पौड़ी: गोल्ज्यू संदेश यात्रा चंपावत से होकर पौड़ी शहर पहुंची. जहां शहरवासियों ने गोल्ज्यू संदेश यात्रा का भव्य स्वागत किया. पौड़ी शहर के शीर्ष पर स्थित भगवान कंडोलिया मंदिर में पूजा अर्चना के साथ गोल्ज्यू संदेश यात्रा का अभिवादन किया गया. गोल्ज्यू संदेश यात्रा से जुड़े लोगों ने मंदिर में पूजा अर्चना का शहर वासियों के सुख शांति की कामना की.
गोल्ज्यू संदेश यात्रा चंपावत से होकर उत्तराखंड के विभिन्न मंदिरों में पहुंचकर हमारी संस्कृति और धरोहर को बचाने के उद्देश्य से निकाली जा रही है. यह यात्रा उत्तराखंड के 13 जिलों के 75 मंदिरों में जाएगी. मान्यता है कि पौड़ी के कंडोलिया मंदिर में विराजमान भगवान कंडोलिया गोल्ज्यू से कंडी में यहां आये थे. शनिवार रात को पौड़ी के कंडोलिया मंदिर में गोल्ज्यू देवता के स्वागत में पूजा अर्चना की गई. स्थानीय निवासी कमल रावत ने बताया गढ़वाल और कुमाऊं के संबंधों में एक नया आयाम स्थापित करने के लिए गोल्ज्यू संदेश यात्रा चंपावत से चलकर आज भगवान कंडोलिया की धरती पौड़ी में पहुंची है. इससे गढ़वाल और कुमाऊं के जो रिश्ते हैं उन्हें और सौहार्द होगा.
उन्होंने कहा देवताओं के माध्यम से गढ़वाल और कुमाऊं के रिश्तों में नई डोर बंधी है. इस डोर को हम आगे बांधकर इसी प्रकार से कायम रखेंगे. न्याय के देवता का मूल स्थान चंपावत है. चंपावत से चलकर भगवान गोल्ज्यू आज भूमियाल देवता कंडोलिया ठाकुर की नगरी पौड़ी में पहुंचे हैं. जिन भक्तों ने आज गोल्ज्यू की यात्रा में शामिल होकर भगवान गोल्ज्यू का आशीर्वाद लिया है उनके घर परिवार में सुख समृद्धि के कामना करते है. श्याम सिंह कार्की अध्यक्ष मंदिर कमेटी गोल्ज्यू चंपावत ने बताया बीते 4 नवंबर को मूल स्थान चंपावत से यात्रा शुरू हुई थी. यह यात्रा उत्तराखंड के 13 जिलों का भ्रमण करेगी. इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को उत्तराखंड की संस्कृति और धरोहर के बारे में बताना है.
पढ़ें- गढ़वाल में न्याय के देवता का चाहते हैं आशीर्वाद तो चले आइए इस दिन, मिलेगा प्रसाद भी