जयपुर. लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान में यमुना जल समझौते को लेकर सियासत गरमा गई है. पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने यमुना जल समझौते पर सवाल खड़े किए, तो भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी और जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि पानी से जुड़े इंटर स्टेट मामलों में कांग्रेस ने हमेशा राजस्थान को धोखा देने का काम किया है. कांग्रेस सरकार के कुकर्मों के कारण राजस्थान को आज तक यमुना का पानी नहीं मिला था, लेकिन अब डबल इंजन की नहीं बल्कि ट्रिपल इंजन की सरकार ने यमुना जल समझौता कर शेखावाटी के चार जिलों को सौगात दी है. तिवाड़ी ने यहां तक कह दिया यमुना जल समझौता लोकसभा चुनाव में यूरिया का काम करेगा.
ट्रिपल इंजन की सरकार ने किया काम : सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि यमुना जल समझौते को कांग्रेस पार्टी ने ही गर्त में डाल दिया था. हरियाणा केंद्र और राजस्थान की थ्री इन वन या ट्रिपल इंजन की सरकार में हुए समझौते पर पहुंचे हैं. यमुना जल को लेकर 1994 में छह राज्यों में समझौता हुआ था. इन राज्यों में यमुना के फ्लड वाटर पर समझौता हुआ था. तिवाड़ी ने कहा कि फ्लड वाटर और बहते हुए पानी में अंतर है. समझौता फ्लडवाटर का हुआ था, तय हुआ था कि ताजेवाला ओखला हेडवर्क से यमुना का पानी भरतपुर में आएगा. ताजेवाला को बदलकर हथिनी कुंड बैराज का पानी शेखावाटी में आएगा. तीस वर्ष से कांग्रेस के कुकर्मों के कारण पानी नहीं आया.
घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि "डोटासरा कह रहे हैं, तो सुन लें, भूलने की बीमारी तो बुढ़ापे में होती है जवानी में नहीं. तत्कालीन जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी, मनोहरलाल खट्टर और अशोक गहलोत के बीच. 0.6 क्यूसेक पानी का समझौता हुआ था. अब 1917 क्यूसेक पानी यमुना से राजस्थान को मिलेगा. तीन बांध लखवाड़ा, रेणुकाजी, किसान हरियाणा में बनेंगे." तिवाड़ी ने बताया कि हरियाणा में 260 किलोमीटर तक पानी चलना है, लेकिन हरियाणा सरकार नहर बनाने को तैयार नहीं थी. इसके बाद सेंट्रल वॉटर कमीशन की सहमति पर तय हुआ कि पाइप के जरिए पानी आएगा. सीकर, चूरू, झुंझुनूं और अब नीमकाथाना चार जिलों को 577 एमसीएफ पानी मिलेगा.
तिवाड़ी ने कहा कि योजना में 0.6 क्यूसेक पानी समझौता तो अशोक गहलोत ने किया था. भजनलाल तो संशोधन कराकर 1917 क्यूसेक पानी लाएंगे. इस पानी से पांच बीसलपुर जैसे बांध भर जाएं. चार महीने में डीपीआर बनेगी भारत सरकार अधिकांश पैसा वहन करेगी. राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी समझौता हुआ, अब 13 जिलों में ईआरसीपी से पानी मिलेगा. तिवाड़ी ने कहा कि इंटर स्टेट मेटर पर अगर किसी ने धोखा दिया है तो वो कांग्रेस है.
वोटों की फसल 22 जनवरी को निकल गई : यमुना जल समझौते से लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सियासी लाभ के सवाल पर घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि वोटों की फसल तो, जब 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी उसी समय निकल कर आ गई थी. अब यह जो समझौता हुआ है इससे फसल में यूरिया की तरह देखना चाहिए, जो फसल को और अधिक पैदावार करेगा. तिवाड़ी ने कांग्रेस पर आरोप लगते हुए कहा कि "कांग्रेस प्रश्न पूछ रही है, जबकि प्रश्न पूछने का अधिकार किसको है ?. कोई कुछ काम करे, तब तो अधिकार है. कांग्रेस पार्टी ने कुछ किया ही नहीं. 5 साल तक कभी कमरों में बंद रहे, तो कभी होटल में बंद रहे, नकारे लोगों ने कुछ किया नहीं और आरोप बीजेपी सरकार पर लगा रहे हैं." तिवाड़ी ने कहा कि "प्रश्न मैं कांग्रेस से पूछ रहा हूं कि इसका जवाब दें कि उन्होंने इतने साल तक पानी क्यों नहीं आने दिया.
समझौता वरदान साबित होगा : जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत, पूर्व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री नितिन गडकरी और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के बीच जब समझौता हुआ था, तो राजस्थान को मात्र 0.6 क्यूसेक पानी मिलना था. अब राजस्थान को 1917 क्यूसेक पानी मिलेगा. यह संभव हो पाया है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व की वजह से. शेखावाटी की जनता के लिए यह समझौता वरदान साबित होगा. शेखावाटी की जनता को पीने का तो पानी मिलेगा ही साथ ही सिंचाई के लिए भी पानी मिलेगा. सुरेश रावत ने कहा कि यह ऐतिहासिक समझौता है. 260 किमी लम्बी पाइप लाइन डाली जाएगी. विस्तृत डीपीआर बन रही है. डीपीआर बनने के बाद ही पता चलेगा कि कितना पानी कहां मिलेगा, लेकिन तय है कि चारों जिलों को ही पानी मिलेगा.