नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने पर कृत्रिम वर्षा(आर्टिफिशियल रेन) कराने की योजना पर अब तक बात नहीं बन पाई है. दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एक बार फिर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर कृत्रिम वर्षा कराने के लिए संबंधित विभागों की बैठक बुलाने का आग्रह किया है. इससे पहले भी वह कई बार पत्र लिख चुके हैं लेकिन अभी तक बैठक नहीं हुई है.
दरअसल कृत्रिम वर्षा करने के लिए कई विभागों से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) लेना होता है. दिल्ली सरकार सभी विभागों के साथ बैठक कर एनओसी के लिए उन्हें राजी नहीं कर सकती है. ऐसे में केंद्र से दखल देने की अपील की है.
दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में सर्दियों के बढ़ने पर प्रदूषण बढ़ जाता है. दीपावली पर आतिशबाजी, कम तापमान, धीमी हवा, पराली जलाने व अन्य वजहों से प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक श्रेणी में पहुंच जाता है. ऐसे में कृत्रिम बारिश से लोगों को प्रदूषण से राहत दी जा सकती है. बीते साल दिल्ली सरकार ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से दिल्ली में आर्टिफिशियल रेन कराने की योजना बनाई थी लेकिन इसके लिए कई विभागों से एनओसी नहीं मिल पाई. जिससे कृत्रिम बारिश नहीं कराया जा सका. इस बार सितंबर से ही दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने पर कृत्रिम बारिश कराने को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मदद की अपील की जा रही है.
ये भी पढ़ें: दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा तो बदलेगा आपके ऑफिस का समय, सड़कों पर पौधे लेकर निकलेंगी महिलाएं, जानिए क्यों
दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 10 अक्टूबर को फिर से केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को दिल्ली में आर्टिफिशियल रेन कराने के संबंध में पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि दिवाली के बाद जब धुंध और पर्यावरण क्षरण खतरनाक वायु प्रदूषण स्तरों को जन्म देता है तब क्लाउड सीडिंग को आपातकालीन उपाय के रूप में विचार करने की जरूरत है. दिल्ली सरकार ने पहले भी ऐसे महत्वपूर्ण समय के दौरान कृत्रिम रूप से बारिश को प्रेरित करने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए क्लाउड सीडिंग को आपातकालीन उपाय के रूप में माना था.
बता दें आर्टिफिशियल रेन के लिए विभिन्न एजेंसियों से पूर्व मंज़ूरी की आवश्यकता होती है. दिल्ली सरकार ने साल 2023 में वायु गुणवत्ता के खतरनाक होने के दिनों में क्लाउड सीडिंग को आपातकालीन उपाय के रूप में विचार करने का प्रयास किया था. आईआईटी कानपुर द्वारा एक प्रेजेंटेशन भी दिया गया था. प्रेजेंटेशन के दौरान बताया गया कि किसी विशेष स्थान पर क्लाउड सीडिंग को लागू करने के लिए भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियों से पूर्व मंजूरी आवश्यक है.
ये भी पढ़ें: Delhi Pollution: AQI 450 से अधिक होने पर दिल्ली में लागू होगा ऑड इवन, कृत्रिम वर्षा पर भी फैसला संभव
दिल्ली में क्लाउड सीडिंग के प्रयासों में पहले ही लगभग एक महीने की देरी हो चुकी है. यह देखते हुए कि नवंबर के आरंभ में दिल्ली में वायु गुणवत्ता खतरनाक हो सकती है. मैं एक बार फिर आपसे अनुरोध करता हूं कि आप सभी संबंधित हितधारकों के साथ तत्काल बैठक बुलाएं. जिसमें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, दिल्ली सरकार और अन्य संबंधित एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल हों जो आर्टिफिशियल रेन के लिए एनओसी जारी करने वाले हैं.
ये भी पढ़ें: मंत्री गोपाल राय बोले- 5 साल से मिलने का समय नहीं दे रहे केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, आर्टिफिशियल रेन पर संकट