करनाल: प्रदेश के पर्यटन एवं सहकारिता मंत्री अरविंद शर्मा ने करनाल की सहकारी शुगर मिल के 49वें पेराई सत्र का शुभारंभ किया. मंत्री अरविंद शर्मा ने मिल में गन्ना डालकर पेराई सत्र की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि गन्ना पेराई के महज 48 घंटे में किसानों का पेमेंट हो जाएगा. हरियाणा में किसानों को गन्ना का सबसे ज्यादा भाव मिल रहा है. यहां के किसान खुश है. आने वाले समय में भी समय पर किसानों का भुगतान किया जाएगा. किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
तीन दिनों के भीतर होगी पेमेंट: मंत्री अरविंद शर्मा ने करनाल के सहकारी शुगर मिल के 49वें पिराई सत्र के शुभारंभ के बाद मीडिया से बातचीत की. उन्होंने कहा, "पेराई सत्र के दौरान गन्ना को लेकर किसानों को कोई दिक्कत नहीं हो पाएगी. तकनीकी क्षमता श्रेणी में करनाल सरकारी चीनी मिल को पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, यह गौरव की बात है. तीन दिन के अंदर ही किसानों को गन्ने का भुगतान किया है. ऐसी व्यवस्था अन्य चीनी मिलों में भी लागू की जाएगी. प्रदेश में कहीं भी डीएपी की कोई कमी नहीं है. किसानों को आगे भी खाद की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी."
बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार पूरी तरह गंभीर है. सीजन के हिसाब से कुछ समस्या आती है, लेकिन इससे निपटने के लिए प्रदेश सरकार भरपूर प्रयास कर रही है. सबने देखा कि पराली के मामले पहले से कम हुए हैं. जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. पराली से प्रदूषण पंजाब से ज्यादा हो रहा है. हरियाणा में केवल नाम मात्र के मामले सामने आए हैं. आगे इसे और भी कम करने का प्रयास किया जाएगा. -अरविंद शर्मा, पर्यटन एवं सहकारिता मंत्री
करनाल में गन्ने की हुई अच्छी पैदावार: आगे मंत्री अरविंद शर्मा ने कहा कि करनाल के 232 गांवों में गन्ने की पैदावार की जा रही है. चीनी मिल इस समय मुनाफे में है. किसानों और मिल प्रशासन की मेहनत की बदौलत मिल को तीन बार पुरस्कार मिल चुका है. साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का प्रधानमंत्री का सपना साकार करने के लिए हर वर्ग को अपनी-अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी.
21 बार मिल चुका है इनाम: इस दौरान हरियाणा शुगरफेड के अध्यक्ष धर्मबीर डागर ने कहा कि मिल तकनीकी दक्षता के मामले में बेहतर परिणाम दे रही है. जिला का किसान काफी मेहनती है. किसानों से अपील है कि मिल में साफ गन्ना लाएं ताकि रिकवरी अच्छी हो सके. मिल ने पिछले सत्र में 49.34 लाख गन्ने की पिराई करके 4.90 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया था और मिल की रिकवरी 9.95 प्रतिशत रही थी. इस साल पिराई का लक्ष्य 50 लाख क्विंटल और रिकवरी 10.01 प्रतिशत रखा गया है. ऑनलाइन टोकन से किसानों को समय की बचत हुई है. इस साल मिल एरिया में गन्ने की बिजाई 22658 एकड़ में की गई है, जिसमें से 71 प्रतिशत अगेती और 29 प्रतिशत मध्यम किस्म का गन्ना है. करनाल के गन्ना मिल को अब तक गन्ना रिकवरी और विकास के लिए 21 बार इनाम मिल चुका है.
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