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गोपाल भार्गव का चुनाव आयोग को पत्र 'बीमारियां आचार संहिता देखकर नहीं आती, मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान राशि से हटाएं प्रतिबंध' - cm voluntary grant amount

Gopal Bhargava Letter to EC : पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान राशि पर लगाए गए प्रतिबंध को मुक्त करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि बीमारियां चुनाव और आदर्श आचार संहिता देखकर नहीं आती.

Gopal Bhargava Letter to EC
गोपाल भार्गव का चुनाव आयोग को पत्र
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 20, 2024, 10:52 AM IST

सागर। पूर्व मंत्री व बीजेपी के दिग्गज नेता गोपाल भार्गव का कहना है "मेरे विधानसभा क्षेत्र के कई लोग बीमारियों के चलते इलाज के लिए भटक रहे हैं. इसलिए मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान राशि को प्रतिबंध मुक्त करने का कष्ट करें. मेरे विधानसभा क्षेत्र रहली जिला सागर सहित पूरे मध्यप्रदेश में आम चुनाव 2024 की आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के कारण मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान स्वीकृति की प्रक्रिया पिछले तीन दिनों से बंद है."

मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रतिबंध हटाने का आग्रह

गोपाल भार्गव ने पत्र में लिखा "आचार संहिता के राशि नहीं मिलने पर बहुत से जरूरतमंद लोग इलाज कराने आर्थिक मदद के लिए भटक रहे हैं. इस संबंध मैं मेरा अनुरोध है कि चूंकि बीमारिया चुनाव और आचार संहिता देखकर नहीं आती है. इसलिए यदि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की स्वीकृति को आदर्श आचार संहिता में प्रतिबंधित किया गया है, तो मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रतिबंध से मुक्त करें.'

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गरीब मरीजों का इलाज कराने में आगे हैं गोपाल भार्गव

गोपाल भार्गव ने लिखा "यहां स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से सिर्फ गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए राशि स्वीकृत की जाती है. स्वीकृत राशि अस्पताल द्वारा मरीज को दिए अनुमानित खर्च के हिसाब से मरीज को नहीं दी जाती है. बल्कि अस्पताल के खाते में डाली जाती है." बता दें कि गोपाल भार्गव लगातार 1985 से रहली के विधायक हैं और इस बार नौवीं बार विधायक चुने गए हैं. गोपाल भार्गव शुरू से अपने विधानसभा क्षेत्र के गंभीर बीमारियों से पीड़ित गरीब लोगों का इलाज कराते आए हैं. मंत्री रहते हुए भोपाल में अपने निवास पर एक अलग से कक्ष इलाज के लिए पहुंचने वाले लोगों के लिए बनाया है. जहां उनके रहने खाने और इलाज के लिए आने जाने का इंतजाम किया जाता है.

सागर। पूर्व मंत्री व बीजेपी के दिग्गज नेता गोपाल भार्गव का कहना है "मेरे विधानसभा क्षेत्र के कई लोग बीमारियों के चलते इलाज के लिए भटक रहे हैं. इसलिए मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान राशि को प्रतिबंध मुक्त करने का कष्ट करें. मेरे विधानसभा क्षेत्र रहली जिला सागर सहित पूरे मध्यप्रदेश में आम चुनाव 2024 की आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के कारण मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान स्वीकृति की प्रक्रिया पिछले तीन दिनों से बंद है."

मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रतिबंध हटाने का आग्रह

गोपाल भार्गव ने पत्र में लिखा "आचार संहिता के राशि नहीं मिलने पर बहुत से जरूरतमंद लोग इलाज कराने आर्थिक मदद के लिए भटक रहे हैं. इस संबंध मैं मेरा अनुरोध है कि चूंकि बीमारिया चुनाव और आचार संहिता देखकर नहीं आती है. इसलिए यदि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान की स्वीकृति को आदर्श आचार संहिता में प्रतिबंधित किया गया है, तो मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रतिबंध से मुक्त करें.'

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गोपाल भार्गव ने लिखा "यहां स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान मद से सिर्फ गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए राशि स्वीकृत की जाती है. स्वीकृत राशि अस्पताल द्वारा मरीज को दिए अनुमानित खर्च के हिसाब से मरीज को नहीं दी जाती है. बल्कि अस्पताल के खाते में डाली जाती है." बता दें कि गोपाल भार्गव लगातार 1985 से रहली के विधायक हैं और इस बार नौवीं बार विधायक चुने गए हैं. गोपाल भार्गव शुरू से अपने विधानसभा क्षेत्र के गंभीर बीमारियों से पीड़ित गरीब लोगों का इलाज कराते आए हैं. मंत्री रहते हुए भोपाल में अपने निवास पर एक अलग से कक्ष इलाज के लिए पहुंचने वाले लोगों के लिए बनाया है. जहां उनके रहने खाने और इलाज के लिए आने जाने का इंतजाम किया जाता है.

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