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गढ़वा की लाइफ लाइन के रूप में जानी जाने वाली दो नदियां अपने मूर्त रूप में लौटेंगी, शुरू हुई प्रक्रिया - SARASWATI AND DANRO RIVER OF GARHWA

गढ़वा की जिन दो नदियों में लगातार कचरा फेंक-फेंककर उसके अस्तित्व को खतरे में डाल दिया था, उन्हें फिर से मूर्त रूप में लाया जाएगा.

SARASWATI AND DANRO RIVER OF GARHWA
गढ़वा की सरस्वती और दानरो नदी की सफाई होगी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 10, 2025, 3:41 PM IST

गढ़वाः जिले की लाइफ लाइन समझी जाने वाली दो प्रमुख नदियां, दो दशक बाद अपने मूर्त रूप में आएंगी. गढ़वा शहर से होकर गुजरी दो प्रमुख नदियां सरस्वती नदी एवं दानरो नदी फिर से अपने मूर्त रूप में आएंगी. वजह है नदियों में नगर परिषद क्षेत्र का कचड़ा फेके जाने के कारण नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ना. इसे देखते हुए नगर परिषद के द्वारा नदियों की मिेट्टी को निस्तारीकरण करने के बाद इसे मूर्त रुप में लाया जाएगा.

नदी के कचड़े को रिसाइकल किया जाएगा

निस्तारीकरण को लेकर नगर परिषद ने टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया है. अब इन नदियों के सभी कचड़े को रिसाइकल कर उससे कई प्रकार की बिल्डिंग मैटेरियल, मिट्टी तथा खाद निकाला जाएगा. इसके लिए नगर परिषद के द्वारा चार करोड़ का ठेका एक कंपनी को दिया गया है.

गढ़वा की सरस्वती और दानरो नदी का कचड़ा होगा साफ (Etv Bharat)

कभी इन नदियों में बहती थी कल कल धारा

गढ़वा शहर की दानरो और सरस्वती नदी करीब 25 वर्ष पहले इन नदियों में कल कल धाराएं बहती थीं. नदी में सालों भर पानी का बहाव तेज धार के साथ हुआ करता था, जिसकी आवाजें आसपास के घरों तक सुनाई पड़ती थी, लेकिन जब से नदियों का अतिक्रमण होने के साथ साथ शहर का कचड़ा इन नदियों में फेंकना शुरू हुआ, तब से इन दोनों नदियों का अस्तित्व ही समाप्ति की कगार पर है. इन नदियों को अस्तित्व विहीन करने में कहीं न कहीं नगर परिषद की भी अहम भूमिका रही है, क्योंकि शहर के कचड़े को इन नदियों में ही डंप करने का काम नगर परिषद द्वारा किया गया है.

नदियों को मूर्त रुप में लाने के लिए नगर परिषद ने चार करोड़ का ठेका दिया

नगर परिषद द्वारा पहल कर अब इन नदियों को फिर से अस्तित्व में लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए नगर परिषद के द्वारा एक कंपनी को चार करोड़ का ठेका दिया गया है, जो नदियों को फिर से अस्तित्व में लाएगी.

यह मशीन ट्रामा मशीन के नाम से जानी जाती है, जो जर्मनी से आ रही है. इस मशीन से नदी में फैले कचड़े को सेग्रीगेशन कर उसका निस्तारण किया जाएगा. इस दौरान नदियों के कचड़े को मशीन द्वारा अलग कर उसे इस्तेमाल में लाया जाएगा, जिससे नगर परिषद के लिए वेस्ट मैटेरियल आय का जरिया बनेगा.

बहुत जल्द नदियां अपने मूर्त रुप में लौटेगी

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि दो से तीन दिनों के अंदर यह कार्य शुरू हो जाएगा और इसे खत्म करने में छः माह लगेगा उसके बाद नदियां अपने मूर्त रूप में आ जाएंगी.

यह भी पढ़ें:

पलार नदी में कचरे को बेरोकटोक डाले जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी

मौत से खिलवाड़ कर रहे बच्चे! बिजली के करंट से नदियों में पकड़ी जा रही हैं मछलियां

उसरी नदी बचाने को एकजुट हुए गिरिडीह के लोग, DC ने कहा- प्रारंभिक योजना तैयार

गढ़वाः जिले की लाइफ लाइन समझी जाने वाली दो प्रमुख नदियां, दो दशक बाद अपने मूर्त रूप में आएंगी. गढ़वा शहर से होकर गुजरी दो प्रमुख नदियां सरस्वती नदी एवं दानरो नदी फिर से अपने मूर्त रूप में आएंगी. वजह है नदियों में नगर परिषद क्षेत्र का कचड़ा फेके जाने के कारण नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ना. इसे देखते हुए नगर परिषद के द्वारा नदियों की मिेट्टी को निस्तारीकरण करने के बाद इसे मूर्त रुप में लाया जाएगा.

नदी के कचड़े को रिसाइकल किया जाएगा

निस्तारीकरण को लेकर नगर परिषद ने टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण कर लिया है. अब इन नदियों के सभी कचड़े को रिसाइकल कर उससे कई प्रकार की बिल्डिंग मैटेरियल, मिट्टी तथा खाद निकाला जाएगा. इसके लिए नगर परिषद के द्वारा चार करोड़ का ठेका एक कंपनी को दिया गया है.

गढ़वा की सरस्वती और दानरो नदी का कचड़ा होगा साफ (Etv Bharat)

कभी इन नदियों में बहती थी कल कल धारा

गढ़वा शहर की दानरो और सरस्वती नदी करीब 25 वर्ष पहले इन नदियों में कल कल धाराएं बहती थीं. नदी में सालों भर पानी का बहाव तेज धार के साथ हुआ करता था, जिसकी आवाजें आसपास के घरों तक सुनाई पड़ती थी, लेकिन जब से नदियों का अतिक्रमण होने के साथ साथ शहर का कचड़ा इन नदियों में फेंकना शुरू हुआ, तब से इन दोनों नदियों का अस्तित्व ही समाप्ति की कगार पर है. इन नदियों को अस्तित्व विहीन करने में कहीं न कहीं नगर परिषद की भी अहम भूमिका रही है, क्योंकि शहर के कचड़े को इन नदियों में ही डंप करने का काम नगर परिषद द्वारा किया गया है.

नदियों को मूर्त रुप में लाने के लिए नगर परिषद ने चार करोड़ का ठेका दिया

नगर परिषद द्वारा पहल कर अब इन नदियों को फिर से अस्तित्व में लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए नगर परिषद के द्वारा एक कंपनी को चार करोड़ का ठेका दिया गया है, जो नदियों को फिर से अस्तित्व में लाएगी.

यह मशीन ट्रामा मशीन के नाम से जानी जाती है, जो जर्मनी से आ रही है. इस मशीन से नदी में फैले कचड़े को सेग्रीगेशन कर उसका निस्तारण किया जाएगा. इस दौरान नदियों के कचड़े को मशीन द्वारा अलग कर उसे इस्तेमाल में लाया जाएगा, जिससे नगर परिषद के लिए वेस्ट मैटेरियल आय का जरिया बनेगा.

बहुत जल्द नदियां अपने मूर्त रुप में लौटेगी

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि दो से तीन दिनों के अंदर यह कार्य शुरू हो जाएगा और इसे खत्म करने में छः माह लगेगा उसके बाद नदियां अपने मूर्त रूप में आ जाएंगी.

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