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वाहनों के शौकीनों के लिए अच्छी खबर, छत्तीसगढ़ में बिना पेट्रोल डीजल के चलेंगी गाड़ियां

छत्तीसगढ़ में कचरे के बायोगैस से वाहनों को चलाने की तैयारी की जा रही है. जानिए कैसे यह संभव होगा.

COMPRESSED BIOGAS WORK AS FUEL
वाहनों के शौकीनों के लिए अच्छी खबर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 54 minutes ago

दुर्ग: छत्तीसगढ़ में कचरे से कंप्रेस्ड बायोगैस के उत्पादन की तैयारी स्टील सिटी भिलाई में की जा रही है. यह बायोगैस वाहनों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल होगा. इसके लिए छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड की तरफ से प्लानिंग की जा रही है. दोनों कंपनियों में इस प्रोजेक्ट को लेकर एमओयू साइन हो चुका है. अब प्लांट के निर्माण को लेकर जगह का चयन किया गया है.

भिलाई में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट की होगी स्थापना: कंप्रेस्ड बायोगैस के उत्पादन के लिए भी प्लानिंग की गई है. इसके लिए छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण सीबीडीए और भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड बीपीसीएल के बीच एक प्लांट की स्थापना की जाएगी. इस प्लांट की स्थापना भिलाई नगर निगम क्षेत्र में होगी और इसकी क्षमता 100 से 150 टन एमएसडब्ल्यू आधारित कंप्रेस्ड बायोगैस के उत्पादन की होगी.

छत्तीसगढ़ में कचरे के बायोगैस करेगा मालामाल (ETV BHARAT)

कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट में पूर्ण क्षमता के उत्पादन एवं विक्रय होने पर प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ रुपए की राशि का जीएसटी प्राप्त होगा. प्लांट में सह उत्पाद के रूप में प्राप्त जैविक खाद से जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा.इसके अलावा संयंत्र की स्थापना से ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में कमी आएगी. पर्यावरण स्वच्छ होगा, सीबीजी के उपयोग से राज्य नेट जीरो एमिशन प्राप्ति की दिशा में अग्रसर होगा. प्लांट बनने से रोजगार में इजाफा होगा. इसके साथ साथ गाड़ियों का संचालन भी इस ईंधन से होगा: अजय शुक्ला,जनसंपर्क अधिकारी भिलाई नगर निगम

एमओयू के बाद अब प्लांट निर्माण की बारी: 13 मार्च 2024 को सीएम विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव की उपस्थिति में एमओयू की प्रक्रिया पूरी की गई थी. इसके तहत नगर पालिक निगम रायपुर और भिलाई सीबीडीए एवं बीपीसीएल के मध्य 2 कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट के निर्माण को लेकर एमओयू हुआ था. मंगलवार को इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण और भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने ट्रेंचिंग ग्राउंड का निरीक्षण किया. भिलाई नगर निगम में 150 मिट्रिक टन प्रतिदिन नगरीय ठोस अपशिष्ट का उपयोग जैव ईंधन में किया जाएगा. इस संयंत्र में 60 करोड़ की राशि का निवेश होगा.

रोजगार को मिलेगा बढ़ावा: 60 करोड़ की लागत से दुर्ग में इस प्लांट का निर्माण होगा. इसको लेकर सोमवार को भिलाई नगर निगम, छत्तीसगढ़ जैव ईंधन विकास प्राधिकरण और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. रायपुर और भिलाई नगर निगम क्षेत्रों में करीब 100 करोड़ रुपये के निवेश से सीबीजी प्लांट लगाएगी. त्रिपक्षीय रियायत समझौते के तहत बीपीसीएल 60 करोड़ रुपये का निवेश कर भिलाई नगर निगम क्षेत्र के जामुल कस्बे के ट्रेंचिंग ग्राउंड में प्लांट लगाएगी. प्लांट से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हर साल 30,000 मानव दिवस रोजगार सृजित होने की उम्मीद है. इस प्लांट से 150 मीट्रिक टन ठोस कचरे को जैव ईंधन में परिवर्तित करने में मदद मिलेगी

