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गाजियाबाद: साइबर ठगों को उपलब्ध कराते थे एक्टिव सिम, ऐसे पकड़े गए आरोपी, जानें पूरा मामला - Gang providing active SIM fake ID

फर्जी आईडी पर साइबर ठगों को एक्टिव सिम उपलब्ध कराने के मामले में गाजियाबाद पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से भारी मात्रा में फर्जी आईडी से एक्टिवेट एक्टिव सिम कार्ड बरामद किए गए हैं.

फर्जी आईडी पर एक्टिव सिम उपलब्ध कराने वाले गैंग का पर्दाफाश
फर्जी आईडी पर एक्टिव सिम उपलब्ध कराने वाले गैंग का पर्दाफाश (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 23, 2024, 6:02 PM IST

सिद्धार्थ गौतम, एसीपी शालीमार गार्डन (Etv bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद पुलिस ने साइबर ठगों को फर्जी आईडी पर एक्टिव सिम उपलब्ध कराने वाले गैंग का खुलासा किया है. मामले में 3 आरोपियों को साइबर पुलिस ने पकड़ा है. तीनों से भारी मात्रा में एक्टिव सिम कार्ड बरामद हुए हैं, जो फर्जी आईडी से एक्टिवेट कराए गए थे. मामला बेहद चौंकाने वाला है. फर्जी आईडी से एक्टिवेट सिम का इस्तेमाल कई तरह की गलत गतिविधियों में होने की आशंका है, जिसकी जांच की जा रही है. पकड़े गए आरोपियों के नाम अमित, विनय और संजीव हैं. इनमें से दो आरोपी यूपी के रहने वाले हैं और तीसरा हरियाणा का रहने वाला है.

मामला गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके का है, जहां पर साइबर टीम ने भारती एक्सा प्राइवेट लिमिटेड इंश्योरेंस कंपनी के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले गैंग को पकड़ा है. खास बात यह है कि इस गैंग के कब्जे से 180 एक्टिव सिम बरामद हुए हैं, जो फर्जी आईडी पर एक्टिव कराए गए थे. इसके अलावा एक लैपटॉप और दो मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं.

यह भी पढ़ें- नोएडा में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़, दो बदमाशों को पैर में लगी गोली

पुलिस ने चेकिंग के दौरान मुखबिर की सूचना के बाद आरोपियों को पकड़ा है. आरोपी फर्जी आईडी से एक्टिव सिम कार्ड के माध्यम से लोगों को फोन करके कहते थे कि इंश्योरेंस पॉलिसी एक्सपायर हो गई है और उसके बाद उनसे रकम ठग लेते थे. यही नहीं ये आरोपी फर्जी आईडी के जरिए सिम कार्ड एक्टिव करते थे, और उन लोगों को सप्लाई करते थे जो धोखाधड़ी के धंधे में लगे हुए हैं.

ऐसे सिम का इस्तेमाल एक या दो बार होता है, और उसके बाद उसे तोड़ दिया जाता है. पुलिस अब यह पता लगाने में जुट गई है कि जिन पहचान पत्रों या दूसरी आईडी के माध्यम से सिम कार्ड एक्टिवेट कराए गए हैं वह उनके पास कहां से आए.

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि ये फर्जी सिम के माध्यम से धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं. फर्जी कंपनी बनाकर ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए लोगों से संपर्क किया करते थे. आरोपी ऐसे लोगों की भी तलाश में रहते थे जो धोखाधड़ी के धंधे से जुड़े हुए हैं. उनसे सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए संपर्क करके उन्हें एक्टिव सिम उपलब्ध कराते थे. आरोपियों ने बताया कि इस बार भी तीनों सीमापुरी कट के पास खड़े थे. एक व्यक्ति इनसे फर्जी आईडी पर एक्टिव सिम खरीदने के लिए आने वाला था लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया.

ये भी पढ़ें- नोएडा: जिला अस्पताल में UPS रूम में लगी आग, ICU-इमरजेंसी के 25 मरीजों को तुरंत किया गया शिफ्ट

सिद्धार्थ गौतम, एसीपी शालीमार गार्डन (Etv bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद पुलिस ने साइबर ठगों को फर्जी आईडी पर एक्टिव सिम उपलब्ध कराने वाले गैंग का खुलासा किया है. मामले में 3 आरोपियों को साइबर पुलिस ने पकड़ा है. तीनों से भारी मात्रा में एक्टिव सिम कार्ड बरामद हुए हैं, जो फर्जी आईडी से एक्टिवेट कराए गए थे. मामला बेहद चौंकाने वाला है. फर्जी आईडी से एक्टिवेट सिम का इस्तेमाल कई तरह की गलत गतिविधियों में होने की आशंका है, जिसकी जांच की जा रही है. पकड़े गए आरोपियों के नाम अमित, विनय और संजीव हैं. इनमें से दो आरोपी यूपी के रहने वाले हैं और तीसरा हरियाणा का रहने वाला है.

मामला गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके का है, जहां पर साइबर टीम ने भारती एक्सा प्राइवेट लिमिटेड इंश्योरेंस कंपनी के नाम पर ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले गैंग को पकड़ा है. खास बात यह है कि इस गैंग के कब्जे से 180 एक्टिव सिम बरामद हुए हैं, जो फर्जी आईडी पर एक्टिव कराए गए थे. इसके अलावा एक लैपटॉप और दो मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं.

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पुलिस ने चेकिंग के दौरान मुखबिर की सूचना के बाद आरोपियों को पकड़ा है. आरोपी फर्जी आईडी से एक्टिव सिम कार्ड के माध्यम से लोगों को फोन करके कहते थे कि इंश्योरेंस पॉलिसी एक्सपायर हो गई है और उसके बाद उनसे रकम ठग लेते थे. यही नहीं ये आरोपी फर्जी आईडी के जरिए सिम कार्ड एक्टिव करते थे, और उन लोगों को सप्लाई करते थे जो धोखाधड़ी के धंधे में लगे हुए हैं.

ऐसे सिम का इस्तेमाल एक या दो बार होता है, और उसके बाद उसे तोड़ दिया जाता है. पुलिस अब यह पता लगाने में जुट गई है कि जिन पहचान पत्रों या दूसरी आईडी के माध्यम से सिम कार्ड एक्टिवेट कराए गए हैं वह उनके पास कहां से आए.

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि ये फर्जी सिम के माध्यम से धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं. फर्जी कंपनी बनाकर ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए लोगों से संपर्क किया करते थे. आरोपी ऐसे लोगों की भी तलाश में रहते थे जो धोखाधड़ी के धंधे से जुड़े हुए हैं. उनसे सोशल नेटवर्किंग साइट के जरिए संपर्क करके उन्हें एक्टिव सिम उपलब्ध कराते थे. आरोपियों ने बताया कि इस बार भी तीनों सीमापुरी कट के पास खड़े थे. एक व्यक्ति इनसे फर्जी आईडी पर एक्टिव सिम खरीदने के लिए आने वाला था लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया.

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