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जुआरी आरक्षक का गजब कारनामा, कैंप से सरकारी रायफल किया पार, जानिए वजह - CONSTABLE STOLE RIFLE IN CAF CAMP

कवर्धा के सीएएफ 17वीं बटालियन में हुए रायफल चोरी को लेकर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है.

constable stole rifle in CAF Camp
कवर्धा के सीएएफ कैंप में चोरी का मामला (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 3 hours ago

कबीरधाम : कवर्धा के सीएएफ 17वीं बटालियन से कुछ दिनों पहले रायफल चोरी की घटना का सामने आई थी. चोरी का केस दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. कबीरधाम पुलिस ने रायफल चोरी के आरोपी आरक्षक को हाथियार के साथ पकड़ लिया है. पुलिस ने खुलासा किया है कि जुआरी आरक्षक ने पैसे के लिए रायफल की चोरी को आंजम दिया था.

जानिए क्या है रायफल चोरी का मामला : कबीरधाम पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक, 3 नवंबर 2024 को सरेखा गांव स्थित सीएएफ के 17वीं बटालियन मुख्यालय से 1 आरक्षक की रायफल चोरी हुई थी. रायफल गुम होने की शिकायत आरक्षक ने अपने अधिकारी को दी. काफी खोजबीन के बाद भी रायफल का पता नहीं चला, जिसके बाद 4 नवंबर 2024 को कोतवाली थाना में रायफल चोरी को लेकर एफआईआर दर्ज कराया गया.

कैंप से रायफल चोरी केस का खुलासा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

रायफल के बदले मांगी 10 लाख की फिरौती : कोतवाली पुलिस ने सीएएफ कैंप में छानबीन कर आरक्षकों से पूछताछ किया, लेकिन कुछ पता नहीं चला. इस बीच अधिकारियों ने जिस जवान की रायफल चोरी हुई थी, उस पर कारवाई करते हुए कार्य में लापरवाही बरतने के कारण निलंबित कर दिया. चोरी के लगभग 1 महीने बाद निलंबित आरक्षक के मोबाइल में अज्ञात नंबर से मैसेज आया. जिसमें चोरी हुए रायफल को वापस करने के एवज में 10 लाख की फिरौती मांगी गई थी. निलंबित आरक्षक ने मामले की जानकारी अपने अधिकारी को दी. कोतवाली पुलिस ने नंबर की छानबीन शुरू किया.

ऐसे पकड़ा गया आरोपी आरक्षक : आरोपी ने 11 दिसंबर को फिरौती का रकम लेकर बिलासपुर जांजगीर चांपा मार्ग में बुलाया था. आरोपी फिरौती मांगने के लिए अलग अलग फर्जी नंबर का इस्तेमाल कर रहा था. इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और एक टीम पैसा लेकर बताए गए जगह पर पहुंची. जैसे ही आरोपी रायफल लेकर आया पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया.

आरोपी आरक्षक 17 वीं बटालियन के मुख्यालय में ड्यूटी कर चुका था, जिसके कारण वह यहां की हर स्थिति से वाकिफ था. आरोपी को जुआ की लत है, जिसकी वजह से उसने रायफल चोरी का प्लान बनाया. वह पूरी प्लानिंग के साथ ड्यूटी में पदस्थ स्थान से एक महीने की छुट्टी लेकर सरेखा सीएएफ कैंप आया और चोरी की घटना को अंजाम दिया. फिरौती मांगने पर पुलिस की टीम आरोपी को पकड़ने रकम लेकर गई और आरोपी को पकड़ लिया. आरोपी ने जिस दुकान से फर्जी सीम खरीदा है, उसे भी गिरफ्तार किया गया है : धर्मेंद्र सिंह छवाई, एसपी, कवर्धा

रायफल और गोली सहित आरोपी गिरफ्तार : पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से चोरी की रायफल और 20 नग जिंदा कारतूस बरामद किया. पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि कर्ज की वजह से उसने रायफल चोरी की. आरोपी ने बताया कि वह ऑनलाइन सट्टा खेलने का आदी है. इस वजह से उसका कर्ज बहुत बढ़ गया है. जिसे चुकान के लिए उसने चोरी की घटना को आंजम दिया था.

फर्जी सिम बेचने वाला भी गिरफ्तार : पुलिस से बचने आरोपी ने अपने दोस्त शाकित केसरवानी मोबाइल दुकान संचालक से फर्जी नंबर वाले बहुत सारे सिम कार्ड खरीदी था. उन्हीं फर्जी नंबरों से आरोपी आरक्षक फिरौती की मांग करने लगा. लेकिन पुलिस ने आरोपी को अपने जाल में फंसा लिया और पकड़ लिया.

