उड़ान मिलेगी. मां दुर्गे के 52 शक्तिपीठों में एक प्रसिद्ध थावे मंदिर की दूरी सबेया एयरपोर्ट से सिर्फ 10 किलोमीटर है. थावे में सालों भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.ऐसे में एयरपोर्ट का निर्माण होता है तो थावे आनेवाले पर्यटकों की संख्या बढ़ सकती है.

'उड़ान योजना' में बिहार में बनेंगे 26 एयरपोर्ट: 2016 में केंद्र सरकार ने देश के छोटे-छोटे शहरों में भी हवाई सेवा देने के उद्देश्य से 'उड़ान योजना' शुरू की थी. इस योजना के तहत बिहार के आरा, बेगूसराय, बेतिया, कैमूर, भागलपुर, बिहारशरीफ, बिहटा, वीरपुर, बक्सर, छपरा, डेहरी आनसोन, फारबिसगंज, हथुआ ( गोपालगंज), जहानाबाद, जोगबनी, कटिहार, किशनगंज, मधुबनी, मोतिहारी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नरिया, पंचनपुर, रक्सौल, सहरसा और वाल्मीकिनगर को भी रखा गया है.

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