कोटा : भगवान गणपति को प्रथम पूज्य माना गया है. कोई भी शुभ कार्य करने के पहले इनका आशीर्वाद लिया जाता है. गणेश चतुर्थी के दिन भगवान की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. कोटा में कई गणेश मंदिर स्थित हैं, इनमें से एक है बूंदी रोड गणेशपाल पर स्थित 'मनोकामना सिद्ध गणेश मंदिर', जहां भक्त एप्लीकेशन के जरिए भगवान को अपनी मनोकामना बताते हैं. ऐसी मान्यता है कि पांच बुधवार भगवान के दर्शन लगातार करने से उनकी मुराद पूरी हो जाती है.
मंदिर के व्यवस्थापक और पुजारी योगेंद्र कुमार गौतम का कहना है कि श्रद्धालु लंबे समय से भगवान के सामने अपनी अर्जी लगा रहे हैं. श्रद्धालु पहले अपनी एप्लीकेशन को भगवान के सामने रख जाते थे, लेकिन साफ सफाई होने पर यह एप्लीकेशन हट जाती थी. अब लोग रजिस्टर में अपने एप्लीकेशंस को लिखने लग गए है. इससे रजिस्टर की संख्या भी बढ़ती गई, लेकिन सभी रजिस्टर को संभाल कर रखा हुआ है. पुजारी योगेंद्र कुमार गौतम दावा करते हैं कि सभी की मनोकामना पूरी भी हुई है. उनका कहना है कि यहां पर शादी-विवाह, प्रॉपर्टी, व्यवसाय, स्वास्थ्य, सरकारी या निजी नौकरी, प्रमोशन, प्रतियोगी परीक्षा व पढ़ाई में सफलता, सहित अन्य कई मनोकामना लिखकर जाते हैं. इतना ही नहीं कुछ लोग तो भगवान को अपने व्यवसाय में तरक्की मिलने पर कुछ प्रतिशत आमदनी का पार्टनर भी बनाने की बात रजिस्टर में लिखकर जाते हैं.
शादी के लिए बायोडेटा भी बन गया रजिस्टर : मंदिर में हजारों की संख्या में लोगों ने अपने एप्लीकेशन को रजिस्टर में इंद्राज किया हुआ है. मंदिर के पुजारी का कहना है कि पहले केवल एक रजिस्टर हुआ करता था, जिसमें लोग शादी विवाह या अपनी अन्य मनोकामना लिखते थे. धीरे-धीरे भगवान में श्रद्धा रखने वाले लोगों ने अलग-अलग समाज का अलग-अलग रजिस्टर बना दिया, ताकि लोग इसमें से देखकर विवाह के लिए वर-वधू का चयन भी कर सकें. इसके चलते रजिस्टर की संख्या बढ़ गई है. इन रजिस्टर में लिखी हुई एप्लीकेशन के साथ बायोडेटा भी होता है. ऐसे में विवाह तय हो जाने पर यहां आने वाला व्यक्ति अपनी मनोकामना पर राइट का निशान लगा जाते हैं.
900 साल पुराना है मंदिर : पुजारी योगेंद्र कुमार गौतम ने बताया कि मंदिर करीब 900 साल पुराना है. उनकी 19 पीढ़ी इस मंदिर में सेवा कर रही है. पहले राज परिवार के लोग आया करते थे, अब आम जनता और श्रद्धालु आने लग गए हैं. रजिस्टर में अर्जी लगाने वाले लोग कोटा के ही नहीं बल्कि प्रदेश के अन्य जिले बूंदी, बारां, झालावाड़, चित्तौड़गढ़ सहित कई जगह से आते हैं. यहां तक की मध्य प्रदेश के उज्जैन, इंदौर, भोपाल, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात और मुंबई के लोग भी यहां पर आकर अर्जी लगाकर जाते हैं. यह क्रम लगातार जारी है.
बेटी की शादी के लिए अर्जी लगाई, तुरंत हुई सुनवाई : मंदिर में दर्शन के लिए आए राजेश रावल का कहना है कि उनका अपना मकान नहीं है, ऐसे में उन्होंने मकान के लिए अर्जी दी है. उन्होंने पहले अपनी बेटी की शादी के लिए अर्जी लगाई थी. उनका दावा है कि अर्जी लगाने के कुछ समय बाद ही बेटी का रिश्ता हो गया और यह कार्य भी सिद्ध हुआ. इसी आस्था की वजह से लोग यहां पर आ रहे हैं.
लिखी हुई मनोकामना होती है पूरी! : मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचे अतुल का कहना है कि उनके कई परिचितों ने यहां पर अपनी एप्लीकेशन लिखी है. यहां पर मान्यता है कि लिखकर मांगी गई मुराद पूरी हो जाती है. मेरा भी भगवान में काफी विश्वास है. जयपुर निवासी श्रद्धालु नीलम का कहना है कि वह जब भी कोटा आतीं हैं, तब इस मंदिर के दर्शन जरूर करती हैं. उन्होंने लिखित में कोई एप्लीकेशन नहीं दी है, लेकिन मन में ही उन्होंने कई बार भगवान से अपनी मुराद मांगी है. उनका अटूट विश्वास है कि सभी मनोकामनाएं पूरी हुई हैं.