जयपुर: पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर द्वितीय ने 8 साल के बालक से सामूहिक दुराचार करने से जुड़े मामले में 17 साल 8 माह के किशोर को 20 साल की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि 8 साल के पीड़ित को लालच देकर एकांत में ले जाकर उसके साथ दुराचार की गंभीर घटना कारित करना घृणित अपराध है. ऐसे में उसके प्रति नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अरुण जाटावत ने अदालत को बताया कि किशोर सहित दो अन्य नाबालिगों ने आठ साल के बालक को पतंग का लालच देकर निर्माणाधीन कॉलेज में ले जाकर उसके साथ दुराचार किया था. इसके बाद उन्होंने अश्लील वीडियो को वायरल कर दिया. इसकी जानकारी पीड़ित के पिता को मिलने पर 18 जुलाई, 2020 को एफआईआर दर्ज कराई गई. मामले में पुलिस ने बाल न्यायालय में तीस अक्टूबर, 2020 को तीनों नाबालिगों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था.
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किशोर पर चला सामान्य मुकदमा : वहीं, किशोर न्याय बोर्ड ने किशोर को मानसिक रूप से परिपक्व और सोचने समझने में सक्षम मानते हुए प्रकरण को सामान्य मुकदमे के तौर पर सुनवाई के लिए डीजे कोर्ट में भेज दिया था, जहां से मामला पॉक्सो कोर्ट में भेजा गया और किशोर के खिलाफ अन्य आपराधिक मुकदमों की तरह ट्रायल चली.