कुल्लू: सनातन धर्म में सभी देवी देवताओं की पूजा से पहले भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है. भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. ऐसे में आज, शनिवार को देशभर में गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है और भगवान गणेश की स्थापना भी घरों में की गई है. भगवान गणेश के विसर्जन तक हर घर में चतुर्थी की उत्सव की धूम रहेगी और जगह-जगह पर श्रद्धालुओं के द्वारा भजन कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है.
आचार्य आशीष कुमार का कहना है कि इस साल 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी का त्योहार देशभर में मनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 7 सितंबर को शाम 5 बजकर 37 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व शनिवार को धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है.
आचार्य आशीष कुमार ने बताया कि भगवान गणेश को पूजा के दौरान दूर्वा काफी प्रिय है. ऐसे में गणेश चतुर्थी की पूजा की थाली में भक्त दूर्वा जरूर शामिल करें. इसको अर्पित करते समय सच्चे मन से 'ॐ श्री गणेशाय नमः दूर्वांकुरान् समर्पयामि' मंत्र का जाप अवश्य करें. उन्होंने बताया कि मान्यता है कि इस उपाय को करने से गणपति भगवान प्रसन्न होकर साधक के सभी तरह के विघ्न को दूर करते हैं और अपनी मनचाही इच्छा को पूरी करने के लिए गणेश चतुर्थी का दिन बहुत ही अच्छा माना जाता है.
आचार्य आशीष कुमार ने बताया कि भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि पर सुबह स्नान करने के बाद गुड़ की छोटी-छोटी 21 गोलियां बनाएं. इसे पूजा के समय भगवान गणेश को अर्पित करें. ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को करने से जातक की सभी मनचाही इच्छा पूरी होती है.
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