नालंदाः गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई अपनी पत्नी के. रीता के साथ एक दिवसीय दौरे पर नालंदा पहुंचे. बुधवार को उन्हें सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर परिसदन में जिला प्रशासन द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष परिसर का भ्रमण करने पहुंचे.
मौनेस्ट्री का वलोकन कियाः इस दौरान बारीकी से सभी मौनेस्ट्री का घूम घूमकर अवलोकन किया. स्थानीय गाइड कमला सिंह द्वारा इससे जुड़ी इतिहास की जानकारी दी गई. भवनावशेष के अवलोकन के उपरांत उन्होंने कहा कि यह काफी ही अद्भुत और हमारे देश की एक सांस्कृतिक विरासत है. हम अपने राष्ट्र की इस प्रकार की संपत्तियों को हमेशा महत्व देगें.
'शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में शीर्ष पर थे' पीएस श्रीधरन पिल्लई ने कहा कि भगवान ने हमे संपत्ति दी है जो हमेशा के लिए है. किसी राजनीतिक उद्देश्य के लिए नहीं है. जिस समय यह विश्वविद्यालय जीवंत था हम शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में शीर्ष पर थे. पुर्तगाली, ब्रिटिश, फ्रांसीसी, फारसी लोगों ने पूरे भारत पर आक्रमण किया. उनका लक्ष्य इसे बर्बाद करने की थी.
G20 को सराहाः इस दौरान उन्होंने G20 का भी जिक्र किया. कहा कि हमने अपनी संस्कृति के बदौलत ही G20 में दर्जा प्राप्त किए हैं. जैन धर्म, हिन्दू धर्म और अन्य सभी धर्म मुख्य रूप से सनातन के लिए जाने जाते हैं. G20 में आए हुए सभी लोगों का हम लोगों ने स्वागत किया.
"हिमालय से कन्याकुमारी तक भारत की संस्कृति फैली है. जब हम सबसे दक्षिणी देश में जाते हैं तो वहां रामेश्वरम में भगवान रामचंद्र जी का मंदिर है. वहां काशी का बालू और गंगाजल पूजा के लिए जाता है. नालंदा विश्वविद्यालय हमारे देश की संस्कृति है जो अपने आम में अदभुत है." -पीएस श्रीधरन पिल्लई, राज्यपाल, गोवा
यह भी पढ़ेंः