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दुर्ग: छत्तीसगढ़ में कचरे से कंप्रेस्ड बायोगैस के उत्पादन की तैयारी स्टील सिटी भिलाई में की जा रही है. यह बायोगैस वाहनों में ईंधन के रूप में इस्तेमाल होगा. इसके लिए छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड की तरफ से प्लानिंग की जा रही है. दोनों कंपनियों में इस प्रोजेक्ट को लेकर एमओयू साइन हो चुका है. अब प्लांट के निर्माण को लेकर जगह का चयन किया गया है.

भिलाई में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट की होगी स्थापना: कंप्रेस्ड बायोगैस के उत्पादन के लिए भी प्लानिंग की गई है. इसके लिए छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण सीबीडीए और भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड बीपीसीएल के बीच एक प्लांट की स्थापना की जाएगी. इस प्लांट की स्थापना भिलाई नगर निगम क्षेत्र में होगी और इसकी क्षमता 100 से 150 टन एमएसडब्ल्यू आधारित कंप्रेस्ड बायोगैस के उत्पादन की होगी.

छत्तीसगढ़ में कचरे के बायोगैस करेगा मालामाल (ETV BHARAT)

कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट में पूर्ण क्षमता के उत्पादन एवं विक्रय होने पर प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ रुपए की राशि का जीएसटी प्राप्त होगा. प्लांट में सह उत्पाद के रूप में प्राप्त जैविक खाद से जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा.इसके अलावा संयंत्र की स्थापना से ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में कमी आएगी. पर्यावरण स्वच्छ होगा, सीबीजी के उपयोग से राज्य नेट जीरो एमिशन प्राप्ति की दिशा में अग्रसर होगा. प्लांट बनने से रोजगार में इजाफा होगा. इसके साथ साथ गाड़ियों का संचालन भी इस ईंधन से होगा: अजय शुक्ला,जनसंपर्क अधिकारी भिलाई नगर निगम

एमओयू के बाद अब प्लांट निर्माण की बारी: 13 मार्च 2024 को सीएम विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव की उपस्थिति में एमओयू की प्रक्रिया पूरी की गई थी. इसके तहत नगर पालिक निगम रायपुर और भिलाई सीबीडीए एवं बीपीसीएल के मध्य 2 कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट के निर्माण को लेकर एमओयू हुआ था. मंगलवार को इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण और भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने ट्रेंचिंग ग्राउंड का निरीक्षण किया. भिलाई नगर निगम में 150 मिट्रिक टन प्रतिदिन नगरीय ठोस अपशिष्ट का उपयोग जैव ईंधन में किया जाएगा. इस संयंत्र में 60 करोड़ की राशि का निवेश होगा.

रोजगार को मिलेगा बढ़ावा: 60 करोड़ की लागत से दुर्ग में इस प्लांट का निर्माण होगा. इसको लेकर सोमवार को भिलाई नगर निगम, छत्तीसगढ़ जैव ईंधन विकास प्राधिकरण और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. रायपुर और भिलाई नगर निगम क्षेत्रों में करीब 100 करोड़ रुपये के निवेश से सीबीजी प्लांट लगाएगी. त्रिपक्षीय रियायत समझौते के तहत बीपीसीएल 60 करोड़ रुपये का निवेश कर भिलाई नगर निगम क्षेत्र के जामुल कस्बे के ट्रेंचिंग ग्राउंड में प्लांट लगाएगी. प्लांट से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हर साल 30,000 मानव दिवस रोजगार सृजित होने की उम्मीद है. इस प्लांट से 150 मीट्रिक टन ठोस कचरे को जैव ईंधन में परिवर्तित करने में मदद मिलेगी

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