कैसे दिया घटना को आंजम : गिरफ्तार आरोपी नरोत्तम रात्रे सीएएफ 17वीं बटालियन में ही पदस्थ हैं. उसकी ड्यूटी चितपाल दंतेवाड़ा में थी. इस दौरान आरोपी छुट्टी लेकर अपने परिवार के पास बटालियन मुख्यालय सरेखा आया था. यहां से परिवार को लेकर वह अपने गांव बलौदाबजार चला गया था. लेकिन उसी रात आरोपी वापस बटालियन आया. वह बाइक कैंप से बाहर रखकर दीवार फांद कर बटालियन में दाखिल हुआ और गार्ड रूम में रखे रायफल को चोरी कर रातों रात अपने गांव बलौदाबजार लौट गया. इसी वजह से पुलिस को उस पर शक नहीं हुआ.

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जानिए क्या है रायफल चोरी का मामला : कबीरधाम पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक, 3 नवंबर 2024 को सरेखा गांव स्थित सीएएफ के 17वीं बटालियन मुख्यालय से 1 आरक्षक की रायफल चोरी हुई थी. रायफल गुम होने की शिकायत आरक्षक ने अपने अधिकारी को दी. काफी खोजबीन के बाद भी रायफल का पता नहीं चला, जिसके बाद 4 नवंबर 2024 को कोतवाली थाना में रायफल चोरी को लेकर एफआईआर दर्ज कराया गया.

कैंप से रायफल चोरी केस का खुलासा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

रायफल के बदले मांगी 10 लाख की फिरौती : कोतवाली पुलिस ने सीएएफ कैंप में छानबीन कर आरक्षकों से पूछताछ किया, लेकिन कुछ पता नहीं चला. इस बीच अधिकारियों ने जिस जवान की रायफल चोरी हुई थी, उस पर कारवाई करते हुए कार्य में लापरवाही बरतने के कारण निलंबित कर दिया. चोरी के लगभग 1 महीने बाद निलंबित आरक्षक के मोबाइल में अज्ञात नंबर से मैसेज आया. जिसमें चोरी हुए रायफल को वापस करने के एवज में 10 लाख की फिरौती मांगी गई थी. निलंबित आरक्षक ने मामले की जानकारी अपने अधिकारी को दी. कोतवाली पुलिस ने नंबर की छानबीन शुरू किया.

ऐसे पकड़ा गया आरोपी आरक्षक : आरोपी ने 11 दिसंबर को फिरौती का रकम लेकर बिलासपुर जांजगीर चांपा मार्ग में बुलाया था. आरोपी फिरौती मांगने के लिए अलग अलग फर्जी नंबर का इस्तेमाल कर रहा था. इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाया और एक टीम पैसा लेकर बताए गए जगह पर पहुंची. जैसे ही आरोपी रायफल लेकर आया पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया.

आरोपी आरक्षक 17 वीं बटालियन के मुख्यालय में ड्यूटी कर चुका था, जिसके कारण वह यहां की हर स्थिति से वाकिफ था. आरोपी को जुआ की लत है, जिसकी वजह से उसने रायफल चोरी का प्लान बनाया. वह पूरी प्लानिंग के साथ ड्यूटी में पदस्थ स्थान से एक महीने की छुट्टी लेकर सरेखा सीएएफ कैंप आया और चोरी की घटना को अंजाम दिया. फिरौती मांगने पर पुलिस की टीम आरोपी को पकड़ने रकम लेकर गई और आरोपी को पकड़ लिया. आरोपी ने जिस दुकान से फर्जी सीम खरीदा है, उसे भी गिरफ्तार किया गया है : धर्मेंद्र सिंह छवाई, एसपी, कवर्धा

रायफल और गोली सहित आरोपी गिरफ्तार : पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से चोरी की रायफल और 20 नग जिंदा कारतूस बरामद किया. पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि कर्ज की वजह से उसने रायफल चोरी की. आरोपी ने बताया कि वह ऑनलाइन सट्टा खेलने का आदी है. इस वजह से उसका कर्ज बहुत बढ़ गया है. जिसे चुकान के लिए उसने चोरी की घटना को आंजम दिया था.

फर्जी सिम बेचने वाला भी गिरफ्तार : पुलिस से बचने आरोपी ने अपने दोस्त शाकित केसरवानी मोबाइल दुकान संचालक से फर्जी नंबर वाले बहुत सारे सिम कार्ड खरीदी था. उन्हीं फर्जी नंबरों से आरोपी आरक्षक फिरौती की मांग करने लगा. लेकिन पुलिस ने आरोपी को अपने जाल में फंसा लिया और पकड़ लिया.

कैसे दिया घटना को आंजम : गिरफ्तार आरोपी नरोत्तम रात्रे सीएएफ 17वीं बटालियन में ही पदस्थ हैं. उसकी ड्यूटी चितपाल दंतेवाड़ा में थी. इस दौरान आरोपी छुट्टी लेकर अपने परिवार के पास बटालियन मुख्यालय सरेखा आया था. यहां से परिवार को लेकर वह अपने गांव बलौदाबजार चला गया था. लेकिन उसी रात आरोपी वापस बटालियन आया. वह बाइक कैंप से बाहर रखकर दीवार फांद कर बटालियन में दाखिल हुआ और गार्ड रूम में रखे रायफल को चोरी कर रातों रात अपने गांव बलौदाबजार लौट गया. इसी वजह से पुलिस को उस पर शक नहीं हुआ.

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