भरतपुर: तेज वर्षा के कारण करौली जिले से निकलने वाली गम्भीरी नदी में पांचना बांध से 5 गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है, जिसके चलते जिले के बयाना एवं रूपवास तहसील के गम्भीरी नदी के तटीय क्षेत्र में बसे गांवों के नागरिकों को इस दौरान नदी के बहाव क्षेत्र में नहीं जाने की अपील की गई है. साथ ही जिला कलेक्टर ने एसडीआरएफ टीम, जल संसाधन, पंचायती राज, चिकित्सा विभाग और स्थानीय प्रशासन को जरूरी संसाधनों के साथ अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं. वहीं, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को जल्द ही पांचना बांध का पानी मिलने की उम्मीद है.
जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव ने बताया कि गम्भीरी नदी में पांचना बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नदी के तटीय क्षेत्रों में बसे गांवों के नागरिकों को सावचेत रहने के निर्देश दिए हैं. सम्बंधित गांवों में स्थानीय पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों को सूचित कर पानी के तेज बहाव को देखते हुए नदी के बहाव क्षेत्र में नहीं जाने के लिए पाबंद किया है. उन्होंने आमजन को नदी के बहाव क्षेत्र में पानी की आवक को देखते हुए संसाधनों को बहाव क्षेत्र से हटाने, महिलाओं, बच्चों को इस दौरान नदी के आसपास नहीं जाने देने के लिए आहृवान किया है.
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जिला कलेक्टर ने लगातार बरसात की चेतावनी एवं गम्भीरी नदी में पांचना बांध से पानी छोड़े जाने को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम, जल संसाधन विभाग, पंचायतीराज विभाग, चिकित्सा विभाग एवं उपखण्ड प्रशासन रूपवास एवं बयाना को मय आवश्यक संसाधनों के अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर ने सभी विभागों को पुराने व क्षतिग्रस्त घरों को चिह्नित कर रिपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं, ताकि वर्षा जनित घटनाओं को रोका जा सके.
इन गांवों में चेतावनी : अधीक्षण अभियंता जल संसाधन देवी सिंह बेनीवाल ने बताया कि नदी में पानी की अधिक आवक होने पर तहसील बयाना के चीखरू, पीपरिया, धुरेरी, मावली, महरावर, नहरौली, चक बीछी, सिंघाडा, शीदपुर, नदी का गांव प्रभावित होंगे. साथ ही तहसील रूपवास में दाहिना गांव, महलपुर काछी, मुर्रिका, कांधौली, दौलतगढ़, सिकरौदा, पिचूना, रसीलपुर, मिल्सवां, देवरी, पांड्री, मैरथा गांव प्रभावित होंगे.
खटनावली का बांध टूटा : बयाना इलाके में तीन दिन से तेज बरसात का दौर जारी है, जिसके चलते शनिवार सुबह नयागांव-खटनावली बांध टूट गया. बांध टूटने से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव हो गया. दहगांव गांव के खेत जलमग्न हो गए. ग्रामीणों का आरोप है कि बांध की मरम्मत के लिए कई बार अधिकारियों से बोला गया, लेकिन पंचायत समिति प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की, जिसकी वजह से बांध टूट गया. आक्रोशित ग्रामीणों की सूचना के बाद प्रशासन द्वारा मौके पर पहुंचकर जेसीबी की मदद से टूटे बांध के पानी को रोकने का प्रयास किया जा रहा है.