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चुनाव आयुक्त ने क्यों पढ़ा बशीर बद्र का शेर- "दुश्मनी जमकर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त..." - cec rajiv kumar quoted bashir badr

CEC Rajiv Kumar Quoted Bashir Badr: देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मशहूर शायर बशीर बद्र का एक शेर पढ़कर राजनीतिक दलों को वर्तमान सियासत पर नसीहत दी है. उन्होंने रहीम को दोहा पढ़कर प्यार मोहब्बत से कैम्पेन करने को कहा.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 16, 2024, 6:44 PM IST

Updated : Mar 16, 2024, 6:52 PM IST

चुनाव आयुक्त ने शायर बशीर बद्र का शेर पढ़ा

भोपाल। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दिल्ली में चुनाव आयोग की पत्रकार वार्ता के दौरान मशहूर शायर बशीर बद्र को आखिर क्यों याद किया. राजीव कुमार ने बशीर बद्र का मशहूर शेर दोहराया जिसमें बशीर साहब लिखते हैं "दुश्मनी जमकर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों." आखिर राजीव कुमार ने किस संदर्भ में ये शेर सुनाया.

राजीव कुमार को क्यों सुनाया बशीर साहब का शेर

लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले सीईसी राजीव कुमार शायराना अंदाज में नजर आए और उन्होंने बशीर बद्र का ये मशहूर शेर सुनाया कि "दुश्मनी जमकर करो पर ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त बनें तो शर्मिंदा ना हों." असल में राजीव कुमार चुनाव प्रचार के दौरान भाषा की मर्यादा पर बोल रहे थे और उन्होंने इसे शायराना अंदाज में बताते हुए कहा कि "प्यार मोब्बत से चुनाव होना चाहिए, जो राजनीतिक दल एक दूसरे के विरोधी हैं वो भी इस बात का ध्यान रखें कि उनकी भाषा की मर्यादा ना टूटे. बस इसी संदर्भ में उन्होंने बशीर बद्र साहब का ये शेर पढ़ दिया. चुटकी लेते हुए राजीव कुमार ने ये भी कहा कि वैसे भी इन दिनों दुश्मनों के दोस्त बनने की प्रक्रिया बड़ी ज्यादा चल रही है.

CEC Rajiv Kumar Quoted Bashir Bad
चुनाव आयुक्त ने शायर बशीर बद्र का शेर पढ़ा

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बशीर के बाद सीईसी को रहीम भी याद आए

सीईसी राजीव कुमार ने राजनीतिक दलों के लिए रहीम के उस दोहे को भी याद किया कि "रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय. टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गांठ परि जाय." उन्होंने कहा कि हमें ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जिससे प्रेम में गांठ पड़ जाएं. राजीव कुमार ने कहा कि "हमने प्रचार के लिए जो गाईडलाईन्स बनाई हैं वो हम ताकीद करके पॉलीटिकल पार्टी को देंगे, जो उनके हर स्टारकमैम्पेनर के पास होगी. चुनाव प्रचार के दौरान रेडलाईट क्रास न की जाए. डिजीटल दौर में आपके मूंह से निकला एक शब्द 100 साल तक के लिए पैदा हो जाता है. डिजीटल मैमोरी बनाने से बचिए प्यार मोहब्बत से कैम्पेन कीजिए."

चुनाव आयुक्त ने शायर बशीर बद्र का शेर पढ़ा

भोपाल। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने दिल्ली में चुनाव आयोग की पत्रकार वार्ता के दौरान मशहूर शायर बशीर बद्र को आखिर क्यों याद किया. राजीव कुमार ने बशीर बद्र का मशहूर शेर दोहराया जिसमें बशीर साहब लिखते हैं "दुश्मनी जमकर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों." आखिर राजीव कुमार ने किस संदर्भ में ये शेर सुनाया.

राजीव कुमार को क्यों सुनाया बशीर साहब का शेर

लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के पहले सीईसी राजीव कुमार शायराना अंदाज में नजर आए और उन्होंने बशीर बद्र का ये मशहूर शेर सुनाया कि "दुश्मनी जमकर करो पर ये गुंजाइश रहे जब कभी हम दोस्त बनें तो शर्मिंदा ना हों." असल में राजीव कुमार चुनाव प्रचार के दौरान भाषा की मर्यादा पर बोल रहे थे और उन्होंने इसे शायराना अंदाज में बताते हुए कहा कि "प्यार मोब्बत से चुनाव होना चाहिए, जो राजनीतिक दल एक दूसरे के विरोधी हैं वो भी इस बात का ध्यान रखें कि उनकी भाषा की मर्यादा ना टूटे. बस इसी संदर्भ में उन्होंने बशीर बद्र साहब का ये शेर पढ़ दिया. चुटकी लेते हुए राजीव कुमार ने ये भी कहा कि वैसे भी इन दिनों दुश्मनों के दोस्त बनने की प्रक्रिया बड़ी ज्यादा चल रही है.

CEC Rajiv Kumar Quoted Bashir Bad
चुनाव आयुक्त ने शायर बशीर बद्र का शेर पढ़ा

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बशीर के बाद सीईसी को रहीम भी याद आए

सीईसी राजीव कुमार ने राजनीतिक दलों के लिए रहीम के उस दोहे को भी याद किया कि "रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय. टूटे से फिर ना जुड़े, जुड़े गांठ परि जाय." उन्होंने कहा कि हमें ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जिससे प्रेम में गांठ पड़ जाएं. राजीव कुमार ने कहा कि "हमने प्रचार के लिए जो गाईडलाईन्स बनाई हैं वो हम ताकीद करके पॉलीटिकल पार्टी को देंगे, जो उनके हर स्टारकमैम्पेनर के पास होगी. चुनाव प्रचार के दौरान रेडलाईट क्रास न की जाए. डिजीटल दौर में आपके मूंह से निकला एक शब्द 100 साल तक के लिए पैदा हो जाता है. डिजीटल मैमोरी बनाने से बचिए प्यार मोहब्बत से कैम्पेन कीजिए."

Last Updated : Mar 16, 2024, 6:52 PM IST
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