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ज्योतिर्मठ में स्थापित होगा आपदा पुनर्वास कार्यालय, गढ़वाल कमिश्नर और आपद सचिव ने ली बैठक

ज्योतिर्मठ में स्थापित होगा आपदा पुनर्वास कार्यालय, ज्योतिर्मठ में सुरक्षित स्थान पर मकान बनाने पर कोई आपत्ति नहीं, कई काम भी होंगे

GARHWAL COMMISSIONER MEETING
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे बैठक (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 8, 2024, 7:32 PM IST

गैरसैंण: गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे और आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन भू धंसाव क्षेत्र ज्योतिर्मठ पहुंचे. जहां उन्होंने ज्योतिर्मठ मूल निवासी स्वाभिमान संगठन और ज्योतिर्मठ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने पदाधिकारियों को जल्द ही सभी समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया.

ज्योतिर्मठ में स्थापित होगा आपदा पुनर्वास कार्यालय: गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने कहा कि ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) को सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. ज्योतिर्मठ में आपदा पुनर्वास कार्यालय स्थापित करने की मांग पर उन्होंने कहा कि एक हफ्ते के भीतर आपदा पुनर्वास कार्यालय स्थापित किया जाएगा. उन्होंने मौके पर ही आपदा पुनर्वास कार्यालय में एक तहसीलदार, एक रजिस्ट्रार कानूनगो और दो अभियंताओं की तैनाती करने के आदेश दिए.

कमिश्नर पांडे ने कहा कि ज्योतिर्मठ सीवरेज, ड्रेनेज, नाली सुधारीकरण और प्रोटेक्शन कार्यों के लिए डीपीआर बनाने का काम करीबन पूरा हो गया है. आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) से परीक्षण करने के बाद डीपीआर इसी महीने केंद्र सरकार को भेजी जाएगी. विष्णु प्रयाग में अलकनंदा और धौलीगंगा के तटों पर टो-प्रोटेक्शन को लेकर भी डीपीआर तैयार की जा रही है. उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के विस्थापन के लिए बमोथ, गौचर में भूमि चिन्हित की गई थी, लेकिन विस्थापितों ने वहां विस्थापित होने को लेकर असहमति जताई.

ज्योतिर्मठ में सुरक्षित स्थान पर मकान बनाने पर कोई आपत्ति नहीं: उन्होंने कहा कि जो लोग ज्योतिर्मठ में सुरक्षित स्थानों पर अपनी भूमि पर मकान बनाना चाहते हैं, उस पर कोई आपत्ति नहीं है. ज्योतिर्मठ के आस पास ही प्रभावितों के विस्थापन को लेकर सुरक्षित भूमि तलाशी जा रही है. उन्होंने ज्योतिर्मठ एसडीएम को निर्देश दिए कि औली के पास फल संरक्षण की 500 नाली भूमि का भूगर्भीय सर्वेक्षण कर प्रभावितों के विस्थापन की योजना की तैयारी की जाए. साथ ही सुरक्षित स्थान पर भूमि चयनित कर उसका प्रस्ताव दें.

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कही ये बात: वहीं, आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि मानव जीवन की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है. ज्योतिर्मठ को शत प्रतिशत सुरक्षित बनाने को लेकर पुनर्निर्माण कार्यों की डीपीआर (DPR) तैयार हो चुकी है. सीवरेज, ड्रेनेज और नाली निर्माण कार्य पूरे होने पर ज्योतिर्मठ पूर्णतया सुरक्षित बनाया जाएगा.

क्या बोले चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी? चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि मूल निवास स्वाभिमान संगठन की ओर से रखी गई समस्या के निराकरण को लेकर रविग्राम में एसटीपी का काम शुरू कर दिया गया है. लीकेज, सीवरेज और पेयजल ट्रीटमेंट के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी गई है. विष्णु प्रयाग से ऐरा पुल तक अलकनंदा और धौलीगंगा नदी के किनारे सुरक्षा कार्य भी किया जाना है.

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ज्योतिर्मठ में स्थापित होगा आपदा पुनर्वास कार्यालय: गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने कहा कि ज्योतिर्मठ (जोशीमठ) को सुरक्षित बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. ज्योतिर्मठ में आपदा पुनर्वास कार्यालय स्थापित करने की मांग पर उन्होंने कहा कि एक हफ्ते के भीतर आपदा पुनर्वास कार्यालय स्थापित किया जाएगा. उन्होंने मौके पर ही आपदा पुनर्वास कार्यालय में एक तहसीलदार, एक रजिस्ट्रार कानूनगो और दो अभियंताओं की तैनाती करने के आदेश दिए.

कमिश्नर पांडे ने कहा कि ज्योतिर्मठ सीवरेज, ड्रेनेज, नाली सुधारीकरण और प्रोटेक्शन कार्यों के लिए डीपीआर बनाने का काम करीबन पूरा हो गया है. आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) से परीक्षण करने के बाद डीपीआर इसी महीने केंद्र सरकार को भेजी जाएगी. विष्णु प्रयाग में अलकनंदा और धौलीगंगा के तटों पर टो-प्रोटेक्शन को लेकर भी डीपीआर तैयार की जा रही है. उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के विस्थापन के लिए बमोथ, गौचर में भूमि चिन्हित की गई थी, लेकिन विस्थापितों ने वहां विस्थापित होने को लेकर असहमति जताई.

ज्योतिर्मठ में सुरक्षित स्थान पर मकान बनाने पर कोई आपत्ति नहीं: उन्होंने कहा कि जो लोग ज्योतिर्मठ में सुरक्षित स्थानों पर अपनी भूमि पर मकान बनाना चाहते हैं, उस पर कोई आपत्ति नहीं है. ज्योतिर्मठ के आस पास ही प्रभावितों के विस्थापन को लेकर सुरक्षित भूमि तलाशी जा रही है. उन्होंने ज्योतिर्मठ एसडीएम को निर्देश दिए कि औली के पास फल संरक्षण की 500 नाली भूमि का भूगर्भीय सर्वेक्षण कर प्रभावितों के विस्थापन की योजना की तैयारी की जाए. साथ ही सुरक्षित स्थान पर भूमि चयनित कर उसका प्रस्ताव दें.

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कही ये बात: वहीं, आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि मानव जीवन की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है. ज्योतिर्मठ को शत प्रतिशत सुरक्षित बनाने को लेकर पुनर्निर्माण कार्यों की डीपीआर (DPR) तैयार हो चुकी है. सीवरेज, ड्रेनेज और नाली निर्माण कार्य पूरे होने पर ज्योतिर्मठ पूर्णतया सुरक्षित बनाया जाएगा.

क्या बोले चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी? चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि मूल निवास स्वाभिमान संगठन की ओर से रखी गई समस्या के निराकरण को लेकर रविग्राम में एसटीपी का काम शुरू कर दिया गया है. लीकेज, सीवरेज और पेयजल ट्रीटमेंट के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी गई है. विष्णु प्रयाग से ऐरा पुल तक अलकनंदा और धौलीगंगा नदी के किनारे सुरक्षा कार्य भी किया जाना है.

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