जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में संविदा पर लगे सेवानिवृत कर्मचारियों को अब बाहर का रास्ता दिखाया गया है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने संविदा पर पुनर्नियुक्ति को लेकर सख्ती बरतते हुए आदेश जारी किया है, जिसके तहत कार्य अवधि खत्म होने के बावजूद भी सेवाएं दे रहे संविदा कर्मचारियों को कार्य मुक्त किया गया है. ऐसे कार्मिकों का वेतन भी रोकने के आदेश जारी किए हैं. विश्वविद्यालय की ओर से जारी किए गए इन आदेशों के बाद संविदा कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है.
पहले नगरीय निकाय फिर जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस लिमिटेड के बाद अब राजस्थान विश्वविद्यालय में भी रिटायरमेंट के बाद संविदा पर लगी कार्मिक रिलीव करने के आदेश जारी किए गए हैं. इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलसचिव कालूराम ने आदेश जारी किए हैं. आदेशों में स्पष्ट लिखा गया है कि विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, संघटक कॉलेज और इकाइयों में कार्य अवधि खत्म होने के बावजूद सेवानिवृत कर्मचारी संविदा पर लगे हुए हैं. सक्षम स्तर पर स्वीकृति के बिना वो अपने पद पर कार्य संपादन कर रहे हैं, जो की प्रशासनिक व्यवस्था और नियमों के खिलाफ है.
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ऐसे कार्मिकों का भुगतान नियम विरुद्ध बताते हुए उस पर रोक लगाई गई है. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया है कि किसी भी कार्मिक की कार्य अवधि बढ़ाने के लिए सक्षम स्तर से स्वीकृति प्राप्त करना जरूरी होगा. उसके बाद ही सेवानिवृत्ति कार्मिकों की सेवाएं ली जा सकेंगी और स्वीकृति के अभाव में भुगतान देय नहीं होगा.
इस संबंध में उन्होंने सभी विभाग अध्यक्ष, कॉलेज प्राचार्य और इकाई प्रभारी को हिदायत देते हुए कहा कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रक्रिया की अवहेलनायक करते हुए संविदा पर लगे सेवानिवृत कर्मचारियों की सेवाएं ली जाती है तो उनका भुगतान और दूसरे सभी प्रभार के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन नहीं बल्कि संबंधित अधिकारी उत्तरदाई होगा.