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राजधानी में 11 साल की बच्ची के साथ छेड़छाड़, यात्रियों की सुरक्षा पर उठे सवाल

दिल्ली से बेंगलुरु जा रही राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन में बच्ची के साथ छेड़छाड़ हुई. आरोप है कि घटना के दौरान ट्रेन में पुलिस नहीं थी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 3 hours ago

राजधानी एक्सप्रेस में बच्ची के साथ छेड़छाड़
राजधानी एक्सप्रेस में बच्ची के साथ छेड़छाड़ (Etv Bharat)

नई दिल्लीः त्योहार पर घर जाने वालों की ट्रेन में भीड़ बढ़ गई है. रेलवे की तरफ से दावा किया जाता है कि सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई है. लेकिन सोमवार रात हजरत निजामुद्दीन से बेंगलुरु जा रही राजधानी एक्सप्रेस के थर्ड एसी कोच में एक 11 साल की बच्ची के साथ छेड़छाड़ की वारदात हुई. बच्ची अपनी मां के साथ ट्रेन में सफर कर रही थी. साथ में कोई पुरुष यात्री नहीं था. रात में करीब 2:00 बजे अज्ञात व्यक्ति ने बच्ची के साथ छेड़छाड़ की.

आरोप है कि उस दौरान ट्रेन में कोई पुलिसकर्मी नहीं था. यात्रियों ने इसका विरोध किया और टीटी से इसकी शिकायत की. सूचना पर ट्रेन में भोपाल पुलिस पहुंची. पुलिस ने ट्रेनें के बेंगलुरु पहुंचने पर रेलवे पुलिस से शिकायत करने को कहा. आरोपी नहीं मिला लेकिन यात्रियों ने सीसीटीवी चेक करने की मांग की. यात्रियों ने अंदेशा जताया कि ट्रेन के अंदर के किसी व्यक्ति ने ऐसी हरकत की.

ट्रेन में वारदात यात्रियों की सुरक्षा पर खतरा: देश में रोजना लाखों यात्री ट्रेन में सफर कर गंतव्य तक पहुंचते हैं. ट्रेन में जब यात्री सो जाते हैं तब पुलिस को और सक्रिय रहना चाहिए, ताकि यात्री सुरक्षित रहें. राजधानी जैसी ट्रेन में इस तरह की घटना बेहद निंदनीय है. ऐसे में उन ट्रेनों में सुरक्षा कैसे पुख्ता होगी, जिनमें बड़ी संख्या में यात्री वेटिंग टिकट पर सफर करते हैं.

ट्रेन में अकेली महिलाओं की पुलिस के पास होती है जानकारी: आरपीएफ की तरफ से "मेरी सहेली नाम" से एक पहल चल रही है. इसमें आरपीएफ के पास ट्रेन में अकेले सफर करने वाली महिलाओं का पीएनआर व सीट नंबर आता है, ताकि उन महिलाओं की सुरक्षा पुख्ता किया जा सके. ट्रेन में महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती रहती है, जो महिला यात्रियों के आस पास रहती है. लेकिन राजधानी एक्सप्रेस में बच्ची से छेड़छाड़ की घटना ने इस पहल की हकीकत को सामने रख दिया है.

"हर ट्रेन में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिसकर्मी रहते हैं. डिवीजन बदलने पर पुलिसकर्मी बदल जाते हैं. जिस ट्रेन में बच्चों के साथ छेड़छाड़ हुई उसे ट्रेन में पुलिसकर्मी क्यों नहीं थे. इसकी जानकारी नहीं है. यात्रियों की सुरक्षा सर्वप्रथम है."- हिमांशु शेखर उपाध्याय, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी उत्तर रेलवे

यह मामला दिल्ली डिवीजन का नहीं: ट्रेन में बच्ची के साथ हुई घटना के संबंध में दिल्ली डिवीजन के पीआरओ अजय जे. माइकल ने कहा कि उनकी डिविजनल सिक्योरिटी कमिश्नर से बात हुई है. उन्होंने कहा कि यह मामला दिल्ली डिवीजन का नहीं है.

