गोपालगंज: जम्मू कश्मीर के राजौरी में एयर डिफेंस यूनिट में तैनात बिहार का लाल शहीद हो गए. सोमवार की अहले सुबह ड्यूटी से लौटने के दौरान आंतकियों ने हमला कर दिया. शहीद मनीष कुमार गोपालगंज के भोरे थाना क्षेत्र के तिवारीचकवा गांव निवासी मार्केंडेय तिवारी के पुत्र थे.
रविवार को हुई थी बात: परिजनों ने बताया कि मनीष कुमार रविवार को पत्नी श्रेया देवी से फोन पर बातचीत की थी. सभी का हाल जाना था, लेकिन उसे क्या पता था कि इस तरह की घटना हो जाएगी? पत्नी का रो रोककर हाल खराब है. एक 8 साल और दूसरा 4 साल के बेटे के सिर से पिता का साया उठ गया.
सोमवार की घटना: परिजनों के अनुसार सोमवार की दोपहर 12 बजे मनीष कुमार के शहीद होने की सूचना मिली. इसके बाद गांव में मातम पसर गया. एयर डिफेंस यूनिट के अधिकारियों ने शहीद मनीष तिवारी के पिता से नजदीकी एयर बेस की जानकारी ली ताकि पार्थिव शरीर को सैनिक सम्मान के साथ घर लाया जाए. मंगलवार की शाम तक पार्थिव शरीर गांव लाया जाएगा.
पिता के नक्शेकदम पर थे मनीष: शहीद मनीष कुमार पिता के नक्शेकदम पर सेना में सेवा देने गए थे. पिता मार्कंडेय तिवारी भी एयर डिफेंस यूनिट में ही तैनात थे. देश के अलग-अलग क्षेत्रों सेवा देने के बाद सेवानिवृत्ति हुए और गांव में ही रहकर खेती बारी करते हैं. बेटे के शहीद होने से जहां पिता को गर्व है, वहीं आंख के आंसू नहीं सूख रहे.
13 साल से दे रहे थे सेवा: गांव के मुखिया पंचायत के मुखिया विजय तिवारी ने बताया कि 13 साल पहले मनीष एयर डिफेंस यूनिट में तैनात हुए थे. 5 माह पहले यूनिट को ग्वालियर से ट्रांसफर कर जम्मू कश्मीर में तैनात किया गया था. वर्तमान में डिफेंस आर्मी कोर यूनिट में हवलदार के पद पर तैनात थे. मुखिया ने बताया कि मनीष देश की रक्षा करते करते कुर्बान हो गए.
"देश की सुरक्षा के लिए कुर्बान हो गए. हर व्यक्ति की आंख में आंसू है. गम और गर्व के बीच ग्रामीण अंतिम दर्शन के लिए इंतजार कर रहे हैं." -विजय तिवारी, मुखिया
एयर डिफेंस यूनिट क्या है?: यह भारतीय सेना की एक यूनिट है. इसका काम विदेशी खतरों से देश की रक्षा करना है. दुश्मन देश अगर हवाई हमले करता है तो हवाई रक्षा करने वाली लड़ाकु का अहम योगदान होता है. दुश्मन के विमान, ड्रोन और मिसाइल जैसे घातक हमलों को 5 हजार फीट ऊपर ही नष्ट कर सकता है.
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