उत्तरकाशी: गंगोत्री नेशनल पार्क का गरतांग गली पैदल ट्रैक पर्यटकों के लिए सुरक्षित होगा, क्योंकि ट्रैक पर सुरक्षात्मक कार्य के लिए पार्क प्रशासन को बजट मिल गया है. जिसके बाद अप्रैल माह में पार्क के गेट खुलने पर यहां सुरक्षात्मक कार्य शुरू होने की उम्मीद है. भारत तिब्बत के बीच व्यापारिक रिश्तों की गवाह रही ऐतिहासिक गरतांग गली को पर्यटकों के लिए साल 2021 में खोला गया था. भैरोंघाटी के समीप स्थित गरतांग गली में खड़ी चट्टानों को काटकर लकड़ी से निर्मित सीढ़ीदार ट्रैक बनाया गया है.
सीमांत के लोग गरतांग गली से तिब्बत से करते थे व्यापार: प्राचीन समय में सीमांत क्षेत्र के लोग इसी मार्ग से तिब्बत से व्यापार किया करते थे, लेकिन भारत चीन युद्ध 1962 के बाद इसे बंद कर दिया गया था. जिसके बाद यहां लकड़ियों से निर्मित मार्ग जर्जर हो गया. जिसे दोबारा तैयार किया गया है. गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट खुलने पर अप्रैल से लेकर नवंबर तक यहां बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं, लेकिन इस गरतांग गली को जोड़ने वाले करीब दो किमी लंबे पैदल ट्रैक पर कई जगह हादसे का खतरा है. जिसे देखते हुए यहां सुरक्षात्मक कार्य का प्रस्ताव भेजा गया था. जिस पर पार्क प्रशासन को करीब छह लाख रुपए का बजट मिल गया है.
ट्रैक के खतरे वाली जगहों पर लगाई जाएगी रेलिंग: पार्क के उपनिदेशक आरएन पांडे ने बताया कि जल्द ही पैदल ट्रैक के खतरे वाली जगहों पर रेलिंग आदि के सुरक्षात्मक कार्य किए जाएंगे. जिससे यह पर्यटकों के लिए पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगा.
इस ट्रैक पर आते हैं सर्वाधिक पर्यटक: जब से गरतांग गली को पर्यटकों के लिए खोला गया है. पार्क के अन्य ट्रैकों की अपेक्षा अब सर्वाधिक पर्यटक इसी ट्रैक पर आते हैं. पिछले साल भी इस ट्रैक पर देशी-विदेशी कुल 17,208 पर्यटक पहुंचे थे. जिससे पार्क प्रशासन को 29.13 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ था.
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