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श्रद्धालुओं ने पवित्र गाडू घड़ा कलश के किए दर्शन, तेल से भगवान बदरी विशाल का होगा लेप - gadu ghada kalash yatra

Gadu Ghada Kalash Yatra In Rishikesh अतीत से ही भगवान बदरी विशाल के लेप और अखंड ज्योति के लिए तिल का तेल निकाल लिया गया है. नरेंद्रनगर के राजमहल में पारंपरिक पीले वस्त्र धारण महिलाएं मूसल और सिलबट्टे से तिलों का तेल निकालती है. जिससे भगवान बदरी विशाल का श्रृंगार किया जाता है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 26, 2024, 3:09 PM IST

Updated : Apr 26, 2024, 3:21 PM IST

ऋषिकेश में श्रद्धालुओं ने पवित्र गाडू घड़ा कलश के किए दर्शन

ऋषिकेश: विश्व प्रसिद्ध भगवान बदरी विशाल का जिस तिल के तेल से श्रृंगार किया जाता है, आज उस तिल के तेल का गाडू घड़ा नरेंद्रनगर राजमहल से अपने प्रथम पड़ाव ऋषिकेश पहुंचा. श्रद्धालुओं के दर्शनों को गाडू घड़ा रेलवे स्टेशन के निकट चेला चेतराम धर्मशाला में रखा गया है.

गाडू घड़ा के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ धर्मशाला में पहुंची. लगातार श्रद्धालु गाडू घड़ा के आगे शीश झुका कर भगवान बदरी नारायण का आशीर्वाद लिया. श्रद्धालुओं ने गाडू घड़ा के आगे भगवान बदरी नारायण का भजन कीर्तन भी किया. भगवान बदरी विशाल के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. गाडू घड़ा दर्शन के लिए कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और मेयर अनीता ममगाईं सहित तमाम राजनीतिक धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोग भी पहुंचे. डिमरी पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ने बताया कि प्राचीन काल से ही परंपरा चली आ रही है.

rishikesh
सुहागिन महिलाएं तैयार करती हैं तिल का तेल
पढ़ें-नरेंद्रनगर राजमहल में सुहागिन महिलाओं ने पिरोया तिल का तेल, भगवान बदरी विशाल का होगा लेप

भगवान बदरी विशाल के श्रृंगार करने के लिए नरेंद्र नगर राजघराने की रानी और सुहागिन महिलाएं अपने हाथों से तिल का तेल निकालती हैं. जिसे पारंपरिक रिवाज के अनुसार चांदी के कलश में भरा जाता है. इस तेल कलश को गाडू घड़ा का नाम दिया गया है, जो आज ऋषिकेश पहुंचा है. 11 मई तक गाडू घड़ा विभिन्न पड़ावों से होते हुए बदरीनाथ धाम पहुंचेगा और कपाट खुलने के बाद भगवान बदरी विशाल का इस तेल से श्रृंगार किया जाएगा. डिमरी पंचायत अध्यक्ष आशुतोष डिमरी की अगुवाई में डिम्मर पंचायत के सदस्य दो चरणों में पवित्र गाडू घड़ा कलश को बदरीनाथ धाम पहुंचाएंगे, जहां पर कपाट खुलने के बाद भगवान बदरीनाथ श्रृंगार किया जाएगा. बताते चलें कि इस साल बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.

ऋषिकेश में श्रद्धालुओं ने पवित्र गाडू घड़ा कलश के किए दर्शन

ऋषिकेश: विश्व प्रसिद्ध भगवान बदरी विशाल का जिस तिल के तेल से श्रृंगार किया जाता है, आज उस तिल के तेल का गाडू घड़ा नरेंद्रनगर राजमहल से अपने प्रथम पड़ाव ऋषिकेश पहुंचा. श्रद्धालुओं के दर्शनों को गाडू घड़ा रेलवे स्टेशन के निकट चेला चेतराम धर्मशाला में रखा गया है.

गाडू घड़ा के दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ धर्मशाला में पहुंची. लगातार श्रद्धालु गाडू घड़ा के आगे शीश झुका कर भगवान बदरी नारायण का आशीर्वाद लिया. श्रद्धालुओं ने गाडू घड़ा के आगे भगवान बदरी नारायण का भजन कीर्तन भी किया. भगवान बदरी विशाल के जयकारे से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया. गाडू घड़ा दर्शन के लिए कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और मेयर अनीता ममगाईं सहित तमाम राजनीतिक धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोग भी पहुंचे. डिमरी पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ने बताया कि प्राचीन काल से ही परंपरा चली आ रही है.

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सुहागिन महिलाएं तैयार करती हैं तिल का तेल
पढ़ें-नरेंद्रनगर राजमहल में सुहागिन महिलाओं ने पिरोया तिल का तेल, भगवान बदरी विशाल का होगा लेप

भगवान बदरी विशाल के श्रृंगार करने के लिए नरेंद्र नगर राजघराने की रानी और सुहागिन महिलाएं अपने हाथों से तिल का तेल निकालती हैं. जिसे पारंपरिक रिवाज के अनुसार चांदी के कलश में भरा जाता है. इस तेल कलश को गाडू घड़ा का नाम दिया गया है, जो आज ऋषिकेश पहुंचा है. 11 मई तक गाडू घड़ा विभिन्न पड़ावों से होते हुए बदरीनाथ धाम पहुंचेगा और कपाट खुलने के बाद भगवान बदरी विशाल का इस तेल से श्रृंगार किया जाएगा. डिमरी पंचायत अध्यक्ष आशुतोष डिमरी की अगुवाई में डिम्मर पंचायत के सदस्य दो चरणों में पवित्र गाडू घड़ा कलश को बदरीनाथ धाम पहुंचाएंगे, जहां पर कपाट खुलने के बाद भगवान बदरीनाथ श्रृंगार किया जाएगा. बताते चलें कि इस साल बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.

Last Updated : Apr 26, 2024, 3:21 PM IST
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