कानपुर : केंद्र सरकार ने साल 2025 तक एथेनॉल उत्पादन का जो लक्ष्य रखा है, वह पूरा हो सके इसके लिए कानपुर के कल्याणपुर थाना क्षेत्र स्थित राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) में अब पहली बार मीठी चरी और चुकंदर से एथेनॉल बनाया जाएगा. इसके लिए संस्थान ने जर्मनी की फर्म एडवांटा सीड्स से करार की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली हैं और इसी माह यह करार भी हो जाएगा. इसके बाद एडवांटा सीड्स व एनएसआई के विशेषज्ञ साथ मिलकर काम करेंगे और एथेनॉल को कैम्पस के ही नैनो डिस्टलरी प्लांट में तैयार कराएंगे.
इस पूरे मामले पर संस्थान के निदेशक प्रो.डी स्वैन ने ईटीवी भारत संवाददाता से विशेष बातचीत की. उन्होंने बताया, कि मीठी चरी की जहां 10 एकड़ में खेती कराई जाएगी वहीं, चुकंदर के लिए हमने 15 एकड़ जमीन तलाश ली है. यहां पर फसलों को तैयार करने के बाद संस्थान में ही उनकी क्रशिंग यानी कटाई कराएंगे. फिर, एथेनॉल का उत्पादन शुरू होगा.
नॉन फूड आइटम को हमने चुना है : संस्थान के निदेशक प्रो.डी स्वैन ने कहा, कि इस पूरे प्रोजेक्ट की जो सबसे अहम बात है, वह यह है कि हमने नॉन फूड आइटम्स को चुना है, जिसमें मीठी चरी (स्वीट सोरगम) और एक विशेष प्रकार की चुकंदर की प्रजाति (स्वीट रूट) शामिल है. प्रो.डी स्वैन ने कहा, कि जब गन्ना किसान अपने खेतों में इन फसलों की खेती करना भी शुरू कर देंगे तो उन्हें निश्चित तौर पर इन फसलों का लाभ भी मिलेगा. संस्थान के विशेषज्ञ यूपी के गन्ना किसानों से इन फसलों को लेकर जल्द ही संवाद भी करेंगे.
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