ये भी पढ़ें:

  1. दिवाली-छठ में घर जाने के लिए चाहिए कन्फर्म टिकट, तो रेलवे के ये टिप्स और ट्रिक अपनाएं
  2. पश्चिम बंगाल में भूख हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने दिया धरना

नई दिल्लीः त्योहार पर घर जाने वालों की ट्रेन में भीड़ बढ़ गई है. रेलवे की तरफ से दावा किया जाता है कि सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई है. लेकिन सोमवार रात हजरत निजामुद्दीन से बेंगलुरु जा रही राजधानी एक्सप्रेस के थर्ड एसी कोच में एक 11 साल की बच्ची के साथ छेड़छाड़ की वारदात हुई. बच्ची अपनी मां के साथ ट्रेन में सफर कर रही थी. साथ में कोई पुरुष यात्री नहीं था. रात में करीब 2:00 बजे अज्ञात व्यक्ति ने बच्ची के साथ छेड़छाड़ की.

आरोप है कि उस दौरान ट्रेन में कोई पुलिसकर्मी नहीं था. यात्रियों ने इसका विरोध किया और टीटी से इसकी शिकायत की. सूचना पर ट्रेन में भोपाल पुलिस पहुंची. पुलिस ने ट्रेनें के बेंगलुरु पहुंचने पर रेलवे पुलिस से शिकायत करने को कहा. आरोपी नहीं मिला लेकिन यात्रियों ने सीसीटीवी चेक करने की मांग की. यात्रियों ने अंदेशा जताया कि ट्रेन के अंदर के किसी व्यक्ति ने ऐसी हरकत की.

ट्रेन में वारदात यात्रियों की सुरक्षा पर खतरा: देश में रोजना लाखों यात्री ट्रेन में सफर कर गंतव्य तक पहुंचते हैं. ट्रेन में जब यात्री सो जाते हैं तब पुलिस को और सक्रिय रहना चाहिए, ताकि यात्री सुरक्षित रहें. राजधानी जैसी ट्रेन में इस तरह की घटना बेहद निंदनीय है. ऐसे में उन ट्रेनों में सुरक्षा कैसे पुख्ता होगी, जिनमें बड़ी संख्या में यात्री वेटिंग टिकट पर सफर करते हैं.

ट्रेन में अकेली महिलाओं की पुलिस के पास होती है जानकारी: आरपीएफ की तरफ से "मेरी सहेली नाम" से एक पहल चल रही है. इसमें आरपीएफ के पास ट्रेन में अकेले सफर करने वाली महिलाओं का पीएनआर व सीट नंबर आता है, ताकि उन महिलाओं की सुरक्षा पुख्ता किया जा सके. ट्रेन में महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती रहती है, जो महिला यात्रियों के आस पास रहती है. लेकिन राजधानी एक्सप्रेस में बच्ची से छेड़छाड़ की घटना ने इस पहल की हकीकत को सामने रख दिया है.

"हर ट्रेन में सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिसकर्मी रहते हैं. डिवीजन बदलने पर पुलिसकर्मी बदल जाते हैं. जिस ट्रेन में बच्चों के साथ छेड़छाड़ हुई उसे ट्रेन में पुलिसकर्मी क्यों नहीं थे. इसकी जानकारी नहीं है. यात्रियों की सुरक्षा सर्वप्रथम है."- हिमांशु शेखर उपाध्याय, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी उत्तर रेलवे

यह मामला दिल्ली डिवीजन का नहीं: ट्रेन में बच्ची के साथ हुई घटना के संबंध में दिल्ली डिवीजन के पीआरओ अजय जे. माइकल ने कहा कि उनकी डिविजनल सिक्योरिटी कमिश्नर से बात हुई है. उन्होंने कहा कि यह मामला दिल्ली डिवीजन का नहीं है.

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