गोपालगंज : बिहार में गोपालगंज के एसएस बालिका उच्च विद्यालय में एक शिक्षक द्वारा छात्राओं से रसायन शास्त्र की प्रैक्टिकल परीक्षा के नाम पर पांच-पांच सौ रुपये लेने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में शिक्षक को छात्राओं से पैसे लेते हुए दिखाया गया है. यह घटना विद्यालय में मंगलवार को आयोजित रसायन शास्त्र की प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान हुई, जिसमें 255 छात्राएं शामिल हुई थीं.
पैसे लेते शिक्षक का वीडियो वायरल : वायरल वीडियो में एक शिक्षक, विवेक कुमार गुप्ता, छात्राओं से पैसे लेकर जेब में रख रहे हैं. एक छात्रा गिड़गिड़ाते हुए कहती है कि उसके पास केवल 20 रुपये हैं, फिर भी शिक्षक उसे पैसे ले कर अपने जेब में रख लेते हैं. वीडियो ने विवाद को जन्म दिया, और बाद में शिक्षा विभाग ने इस पर कार्रवाई करते हुए शिक्षक को सस्पेंड कर दिया.
शिक्षा विभाग की सख्त कार्रवाई : वायरल वीडियो सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने जांच शुरू की और जिला शिक्षा पदाधिकारी, योगेश कुमार ने एक पत्र जारी किया. पत्र में कहा गया कि विवेक कुमार गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. उनके इस कृत्य को भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता और विभाग की छवि को धूमिल करने वाला बताया गया. उन्होंने आगे कहा कि आरोप पत्र अलग से गठित किया जाएगा और निलंबन अवधि के दौरान जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा.
''वीडियो फुटेज से ज्ञात होता है कि विवेक कुमार गुप्ता, विषय-रसायन शास्त्र (11-12), माधव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मांझ, प्रखण्ड मांझा द्वारा वर्तमान प्रतिनियुक्त विद्यालय एस०एस० बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, में छात्रों से प्रायोगिक परीक्षा-2025 के समय पैसे लेते हुए दिख रहे हैं. इस प्रकार इनके विरूद्ध प्रायोगिक परीक्षा के नाम पर पैसे लेने का आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित होता है. अतः उपरोक्त तथ्यों के आलोक में विवेक कुमार गुप्ता को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है.''- योगेश कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी
शिक्षक ने आरोपों से किया इनकार : इस पूरे घटनाक्रम पर शिक्षक विवेक कुमार गुप्ता ने वायरल वीडियो से खुद को अलग करते हुए आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी भी छात्रा से पैसे नहीं लिए और यह वीडियो झूठा है.
कार्रवाई से विभाग में हड़कंप : शिक्षा विभाग ने आरोपों को गंभीरता से लिया और पूरी घटना की गहराई से जांच की. विभाग ने कहा कि इस तरह की घटना से शिक्षण संस्थानों की प्रतिष्ठा को नुकसान होता है और ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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