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कमाल की दोस्ती : 90 साल बाद भी जारी है यारी, शादी से लेकर मुंडन तक का रस्म निभाता है दोनों परिवार - Friendship Day 2024

मित्रता दिवस स्पेशल : इस तरह की हो तो कमाल की है दोस्‍ती...जी हां, हम बात कर रहे हैं बीकानेर के दो दोस्तों की, जिन्होंने मिलकर व्यापार शुरू किया और आज 90 साल बाद भी उनके वंशज एक साथ परिवार की तरह मिलकर कारोबार कर रहे हैं. हर सुख-दुख में दोनों का परिवार एक साथ खड़ा नजर आता है. देखिए ये रिपोर्ट...

FRIENDSHIP DAY 2024
कमाल की दोस्ती (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 4, 2024, 6:18 AM IST

दो दोस्तों की कहानी उन्हीं की जुबानी (ETV Bharat Bikaner)

बीकानेर: कहते हैं, रिश्ता चाहे किसी तरह का हो, लेकिन उसमें आपसी विश्वास जरूरी होता है. चाहे सगा भाई हो या फिर मित्र या व्यापारिक साझेदार, अगर रिश्ते में विश्वास है तो यह टिका रहता है. व्यापारिक साझेदारी में विश्वास वो धुरी है, जिस पर पूरा कारोबार निर्भर रहता है. मित्रता दिवस के मौके पर जानिए बीकानेर के दो दोस्तों की ऐसी ही शानदारी कहानी...

दो दोस्तों ने मिलकर शुरू किया कारोबार : आज 4 अगस्त 2024 को मित्रता दिवस के मौके पर हम आपको बीकानेर के दो दोस्तों की करीब 90 साल पहले शुरू की गई कारोबार से जुड़ी वह कहानी बता रहे हैं, जिसे अब उनकी चौथी पीढ़ी कर रही है और पांचवी पीढ़ी व्यापारिक साझेदारी के रूप में आगे बढ़ाने को तैयार है. बीकानेर में माहेश्वरी जाति के चांडक और पुष्करणा ब्राह्मण जाति के कल्ला परिवार के दो दोस्तों ने साथ व्यापार को शुरू किया और आज उनके वंशज एक साथ कारोबार कर रहे हैं.

पढ़ें : एक ऐसा मंदिर जहां दूल्हा- दुल्हन के रूप में विराजमान हैं भगवान शिव और पार्वती - Sawan Special Story

पांचवी पीढ़ी तैयार : बीकानेर एशिया की सबसे बड़ी ऊन मंडी के रूप में प्रसिद्ध है और बीकानेर में ऊन कारोबार की बड़ी फर्म मुकुंदलाल मोतीलाल वर्तमान में कार्यरत है. मोतीलाल चांडक के पुत्र बृजमोहन चांडक कहते हैं कि आज से करीब 90 साल पहले उनके दादाजी भैरूबक्श चांडक ने अपने मित्र छोटूलाल कल्ला के साथ मिलकर इस कारोबार को शुरू किया. इसके बाद उनके पिताजी ने मुकुंदलाल कल्ला के साथ मिलकर इस कारोबार को आगे बढ़ाया और एक और नई फर्म मुकुंदलाल मोतीलाल ने स्थापना की. आज बीकानेर में इस फर्म को एमएम ग्रुप के नाम से जाना जाता है. मुकुंदलाल कल्ला के पुत्र जगत नारायण कल्ला कहते हैं कि उनके दादाजी ने इस कारोबार को शुरू किया और अब उनके पुत्र और पौत्र भी इस कारोबार में साथ में ही हैं. वह कहते हैं कि मेरी उम्र 65 वर्ष हो गई है और मेरे जन्म के पूर्व से ही यह फर्म काम कर रही है.

पढ़ें : ये हाईटेक चश्मा दृष्टिहीनों की राह बनाएगा आसान, खासियत जान रह जाएंगे हैरान - Special Glasses For Blind

दूसरे व्यवसाय में भी कदम : जगत नारायण कल्ला कहते हैं कि ऊन कारोबार के साथ ही अब मूंगफली और कारपेट का भी काम इस ग्रुप में है. देश ही नहीं विदेशों तक इस फर्म के बनाए हुए कारपेट निर्यात किए जाते हैं.

