मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर के मीरापुर थाना क्षेत्र में रेप के मामले में आरोपी फहीम उर्फ फईमुद्दीन को अदालत ने मंगलवार को सजा सुनाई. पांच साल की अबोध बालिका के साथ बलात्कार करने के जुर्म में पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही आरोपी पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. इस मामले में अभियोजन की ओर से शासकीय अधिवक्ता ने पैरवी की. इससे आरोप सिद्ध हो गया.
विशेष लोक अभियोजक ने बताया 19 मार्च 2019 को मीरापुर थाना क्षेत्र के एक गांव में 5 साल की एक बच्ची का अपहरण कर रेप किया गया गया था. थाना मीरापुर क्षेत्र में एक ट्यूबवेल के पास बच्ची गंभीर अवस्था में मिली थी. पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म सहित पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे और अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर फहीम उर्फ फहीमुद्दीन पुत्र रियाजुद्दीन निवासी खुशालनगर लिसाड़ी गेट जनपद मेरठ को हिरासत में लिया था. पुलिस ने मामले की जांच कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. मंगलवार को अदालत ने दोषी को सजा सुनाई.
फिरोजाबाद में नाबालिग के साथ अपहरण के बाद रेप, दोषी को 10 साल कारावास की सजा
फिरोजाबाद: अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना नसीरपुर क्षेत्र के एक गांव निवासी 16 वर्षीय किशोरी को 29 जुलाई 2021 को एक युवक राजेश पुत्र गिरीश चंद्र निवासी गांव कुतबपुर शेरपुर बहला फुसलाकर भगा ले गया था. इस मामले में पीड़िता के पिता ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया था. पुलिस ने पीड़िता को बरामद कर कोर्ट में उसका बयान दर्ज कराया, तो पीड़िता ने बताया कि युवक ने उसके साथ जबरन शारिरिक संबंध बनाया था. उसका यौन उत्पीड़न किया.
पुलिस ने विवेचना के बाद राजेश कुमार के खिलाफ पॉक्सो, दुष्कर्म, बहला फुसलाकर अपहरण सहित कई धाराओं में न्यायालय ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया. मुकदमा की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायाधीश पॉस्को मुमताज अली की अदालत में हुयी. अभियोजन पक्ष की तरफ से मुकदमे की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि मुकदमे के दौरान 6 दर्जन गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य न्यायालय के सामने प्रस्तुत किए गए.
गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने आरोपी राजेश कुमार को 363, 366, 376 तथा 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी माना. सोमवार को न्यायालय ने उसे 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई. साथ ही उस पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया. अर्थदंड न देने पर दोषी को 4 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. न्यायालय ने अर्थ दंड की राशि पीड़िता को देने के आदेश दिए हैं.
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