दुर्ग: गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को है. इस दिन भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना होगी. गणेश पूजा को लेकर देशभर में मूर्तिकार गणपति बप्पा की मूर्ति को अंतिम रूप दे रहे हैं. इस बीच दुर्ग जिले के थनौद गांव में गणेशजी की प्रतिमा बन रही है. इस छोटे से गांव में बनी मूर्तियां दूसरे राज्यों में भी जाती है. लोग ज्यादा ऊंचाई वाली गणपति प्रतिमा का ऑर्डर देते हैं. इस बार ज्यादातर समिति के लोगों ने भगवान गणेश की मूर्तियां बनाने का ऑर्डर दिया है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अवतार में नजर आएंगे गणपति: इस गांव के मूर्तिकारों के पास इस साल हजारों की तादाद में एआई मूर्ति बनाने का ऑर्डर मिला है. यानी गणेशोत्सव 2024 में बप्पा भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अवतार में नजर आएंगे. गणेश उत्सव समितियां इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई से जेनरेट फोटोज के आधार पर प्रतिमाओं की डिमांड लेकर मूर्तिकारों के पास पहुंच रहे हैं.
क्या कहते हैं मूर्तिकार: मूर्तिकार बालम चक्रधारी ने बताया, "हर साल की तरह इस साल भी गणेशजी की मूर्ति तैयार कर रहा हूं. इस बार लोग एआई जेनरेटेड फोटो लेकर पहुंच रहे हैं और वैसी प्रतिमाओं की डिमांड कर रहे हैं. इससे पहले तक मूर्ति निर्माण के लिए समितियों से जुड़े लोग देवी देवताओं की साधारण फोटो लेकर हमारे पास पहुंचते थे. इस बार समय के साथ साथ समितियों के लोगों ने अलग ही मूर्तियों की डिमांड किया है."
कलाकार का छलका दर्द: आगे मूर्तिकार बालम चक्रधारी ने कहा, "एक ही तरह की मूर्ति तैयार करने में हमें परेशानी होती है. हर कोई बप्पा की एआई अवतार वाले मूर्ति की डिमांड कर रहा है. डिमांड के कारण मजबूरन ऐसी प्रतिमाएं बनानी पड़ रही है. हालांकि अच्छा नहीं लगता. हमारा पूरा गांव ही मूर्ति बनाता है. ये थनौद गांव मूर्ति निर्माण के लिए प्रसिद्ध है. पहले तो पूजा के बाद मूर्ति को अच्छे से विसर्जित किया जाता था. हालांकि अब मूर्ति को ऊपर से धक्का देकर विसर्जित किया जाता है. इससे हमें काफी दुख होता है."
इसलिए किया जाता है एआई का इस्तेमाल: दरअसल, थनौद गांव में इस बार 40 वर्कशॉप में मूर्तियां बनाई जा रही है. हर वर्कशॉप में एआई जेनरेटेड फोटो के आधार पर प्रतिमाओं के ऑर्डर हैं. गणेशजी के साथ शिव भक्ति का भी माहौल मूर्तिकार बताते हैं. इस बार पंडालों में गणेश के साथ भगवान शिवजी की भी प्रतिमाओं की भी डिमांड है. लिहाजा इस बार शिवजी की प्रतिमाएं भी बनाई जा रही है. गणेश की प्रतिमा अलग दिखने के बाद एआई का इस्तेमाल किया गया. इसमें प्रतिमाओं की डिजाइन रंगाई और साज-सज्जा मनचाहे ढंग से कराई जा रही है.