सुख और दुख दोनों में हैं साथ : बृजमोहन चांडक बताते हैं कि व्यापारिक साझेदारी केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि अब दोनों परिवारों के हर सुख-दुख और छोटे से बड़े आयोजन तक दोनों परिवार के हर सदस्य एक दूसरे के साथ रहते हैं. एक के परिवार में शादी होती है तो दूसरे परिवार के सदस्यों का नाम भी न सिर्फ कार्ड में होता है, बल्कि आयोजन में भी वह पूरी तरह से सक्रिय रहते हैं. यहां तक कि किसी एक के परिवार में दुख हो तो भी साथ रहते हैं और किसी सदस्य की मौत हुई तो मुंडन तक की रस्म भी दूसरे परिवार के सदस्य निभाते हैं.

दो दोस्तों की कहानी उन्हीं की जुबानी (ETV Bharat Bikaner)

बीकानेर: कहते हैं, रिश्ता चाहे किसी तरह का हो, लेकिन उसमें आपसी विश्वास जरूरी होता है. चाहे सगा भाई हो या फिर मित्र या व्यापारिक साझेदार, अगर रिश्ते में विश्वास है तो यह टिका रहता है. व्यापारिक साझेदारी में विश्वास वो धुरी है, जिस पर पूरा कारोबार निर्भर रहता है. मित्रता दिवस के मौके पर जानिए बीकानेर के दो दोस्तों की ऐसी ही शानदारी कहानी...

दो दोस्तों ने मिलकर शुरू किया कारोबार : आज 4 अगस्त 2024 को मित्रता दिवस के मौके पर हम आपको बीकानेर के दो दोस्तों की करीब 90 साल पहले शुरू की गई कारोबार से जुड़ी वह कहानी बता रहे हैं, जिसे अब उनकी चौथी पीढ़ी कर रही है और पांचवी पीढ़ी व्यापारिक साझेदारी के रूप में आगे बढ़ाने को तैयार है. बीकानेर में माहेश्वरी जाति के चांडक और पुष्करणा ब्राह्मण जाति के कल्ला परिवार के दो दोस्तों ने साथ व्यापार को शुरू किया और आज उनके वंशज एक साथ कारोबार कर रहे हैं.

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पांचवी पीढ़ी तैयार : बीकानेर एशिया की सबसे बड़ी ऊन मंडी के रूप में प्रसिद्ध है और बीकानेर में ऊन कारोबार की बड़ी फर्म मुकुंदलाल मोतीलाल वर्तमान में कार्यरत है. मोतीलाल चांडक के पुत्र बृजमोहन चांडक कहते हैं कि आज से करीब 90 साल पहले उनके दादाजी भैरूबक्श चांडक ने अपने मित्र छोटूलाल कल्ला के साथ मिलकर इस कारोबार को शुरू किया. इसके बाद उनके पिताजी ने मुकुंदलाल कल्ला के साथ मिलकर इस कारोबार को आगे बढ़ाया और एक और नई फर्म मुकुंदलाल मोतीलाल ने स्थापना की. आज बीकानेर में इस फर्म को एमएम ग्रुप के नाम से जाना जाता है. मुकुंदलाल कल्ला के पुत्र जगत नारायण कल्ला कहते हैं कि उनके दादाजी ने इस कारोबार को शुरू किया और अब उनके पुत्र और पौत्र भी इस कारोबार में साथ में ही हैं. वह कहते हैं कि मेरी उम्र 65 वर्ष हो गई है और मेरे जन्म के पूर्व से ही यह फर्म काम कर रही है.

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दूसरे व्यवसाय में भी कदम : जगत नारायण कल्ला कहते हैं कि ऊन कारोबार के साथ ही अब मूंगफली और कारपेट का भी काम इस ग्रुप में है. देश ही नहीं विदेशों तक इस फर्म के बनाए हुए कारपेट निर्यात किए जाते हैं.

सुख और दुख दोनों में हैं साथ : बृजमोहन चांडक बताते हैं कि व्यापारिक साझेदारी केवल व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि अब दोनों परिवारों के हर सुख-दुख और छोटे से बड़े आयोजन तक दोनों परिवार के हर सदस्य एक दूसरे के साथ रहते हैं. एक के परिवार में शादी होती है तो दूसरे परिवार के सदस्यों का नाम भी न सिर्फ कार्ड में होता है, बल्कि आयोजन में भी वह पूरी तरह से सक्रिय रहते हैं. यहां तक कि किसी एक के परिवार में दुख हो तो भी साथ रहते हैं और किसी सदस्य की मौत हुई तो मुंडन तक की रस्म भी दूसरे परिवार के सदस्य निभाते हैं.

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