उत्तरकाशी: गंगोत्री हाईवे पर बुधवार को नेताला में करीब साढ़े 6 घंटे और बिशनपुर में करीब 11 घंटे आवागमन ठप रहा. इस कारण हाईवे के दोनों ओर बड़ी संख्या में वाहन फंसे रहे. नेताला में मलबे के बीच से निकलने का प्रयास कर रहा एक लोडर वाहन दलदल में फंस गया, जिसे बीआरओ ने कड़ी मशक्कत कर बाहर निकाला. यहां नेताला और बिशनपुर में गंगोत्री हाईवे खुलना और बंद होना जारी है.
मंगलवार रात हुई बारिश के बाद तड़के हाईवे नेताला और बिशनपुर में अचानक मलबा और बोल्डर आने से बंद हो गया. इस दौरान नेताला में मलबे के बीच से आवाजाही का प्रयास कर रहा एक लोडर वाहन मलबे के बीच फंस गया. हालांकि, वाहन में सवार लोग वाहन छोड़कर सुरक्षित निकल गए थे. सूचना पर बीआरओ ने नेताला और बिशनपुर आवाजाही सुचारू करने के लिए अपनी टीम और मशीनरी को उतारा. कड़ी मशक्कत के बाद नेताला में हाईवे को दोपहर करीब साढ़े बारह बजे और बिशनपुर में शाम करीब 4 बजे आवाजाही के लिए खोला जा सका. हालांकि, यहां नेताला में हल्की बारिश में भी मलबा और बिशनपुर में बोल्डर आने से हाईवे बंद होने का खतरा बना हुआ है. रूक-रूककर हो रही बारिश से हाईवे बार-बार बंद हो रहा है.
यमुना का बढ़ा जलस्तर: बीते मंगलवार रात अतिवृष्टि से जानकी चट्टी में यमुना नदी का जलस्तर अचानक फिर बढ़ गया. जिससे लोगों में मध्य रात्रि तक अफरा-तफरी का माहौल रहा. इस दौरान यमुना नदी का पानी जानकी चट्टी बस पार्किंग में भी घुसा. हालांकि, इससे पार्किंग में किसी तरह का नुकसान की सूचना नहीं है. यमुनोत्री धाम सहित यमुना घाटी में बीते बुधवार रात बारिश के कारण जानकी चट्टी में फिर यमुना नदी उफान आ गई. रात करीब 12 बजे यमुना नदी का जलस्तर अचानक बढ़ा, जिससे लोगों में अफरातफरी मच गई. स्थानीय लोगों ने यमुना नदी के तटवर्ती इलाकों में रह रहे लोगों को विभिन्न माध्यमों से सूचना भेजकर सतर्क किया.
कृषि भूमि को नुकसान: वहीं, नदी के बढ़े हुए जलस्तर से हाल में हुए नदी के सुरक्षात्मक कार्य में लगाए गए वायर क्रेट की दीवारें ढह गई. खरसालीगांव के दूसरी ओर बहने वाली हिरणन्यवाहु नदी के भी उफान पर आने से ग्रामीणों की भूमि को नुकसान की सूचना है. गांव के रणवीर सिंह राणा ने बताया कि गांव की कृषि भूमि, बगीचों का कटाव हुआ है. उधर, यमुनोत्री धाम से यमुना के पुजारी गिरीश उनियाल ने बताया कि धाम में बीते मंगलवार दोपहर से लगातार बारिश हो रही है. लेकिन यहां यमुना नदी सामान्य रूप से बह रही है. उन्होंने संभवतया भंडेलीगाड में अधिक पानी आने से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने की संभावना जताई.
20 सड़कें बंद: उधर कुमाऊं के बागेश्वर जिले में भी लगातार बारिश हो रही है. जिस कारण 20 सड़कें बोल्डर और मलबा आने से बाधित हो गई हैं. इससे करीब 35 हजार की आबादी को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के बागेश्वर क्षेत्र में 66 मिमी, कपकोट में 55 मिमी और गरुड़ में 60 मिमी बारिश हुई. जिससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
ये सड़कें हैं बंद: आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बागेश्वर गिरेछीना सड़क पर लगातार पहाड़ी से बोल्डर गिर रहे हैं. सड़क बोल्डरों से पटा है. सड़क को खोलने का लगातार कार्य किया जा रहा है. वहीं बागेश्वर-दफौट, भ्यू-गडेरा, पोथिंग-शोभाकुंड, बांसपाटन-रावतसेरा, रावतसेरा-माना-कभाट, खातीगांव-देवतोली, अमसरकोट-सातरतबे, बदियाकोट-बोरबलड़ा, काफलीकमेड़ा, मुनार-सूपी, कपकोट-कर्मी आदी सड़कों पर यातायात बाधित हो गया है.
नुकसान की खबर नहीं: विभाग की टीम सड़कों को खोलने का लगातार प्रयास कर रही है. आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए टीम को पहले ही अलर्ट पर रखा गया था. वहीं एक एनएच, एक राज्य मार्ग, दो जिला मार्ग और अन्य ग्रामीण मोटर मार्ग बाधित है. जिन्हें खोलने का लगातार कार्य किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में पहले ही खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी गई है. अभी तक किसी भी तरह की कोई भी नुकसान की खबर सामने नहीं आई है.
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